كورنثوس الأولى 16 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

كورنثوس الأولى 16:1-24

تبرعات شعب الله

1وَأَمَّا بِخُصُوصِ جَمْعِ التَّبَرُّعَاتِ لِلْقِدِّيسِينَ، فَكَمَا أَوْصَيْتُ الْكَنَائِسَ فِي مُقَاطَعَةِ غَلاطِيَّةَ، كَذلِكَ اعْمَلُوا أَنْتُمْ أَيْضاً. 2فَفِي أَوَّلِ يَوْمٍ مِنَ الأُسْبُوعِ، لِيَضَعْ كُلٌّ مِنْكُمْ جَانِباً مَّا يَتَيَسَّرُ لَهُ مِمَّا يَكْسِبُهُ؛ وَلْيَحْتَفِظْ بِهِ، حَتَّى لَا يَحْصُلَ الْجَمْعُ عِنْدَمَا أَذْهَبُ إِلَيْكُمْ. 3وَعِنْدَ وُصُولِي، أَبْعَثُ مَنْ تَسْتَحْسِنُونَ لِيَحْمِلُوا مَا تَكَرَّمْتُمْ بِهِ إِلَى أُورُشَلِيمَ، بَعْدَ أَنْ أُزَوِّدَهُمْ بِرَسَائِلَ. 4وَإِنْ كَانَ فِي الأَمْرِ مَا يَدْعُونِي إِلَى مُرَافَقَتِهِمْ، فَيَذْهَبُونَ مَعِي.

طلب شخصي

5وَلَكِنِّي سَأَذْهَبُ إِلَيْكُمْ لَدَى اجْتِيَازِي فِي مُقَاطَعَةِ مَقِدُونِيَّةَ، لأَنِّي إِنَّمَا سَأَجْتَازُ فِيهَا، 6وَرُبَّمَا أُقَضِّي عِنْدَكُمْ مُدَّةً مِنَ الزَّمَنِ، أَوْ رُبَّمَا أُقَضِّي الشِّتَاءَ كُلَّهُ عِنْدَكُمْ ثُمَّ تُسَهِّلُونَ لِي سَبِيلَ السَّفَرِ إِلَى أَيَّةِ جِهَةٍ أَذْهَبُ إِلَيْهَا. 7فَأَنَا لَا أُرِيدُ أَنْ أَزُورَكُمْ كَعَابِرِ سَبِيلٍ هَذِهِ الْمَرَّةَ، بَلْ أَرْجُو أَنْ تَطُولَ إِقَامَتِي عِنْدَكُمْ إِنْ أَذِنَ الرَّبُّ. 8عَلَى أَنِّي سَأَبْقَى فِي أَفَسُسَ حَتَّى الْيَوْمِ الْخَمْسِينَ (أَيْ عِيدِ الْحَصَادِ الْيَهُودِيِّ) 9لأَنَّ بَاباً كَبِيراً وَفَعَّالاً قَدِ انْفَتَحَ لِي، وَالْمُقَاوِمُونَ كَثِيرُونَ!

10وَإذَا وَصَلَ تِيمُوثَاوُسُ إِلَيْكُمْ، فَاهْتَمُّوا بِأَنْ يَكُونَ مُطْمَئِنّاً عِنْدَكُمْ، لأَنَّهُ يَقُومُ بِعَمَلِ الرَّبِّ مِثْلِي. 11فَلا يَسْتَخِفّ بِهِ أَحَدٌ، بَلْ سَهِّلُوا لَهُ السَّبِيلَ لِيَعُودَ إِلَيَّ بِسَلامٍ، فَأَنَا أَنْتَظِرُ وُصُولَهُ، مَعَ الإِخْوَةِ. 12أَمَّا الأَخُ أَبُلُّوسُ، فَكَثِيراً مَا طَلَبْتُ إِلَيْهِ أَنْ يُرَافِقَ الإِخْوَةَ فِي الذَّهَابِ إِلَيْكُمْ. وَلكِنْ، لَمْ تَكُنْ لَدَيْهِ رَغْبَةٌ قَطُّ فِي أَنْ يَذْهَبَ الآنَ. عَلَى أَنَّهُ سَيَذْهَبُ عِنْدَمَا تَتَوَفَّرُ لَهُ الْفُرْصَةُ الْمُنَاسِبَةُ.

التحية الختامية

13كُونُوا مُتَيَقِّظِينَ حَذِرِينَ. اثْبُتُوا فِي الإِيمَانِ. كُونُوا رِجَالاً. كُونُوا أَقْوِيَاءَ. 14وَكُلُّ مَا تَعْمَلُونَهُ، فَاعْمَلُوهُ فِي الْمَحَبَّةِ.

15عَلَى أَنِّي، أَيُّهَا الإِخْوَةُ، أَطْلُبُ إِلَيْكُمْ هَذَا الطَّلَبَ: أَنْتُمْ تَعْرِفُونَ عَائِلَةَ اسْتِفَانَاسَ، فَهُمْ بَاكُورَةُ أَخَائِيَةَ، وَقَدْ كَرَّسُوا أَنْفُسَهُمْ لِخِدْمَةِ الْقِدِّيسِينَ، 16فَاخْضَعُوا لَهُمْ وَلأَمْثَالِهِمْ، وَلِكُلِّ مَنْ يَشْتَرِكُ مَعَهُمْ بِاجْتِهَادٍ فِي الْعَمَلِ. 17سُرِرْتُ كَثِيراً بِمَجِيءِ اسْتِفَانَاسَ وَفُرْتُونَاتُوسَ وَأَخَائِيكُوسَ. فَقَدْ نَابُوا عَنْكُمْ فِي سَدِّ الاحْتِيَاجِ. 18إِذْ أَنْعَشُوا رُوحِي وَرُوحَكُمْ. فَقَدِّرُوا مِثْلَ هؤُلاءِ حَقَّ التَّقْدِيرِ!

19الْكَنَائِسُ فِي مُقَاطَعَةِ أَسِيَّا تُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ. وَيُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ فِي الرَّبِّ كَثِيراً، أَكِيلا وَبِرِيسْكِلّا مَعَ الْكَنِيسَةِ الَّتِي فِي بَيْتِهِمَا. 20جَمِيعُ الإِخْوَةِ يُسَلِّمُونَ عَلَيْكُمْ. سَلِّمُوا بَعْضُكُمْ عَلَى بَعْضٍ بِقُبْلَةٍ طَاهِرَةٍ.

21وَإِلَيْكُمْ سَلامِي، أَنَا بُولُسَ، بِخَطِّ يَدِي. 22إِنْ كَانَ أَحَدٌ لَا يُحِبُّ الرَّبَّ فَلْيَكُنْ «أَنَاثِيمَا» (أَيْ مَلْعُوناً)!

«مَارَانَاثَا» (أَيْ رَبَّنَا، تَعَالَ)!

23لِتَكُنْ مَعَكُمْ نِعْمَةُ الرَّبِّ يَسُوعَ الْمَسِيحِ!

24وَلَكُمْ جَمِيعاً مَحَبَّتِي فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ! آمِين.

Hindi Contemporary Version

1 कोरिंथ 16:1-24

सहायता के लिए धनराशि संबंधी निर्देश

1अब पवित्र लोगों की सहायता के लिए धनराशि के संबंध में: इस विषय में मैंने, जो आज्ञा गलातिया प्रदेश की कलीसियाओं को दी थी, उन्हीं आज्ञाओं का पालन तुम भी करो. 2सप्‍ताह के पहले दिन तुममें से हर एक अपनी आय के अनुसार कुछ धनराशि अलग रख छोड़े कि मेरे वहां आने पर तुम्हें धन इकट्ठा न करना पड़े. 3जब मैं वहां आऊंगा, तुम्हारे द्वारा चुने गए व्यक्तियों को पत्रों के साथ भेज दूंगा कि वे इकट्ठा राशि को येरूशलेम पहुंचा दें. 4यदि मेरा जाना भी सही हुआ तो वे मेरे साथ जा सकेंगे.

व्यक्तिगत विनती

5में मकेदोनिया यात्रा के बाद तुम्हारे पास आऊंगा क्योंकि मैं मकेदोनिया यात्रा की योजना बना रहा हूं. 6संभवतः मैं आकर तुम्हारे साथ कुछ समय व्यतीत करूं या पूरी शीत ऋतु ही कि तुम मुझे मेरे आगे के सफर की ओर, मैं जहां कहीं जाऊं, विदा कर सको. 7मैं नहीं चाहता कि तुमसे केवल चलते-चलते मिलूं परंतु मेरी आशा है कि यदि परमेश्वर चाहें तो मैं तुम्हारे साथ कुछ समय व्यतीत करूं. 8मैं पेन्तेकॉस्त पर्व तक इफ़ेसॉस नगर में ही रहूंगा 9क्योंकि मेरे लिए वहां उपयोगी सेवा का द्वार खुला है. इसके अतिरिक्त वहां मेरे अनेक विरोधी भी हैं.

10जब तिमोथियॉस वहां आए तो यह सुनिश्चित करना कि वह तुम्हारे साथ निश्चिंत रहे क्योंकि मेरे समान वह भी प्रभु के काम में जुड़ा है. 11ध्यान रहे कि कोई उसे तुच्छ न समझे. उसे सकुशल विदा करना कि वह मेरे पास लौट आए. मैं अन्य भाइयों के साथ उसकी प्रतीक्षा में हूं.

12अब हमारे भाई अपोल्लॉस के संबंध में: मैंने उनसे बार-बार विनती की कि वह अन्य भाइयों के साथ तुम्हारे पास आएं किंतु वह इस समय यात्रा के लिए तैयार नहीं किंतु सही अवसर प्राप्‍त होते ही वह वहां आएंगे.

13जागते रहो, विश्वास में स्थिर रहो, निडर बनो, निश्चय करो 14तथा हर एक काम प्रेम भाव में ही करो.

15स्तेफ़ानॉस के कुटुंबियों के विषय में तो तुम्हें मालूम ही है कि वे आखाया प्रदेश के पहले फल हैं. उन्होंने स्वयं को पवित्र लोगों की सेवा के लिए समर्पित किया हुआ है. इसलिये प्रिय भाई बहनो, मेरी तुमसे विनती है 16कि तुम उनका तथा ऐसे व्यक्तियों का नेतृत्व स्वीकार करो, जो मेरे काम में सहायक तथा परिश्रम करते हैं. 17स्तेफ़ानॉस, फ़ॉरतुनातॉस तथा अखियाकॉस का यहां आना मेरे लिए आनंद का विषय है. उनके कारण तुम्हारी ओर से जो कमी थी, वह पूरी हो गई. 18उनके कारण मेरे और तुम्हारे मन में नई ताज़गी का संचार हुआ है. ऐसे व्यक्तियों को मान्यता अवश्य दी जाए.

अभिनंदन व आशीर्वचन

19आसिया प्रदेश की कलीसियाओं का तुम्हें नमस्कार.

अकुलॉस और प्रिस्का तथा उस कलीसिया की ओर से, जो उनके घर पर आराधना के लिए इकट्ठा होती है, प्रभु में तुम्हें बहुत-बहुत नमस्कार.

20यहां सभी भाई बहनों की ओर से तुम्हें नमस्कार.

पवित्र चुंबन के साथ एक दूसरे का नमस्कार करो.

21मैं, पौलॉस तुम्हें अपने हाथ से यह नमस्कार लिख रहा हूं.

22जो कोई प्रभु से प्रेम नहीं करता, वह शापित हो. हे हमारे प्रभु आ16:22 हे हमारे प्रभु आ मूल में मारान आथा यह अरामी भाषा में आदिम कलीसिया की एक प्रार्थना रही!

23तुम पर प्रभु येशु मसीह का अनुग्रह हो.

24मसीह येशु में मेरा प्रेम तुम पर हमेशा रहे, आमेन.