التثنية 15 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

التثنية 15:1-23

سنة إلغاء الديون

1وَفِي آخِرِ كُلِّ سَنَةٍ سَابِعَةٍ تُبْرِئُ الْمَدْيُونِينَ مِنَ الدُّيُونِ 2وَهَذَا هُوَ الإِجْرَاءُ: يَقُومُ كُلُّ دَائِنٍ بِإِبْرَاءِ مَدِينِهِ مِمَّا أَقْرَضَهُ، وَلا يُطَالِبُ أَخَاهُ الإِسْرَائِيلِيَّ بِهِ، لأَنَّهُ قَدْ نُودِيَ بِوَقْتِ الرَّبِّ لإِلْغَاءِ الدُّيُونِ. 3أَمَّا الأَجْنَبِيُّ فَتُطَالِبُهُ بِالدَّيْنِ، وَأَمَّا أَخُوكَ فَتُبْرِئُهُ مِنْ دُيُونِهِ. 4وَلَكِنْ لَنْ يَكُونَ فَقِيرٌ بَيْنَكُمْ، لأَنَّ الرَّبَّ سَيُبَارِكُ الأَرْضَ الَّتِي وَرَّثَهَا لَكُمْ مِلْكاً. 5فَإِنْ سَمِعْتُمْ صَوْتَ الرَّبِّ إِلَهِكُمْ وَأَطَعْتُمْ، وَعَمِلْتُمْ بِكُلِّ مَا أَنَا أَوْصَيْتُكُمْ بِهِ الْيَوْمَ، 6فَإِنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ يُبَارِكُكُمْ كَمَا وَعَدَ، فَتُقْرِضُونَ أُمَماً كَثِيرَةً وَلا تَقْتَرِضُونَ مِنْ أَحَدٍ، وَتَتَسَلَّطُونَ عَلَى أُمَمٍ كَثِيرَةٍ وَلا يَتَسَلَّطُ أَحَدٌ عَلَيْكُمْ.

7إِنْ وُجِدَ بَيْنَكُمْ إِسْرَائِيلِيٌّ فَقِيرٌ مُقِيمٌ فِي أَيِّ مَدِينَةٍ مِنْ مُدُنِ الأَرْضِ الَّتِي سَيَهَبُهَا لَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ، فَلا تُقَسُّوا قُلُوبَكُمْ وَتَمْتَنِعُوا عَنْ إِعَانَتِهِ، 8بَلِ اسْخُوا عَلَيْهِ وَأَقْرِضُوهُ مِقْدَارَ مَا يَحْتَاجُ إِلَيْهِ. 9إِيَّاكُمْ أَنْ تُحَدِّثُوا قُلُوبَكُمْ بِخُبْثٍ قَائِلِينَ: هَا قَدْ قَرُبَتِ السَّنَةُ السَّابِعَةُ، سَنَةُ الإِبْرَاءِ مِنَ الدُّيُونِ فَيَسُوءُ الأَمْرُ فِي أَعْيُنِكُمْ وَتَمْتَنِعُونَ عَنْ إِقْرَاضِهِ. فَإِنْ فَعَلْتُمْ هَذَا فَإِنَّهُ يَسْتَغِيثُ بِالرَّبِّ عَلَيْكُمْ، فَتُصْبِحُونَ مُذْنِبِينَ فِي حُكْمِ الرَّبِّ. 10أَقْرِضُوهُ عَنْ طِيبِ خَاطِرٍ، لأَنَّهُ مِنْ أَجْلِ هَذَا يُبَارِكُكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ فِي كُلِّ أَعْمَالِكُمْ وَمَا تُنْتِجُهُ أَيْدِيكُمْ، 11فَالأَرْضُ لَنْ تَخْلُوَ أَبَداً مِنَ الْفُقَرَاءِ، لِهَذَا أُوصِيكُمْ أَنْ تَسْخُوا عَلَى أَخِيكُمُ الْمِسْكِينِ وَالْفَقِيرِ الْمُقِيمِ فِي أَرْضِكُمْ.

تحرير العبيد

12إِذَا اشْتَرَيْتَ عِبْرَانِيًّا أَوْ عِبْرَانِيَّةً، وَخَدَمَكَ سِتَّ سَنَوَاتٍ، فَفِي السَّنَةِ السَّابِعَةِ تُطْلِقُهُ حُرّاً مِنْ عِنْدِكَ. 13لَا تُطْلِقْهُ صِفْرَ الْيَدَيْنِ، 14بَلْ زَوِّدْهُ مِمَّا بَارَكَكَ الرَّبُّ إِلَهُكَ بِهِ، مِنْ غَنَمٍ وَقَمْحٍ وَزَيْتٍ. 15وَاذْكُرُوا أَنَّكُمْ كُنْتُمْ عَبِيداً فِي دِيَارِ مِصْرَ، فَحَرَّرَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ. لِذَلِكَ أُوصِيكُمْ بِهَذَا الأَمْرِ الْيَوْمَ. 16وَلَكِنْ إِنْ قَالَ لَكَ الْعَبْدُ: إِنَّنِي لَا أُرِيدُ أَنْ أَتْرُكَكَ لأَنَّهُ قَدْ أَحَبَّكَ وَأَحَبَّ بَيْتَكَ وَتَمَتَّعَ بِالْخَيْرِ عِنْدَكَ، 17فَخُذْ مِثْقَباً وَاثْقُبْ بِهِ أُذْنَهُ أَمَامَ قُضَاةِ الْمَدِينَةِ، فَيُصْبِحَ لَكَ عَبْداً مَدَى حَيَاتِهِ. وَكَذَلِكَ تَفْعَلُ بِأَمَتِكَ. 18لَا يَصْعُبْ عَلَيْكَ إِطْلاقُهُ حُرّاً مِنْ عِنْدِكَ، لأَنَّهُ قَدْ خَدَمَكَ فِي سِتِّ سَنَوَاتٍ بِمَا يُعَادِلُ ضِعْفَيْ أُجْرَةِ الأَجِيرِ، وَبِذَلِكَ يُبَارِكُكَ الرَّبُّ إِلَهُكَ فِي كُلِّ مَا تَعْمَلُهُ.

أبكار البهائم

19خَصِّصْ لِلرَّبِّ كُلَّ بِكْرٍ ذَكَرٍ مِنْ بَقَرِكَ وَمِنْ غَنَمِكَ. لَا تَسْتَخْدِمْ بِكْرَ بَقَرِكَ وَلا تَجُزَّ صُوفَ بِكْرِ غَنَمِكَ، 20بَلْ عَلَيْكَ أَنْ تَأْكُلَهُ أَنْتَ وَأَهْلُ بَيْتِكَ، كُلَّ سَنَةٍ بِسَنَتِهَا، فِي الْمَوْضِعِ الَّذِي يَخْتَارُهُ الرَّبُّ. 21وَلَكِنْ إِنْ كَانَ فِي الْبِكْرِ عَيْبٌ مِنْ عَرَجٍ أَوْ عَمىً أَوْ أَيِّ عَيْبٍ، فَلا تَذْبَحْهُ لِلرَّبِّ إِلَهِكَ، 22بَلْ تَأْكُلُهُ فِي مَدِينَتِكَ، الطَّاهِرُ وَالنَّجِسُ عَلَى حَدٍّ سَوَاءٍ، تَأْكُلُونَهُ كَمَا تَأْكُلُونَ الظَّبْيَ وَالأُيَّلَ. 23أَمَّا دَمُهُ فَاسْكُبُوهُ عَلَى الأَرْضِ وَلا تَأْكُلُوا مِنْهُ.

Hindi Contemporary Version

व्यवस्था 15:1-23

सात साल के बाद आज़ादी

1हर सात साल काल के पूरा होने पर तुम ऋण माफ कर दिया करोगे. 2माफ करने की प्रक्रिया इस प्रकार है: हर एक ऋणदाता अपने पड़ोसी को दी गई ऋणराशि को माफ कर देगा; वह अपने पड़ोसी और अपने इस्राएली भाई को ऋण लौटाने के लिए मजबूर नहीं करेगा, क्योंकि यह याहवेह की ओर से माफ घोषित किया जा चुका है. 3हां, किसी विदेशी से तुम ऋण ली हुई राशि ले सकते हो, मगर तुम्हारे द्वारा अपने इस्राएली भाई को दी गई राशि को तुम माफ ज़रूर करोगे. 4मगर तुम्हारे बीच गरीब कोई भी न पाया जाए, क्योंकि उस देश में, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे अधिकार में देने के लक्ष्य से मीरास-स्वरूप प्रदान कर रहे हैं, याहवेह तुम्हें निःसंदेह समृद्ध बना देंगे, 5यदि तुम सिर्फ आज्ञाकारिता के भाव में याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के वचनों को सुनोगे, कि आज मेरे द्वारा प्रस्तुत इन सभी आदेशों का पालन करो. 6क्योंकि अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर, तुम्हें समृद्धि प्रदान करेंगे, कि तुम अनेक राष्ट्रों को ऋण दिया करोगे, मगर तुम ऋण कभी न लोगे. तुम अनेक राष्ट्रों पर शासन करोगे, मगर वे तुम पर शासन नहीं करेंगे.

7यदि तुम्हारे बीच तुम्हारा ही कोई इस्राएली भाई गरीब है, जो उस देश में किसी नगर का निवासी है, जो देश याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें दे रहे हैं, तो तुम उसके प्रति अपना हृदय कठोर नहीं कर लोगे और न ही अपनी मुट्ठी बंद नहीं रखोगे; 8तुम इसकी अपेक्षा, जिस किसी रूप में उसे आवश्यकता है, उसे खुले मन से और उदारतापूर्वक उधार दो या मदद करो. 9सावधान रहना कि तुम्हारे हृदय में इस अवसर पर यह घृणित, हीन और स्वार्थ-भरा विचार न आ जाए: “सातवां साल! ऋण मुक्त करने का साल निकट है!” और तुम्हारी अभिवृत्ति उस गरीब इस्राएली भाई के प्रति द्वेष भरी हो जाए, परिणामस्वरूप तुम उसे कुछ भी न दो. उस स्थिति में वह तुम्हारे विरुद्ध याहवेह की दोहाई देगा और तुम खुद पर पाप ले आओ. 10तुम उसे उदारतापूर्वक दोगे, उसे देते हुए तुम्हारे हृदय में ज़रा भी वेदना न हो; क्योंकि तुम्हारे इस काम के लिए याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे सारे कामों में, सारी ज़िम्मेदारियों को निभाने में समृद्धि प्रदान करेंगे. 11देश में गरीबों का अस्तित्व तो कभी समाप्‍त ही न होगा; इसलिये मेरा आदेश तुम्हारे लिए यह है, तुम अपने इस्राएली भाई के प्रति पूरी तरह से उदार भाव दिखाओगे; वह भाई, जो तुम्हारे देश में गरीब और साधन विहीन है.

दास-दासियों की आज़ादी

12यदि तुम्हारा संबंधी, इब्री पुरुष या स्त्री तुम्हें बेची गई है, तो वह छः साल तक तो तुम्हारी सेवा करेंगे, मगर सातवें साल तुम उसे छोड़ दोगे. 13जब तुम उसे छोड़ दोगे, तब तुम उसे खाली हाथ विदा नहीं करोगे. 14तुम उसे अपनी भेड़-बकरियों से, अपने खलिहान से और अपने अंगूर के रसकुंड में से उदारतापूर्वक देकर ही विदा करोगे; याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें जैसे आशीष दी है, वैसे ही तुम भी उसी परिमाण में उन्हें दो. 15यह बात तुम न भूलोगे, कि तुम खुद मिस्र देश में दास थे और याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें वहां से छुड़ाया; यही कारण है कि मैं आज तुम्हें यह आदेश दे रहा हूं.

16भविष्य में, यदि वह सेवक तुमसे यह कहे, “मैं आपको छोड़कर जाना नहीं चाहता,” क्योंकि उसे तुमसे प्रेम हो चुका है, और तुम्हारे परिवार से और उसे तुम्हारे साथ सहजता भी महसूस होती है, 17इस स्थिति में तुम द्वार की चौखट पर एक सूए के द्वारा उसके कान को दरवाजे पर लगाकर छेदना. इससे वह पूरी तरह तुम्हारा होकर रह जाएगा. यही तुम्हें अपनी सेवा के बारे में भी करना होगा.

18तुम्हारी दृष्टि में उसे मुक्त कर देना कोई कठिन काम न हो. उसने इन छः सालों में वैतनिक श्रमिक की अपेक्षा दोगुनी सेवा दी है. तब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे हर एक काम में तुम्हें समृद्धि प्रदान करेंगे.

जानवरों के पहिलौठे

19तुम याहवेह, अपने परमेश्वर को अपने भेड़-बकरियों और गाय-बैलों में से हर एक पहिलौठे नर को समर्पित कर दोगे. तुम न पहिलौठे बछड़े से मेहनत कराओगे और न ही भेड़-बकरियों के पहिलौठे मेमने का ऊन कतरोगे. 20तुम अपने परिवार के साथ हर साल याहवेह, अपने परमेश्वर के सामने उस स्थान पर इनका उपभोग करोगे, जो याहवेह द्वारा चुना जाएगा. 21मगर यदि इसमें किसी प्रकार का दोष हो, जैसे विकलांगता, अंधापन या दूसरा कोई भी स्पष्ट दोष, तो तुम इसे याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के लिए बलि अर्पित नहीं करोगे. 22तुम नगर द्वारों के भीतर इसका उपभोग करोगे. शुद्ध अथवा सांस्कारिक रूप से अशुद्ध दोनों ही इसका उपभोग करोगे, जिस प्रकार हिरण अथवा चिंकारे का उपभोग किया जाता है. 23सिर्फ ध्यान रहे कि तुम उसके लहू का सेवन नहीं करोगे; तुम्हें लहू को जल समान भूमि पर उंडेल देना होगा.