أخبار الأيام الثاني 17 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

أخبار الأيام الثاني 17:1-19

يهوشافاط يملك على يهوذا

1وَخَلَفَ يَهُوشَافَاطُ أَبَاهُ عَلَى الْمُلْكِ. وَجَعَلَ يُعَبِّىءُ قُوَّاتِهِ لِمُحَارَبَةِ إِسْرَائِيلَ. 2وَوَزَّعَ جُيُوشَهُ عَلَى مُدُنِ يَهُوذَا الْحَصِينَةِ، وَأَقَامَ حَامِيَاتٍ فِي سَائِرِ أَرْضِ يَهُوذَا وَفِي مُدُنِ أَفْرَايِمَ الَّتِي اسْتَوْلَى عَلَيْهَا آسَا أَبُوهُ. 3وَكَانَ الرَّبُّ مَعَ يَهُوشَافَاطَ لأَنَّهُ سَارَ فِي طُرُقِ دَاوُدَ أَبِيهِ وَلَمْ يَضِلَّ وَرَاءَ الْبَعْلِيمِ. 4وَلَكِنَّهُ طَلَبَ إِلَهَ أَبِيهِ وَسَلَكَ حَسَبَ وَصَايَاهُ، وَتَجَنَّبَ أَعْمَالَ مُلُوكِ إِسْرَائِيلَ. 5فَثَبَّتَ الرَّبُّ دَعَائِمَ الْمَمْلَكَةِ فِي يَدِهِ، وَقَدَّمَ لَهُ شَعْبُ يَهُوذَا الْهَدَايَا، فَازْدَادَ غِنىً وَكَرَامَةً. 6وَامْتَلأَ قَلْبُهُ قُوَّةً بِالرَّبِّ فَسَلَكَ فِي طُرُقِهِ، وَاسْتَأْصَلَ أَيْضاً الْمُرْتَفَعَاتِ وَتَمَاثِيلَ عَشْتَارُوثَ مِنْ يَهُوذَا.

7وَفِي السَّنَةِ الثَّالِثَةِ لِحُكْمِهِ طَلَبَ مِنْ قَادَتِهِ: بِنْحَائِلَ وَعُوبَدْيَا وَزَكَرِيَّا وَنَثَنْئِيلَ وَمِيخَايَا أَنْ يَشْرَعُوا فِي التَّعْلِيمِ فِي مُدُنِ يَهُوذَا، 8بِالتَّعَاوُنِ مَعَ اللّاوِيِّينَ: شَمْعِيَا وَنَثَنْيَا وَزَبَدْيَا وَعَسَائِيلَ وَشَمِيرَامُوثَ وَيَهُونَاثَانَ وَأَدُونِيَّا وَطُوبِيَّا وَطُوبَ أَدُونِيَّا، فَضْلاً عَنِ الْكَاهِنَيْنِ أَلِيشَمَعَ وَيَهُورَامَ. 9فَتَجَوَّلُوا فِي جَمِيعِ أَرْجَاءِ يَهُوذَا حَامِلِينَ مَعَهُمْ سِفْرَ شَرِيعَةِ الرَّبِّ لِيُعَلِّمُوا الشَّعْبَ.

10وَكَانَتْ هَيْبَةُ الرَّبِّ عَلَى جَمِيعِ مَمَالِكِ الْبُلْدَانِ الْمُجَاوِرَةِ لِيَهُوذَا فَلَمْ يُحَارِبُوا يَهُوشَافَاطَ. 11بَلْ إِنَّ بَعْضَ الْفِلِسْطِينِيِّينَ حَمَلُوا إِلَى يَهُوشَافَاطَ هَدَايَا وَفِضَّةً كَمَا قَدَّمَ إِلَيْهِ الأَعْرَابُ سَبْعَةَ آلافٍ وَسَبْعَ مِئَةِ كَبْشٍ، وَسَبْعَةَ آلافٍ وَسَبْعَ مِئَةِ تَيْسٍ.

12وَعَظُمَ شَأْنُ يَهُوشَافَاطَ وَبَنَى فِي يَهُوذَا حُصُوناً وَمُدُنَ مَخَازِنَ لِلتَّمْوِينِ. 13وَتَكَاثَرَتْ أَشْغَالُهُ فِي مُدُنِ يَهُوذَا، كَمَا كَانَ لَهُ فِي أُورُشَلِيمَ جَيْشٌ قَوِيٌّ مِنَ الْمُحَارِبِينَ الأَشِدَّاءِ.

14وَهَذَا إِحْصَاءٌ بَعَدَدِهِمْ بِحَسَبِ انْتِمَائِهِمْ لِبُيُوتِ آبَائِهِمْ: مِنْ يَهُوذَا رُؤَسَاءُ الأُلُوفِ: عَدَنَةُ الْقَائِدُ الْعَامُّ لِقُوَّاتِ سِبْطِ يَهُوذَا الْبَالِغَةِ ثَلاثَ مِئَةِ أَلْفٍ مِنَ الْمُحَارِبيِنَ الأَشِدَّاءِ. 15وَيَتْلُوهُ يَهُونَاثَانُ قَائِداً لِمِئَتَيْنِ وَثَمَانِينَ أَلْفَ جُنْدِيٍّ. 16ثُمَّ الْقَائِدُ عَمَسْيَا بْنُ زِكْرِي الْمُتَطَوِّعُ لِخِدْمَةِ الرَّبِّ، عَلَى رَأْسِ مِئَتَيْ أَلْفِ مُحَارِبٍ جَبَّارٍ. 17وَمِنْ سِبْطِ بِنْيَامِينَ: أَلِيَادَاعُ قَائِدٌ لِمِئَتَيْ أَلْفٍ مِنْ رُمَاةِ السِّهَامِ وَحَمَلَةِ التُّرُوسِ. 18وَيَتْلُوهُ يَهُوزَابَادُ الَّذِي تَوَلَّى قِيَادَةَ مِئَةٍ وَثَمَانِينَ أَلْفاً مِنَ الْجُنُودِ الْمُدَرَّبِينَ عَلَى الْقِتَالِ. 19هَؤُلاءِ هُمْ قَادَةُ الْمَلِكِ، فَضْلاً عَنِ الَّذِينَ أَقَامَهُمْ فِي الْمُدُنِ الْحَصِينَةِ فِي كُلِّ أَرْجَاءِ يَهُوذَا.

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 17:1-19

यहोशाफ़ात यहूदिया का राजा

1आसा के स्थान पर उसका पुत्र यहोशाफ़ात शासक बना. उसने इस्राएल राज्य के विरुद्ध अपनी स्थिति मजबूत बना ली. 2उसने यहूदिया के सभी गढ़ नगरों में सेना की टुकड़िया ठहरा दीं और यहूदिया और एफ्राईम में उसने सैनिकों की छावनियां बना दीं, जो उसके पिता आसा ने अधिकार में कर लिए थे.

3याहवेह यहोशाफ़ात की ओर थे क्योंकि वह अपने पिता के शुरुआती समय की नीतियों का अनुसरण करता रहा. उसने बाल की पूजा कभी नहीं की, 4बल्कि वह अपने पिता के परमेश्वर की ही खोज करता रहा, उन्हीं के आदेशों का पालन करता रहा. उसने वह सब कभी न किया, जो इस्राएल राज्य ने किया था. 5फलस्वरूप याहवेह ने राज्य को उसके हाथ में स्थिर किया. पूरे यहूदिया राज्य की प्रजा राजा को भेंट दिया करती थी. राजा समृद्ध और सम्मान्य होता गया. 6याहवेह की नीतियों के प्रति वह बहुत ही उत्साही था. उसने यहूदिया राज्य में से सारे ऊंचे स्थानों पर बनी वेदियां और अशेराह देवी के खंभे नाश कर दिए.

7अपने शासन के तीसरे साल में उसने यहूदिया के नगरों में शिक्षा फैलाने के उद्देश्य से अपने ये अधिकारी भेज दिए: बेन-हाइल, ओबदिया, ज़करयाह, नेथानेल और मीकायाह. 8इनके साथ लेवी शेमायाह, नेथनियाह, ज़ेबादिया, आसाहेल, शेमिरामोथ, योनातन, अदोनियाह, तोबियाह और तोबादोनियाह. ये सभी लेवी थे. इनके साथ पुरोहित एलीशामा और यहोराम भी भेजे गए थे. 9इनके साथ याहवेह की व्यवस्था की पुस्तक थी. यहूदिया में उन्होंने इससे शिक्षा दी; उन्होंने सारे यहूदिया राज्य में घूमते हुए प्रजा को शिक्षा प्रदान की.

10यहूदिया के पास के सभी राष्ट्रों में याहवेह का आतंक फैल चुका था. फलस्वरूप उन्होंने कभी यहोशाफ़ात पर हमला नहीं किया. 11कुछ फिलिस्तीनी तक यहोशाफ़ात को भेंट और चांदी चढ़ाया करते थे. अरब देश के लोगों ने उसके लिए सात हज़ार, सात सौ मेढ़े और सात हज़ार, सात सौ बकरे भेंट में दिए.

12तब यहोशाफ़ात दिन पर दिन उन्‍नत होता चला गया. उसने यहूदिया राज्य में गढ़ और भंडार नगर बनाए. 13यहूदिया में उसने बड़े भंडार घर बनवाकर रखे थे, साथ ही उसने येरूशलेम में योद्धा और वीर व्यक्ति चुनकर रखे थे. 14उनके पूर्वजों के परिवारों के अनुसार उनकी गिनती इस प्रकार थी:

यहूदिया से एक हज़ार अधिकारी प्रधान:

अदनाह तीन हज़ार कुशल सैनिकों का सेनापति था;

15येहोहानन दो लाख अस्सी हज़ार का सेनापति था;

16ज़ीकरी का पुत्र अमासियाह अपनी इच्छा से याहवेह की सेवा कर रहा था. उसने दो लाख कुशल सैनिकों का नेतृत्व किया.

17बिन्यामिन क्षेत्र से:

एक वीर योद्धा था एलियादा और उसके साथ थे दो लाख सैनिक, जो धनुष और ढाल से लैस थे;

18उसके बाद था योज़ाबाद उसके साथ एक लाख अस्सी हज़ार युद्ध के लिए तैयार सैनिक थे.

19ये सभी सारे यहूदिया में बने गढ़ नगरों में राजा द्वारा नियुक्त सैनिकों के अलावा राजा की सेवा में लगे थे.