1 ዜና መዋዕል 10 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

1 ዜና መዋዕል 10:1-14

ሳኦል ራሱን ገደለ

10፥1-12 ተጓ ምብ – 1ሳሙ 31፥1-132ሳሙ 1፥4-12

1ከዚህ በኋላ ፍልስጥኤማውያን እስራኤልን መውጋት ጀመሩ፤ እስራኤላውያንም ከፊታቸው ሸሹ፤ ብዙዎች በጊልቦዓ ተራራ ላይ ሞቱ። 2ፍልስጥኤማውያን ሳኦልንና ልጆቹን ይበልጥ አሳደዷቸው፤ የሳኦልንም ልጆች ዮናታንን፣ አሚናዳብንና ሜልኪሳን ገደሉ፤ 3ሳኦል በተሰለፈበት ግንባር ውጊያው በረታ፤ ቀስተኞችም አግኝተው አቈሰሉት።

4ሳኦል ጋሻ ጃግሬውን፣ “እነዚህ ሸለፈታሞች መሳለቂያ እንዳያደርጉኝ ሰይፍህን መዝዘህ ውጋኝ” አለው።

ጋሻ ጃግሬው ግን እጅግ ፈርቶ ስለ ነበር አልደፈረም፤ ስለዚህ ሳኦል በገዛ ሰይፉ ላይ ወድቆ ሞተ። 5ጋሻ ጃግሬውም ሳኦል መሞቱን ሲያይ፣ እርሱም በሰይፉ ላይ ወድቆ ሞተ። 6ስለዚህ ሳዖልና ሦስት ልጆቹ ሞቱ፤ ቤተ ሰዎቹም ሁሉ አብረው ሞቱ።

7በሸለቆው ውስጥ የነበሩት እስራኤላውያን ሁሉ ሰራዊቱ እንደ ሸሸ፣ ሳኦልና ልጆቹም እንደ ሞቱ ባዩ ጊዜ ከተሞቻቸውን ለቅቀው ሸሹ፤ ፍልስጥኤማውያንም መጥተው ከተሞቹን ያዙ።

8በማግስቱ ፍልስጥኤማውያን የሞቱትን ለመግፈፍ ሲመጡ፣ ሳኦልና ልጆቹ በጊልቦዓ ተራራ ላይ ወድቀው አገኟቸው። 9ሳኦልን ከገፈፉ፣ ራሱን ከቈረጡና መሣሪያውንም ከወሰዱ በኋላ፣ ለአማልክቶቻቸውና ለሕዝቡ የምሥራቹን እንዲነግሩ ወደ መላው የፍልስጥኤም ምድር መልክተኞችን ላኩ። 10ከዚያም መሣሪያውን በአማልክታቸው ቤተ ጣዖት አኖሩ፤ ራሱንም በዳጎን ቤተ ጣዖት ውስጥ አንጠለጠሉት።

11የኢያቢስ ገለዓድ ነዋሪዎች ሁሉ ፍልስጥኤማውያን በሳኦል ላይ ያደረጉትን በሰሙ ጊዜ፣ 12ብርቱ የሆኑ ሰዎች ሄደው የሳኦልንና የልጆቹን ሬሳ አንሥተው ወደ ኢያቢስ አመጡ፤ ዐጽማቸውንም ኢያቢስ ውስጥ በሚገኘው ትልቁ ዛፍ ሥር ቀበሩ፤ ከዚያም ሰባት ቀን ጾሙ።

13ሳኦል እግዚአብሔርን ስላልታዘዘ ሞተ፤ የእግዚአብሔርን ቃል አልጠበቀም፤ ይልቁንም ከሙታን ጠሪ ምክርን ጠየቀ፤ 14ይህን ከእግዚአብሔር አልጠየቀም፤ ስለዚህ እግዚአብሔር ገደለው፤ መንግሥቱንም ወደ እሴይ ልጅ ወደ ዳዊት እንዲተላለፍ አደረገ።

Hindi Contemporary Version

1 इतिहास 10:1-14

शाऊल व उसके पुत्रों की मृत्यु

1फिलिस्तीनियों ने इस्राएल पर हमला कर दिया. इस्राएली सैनिक फिलिस्तीनियों के सामने टिक न सके. अनेक गिलबोआ पर्वत पर मारे गए. 2फिलिस्तीनियों ने शाऊल और उनके पुत्रों को जा पकड़ा और उन्होंने शाऊल के पुत्रों योनातन, अबीनादाब तथा मालखी-शुआ की हत्या कर दी. 3शाऊल के आस-पास युद्ध बहुत ही उग्र था. धनुर्धारियों ने उन्हें देख लिया और उन्हें गंभीर रूप घायल कर दिया.

4शाऊल ने अपने शस्त्रवाहक को आदेश दिया, “इसके पहले कि ये अख़तनित आकर मेरी दुर्गति करके मुझ पर तलवार का प्रहार करें, तुम अपनी तलवार से मुझ पर प्रहार कर दो.” मगर उस भयभीत हथियार उठानेवाले ने यह विनती अस्वीकार कर दी.

तब स्वयं शाऊल ने अपनी तलवार निकाली और उस पर गिर पड़े. 5जब हथियार ढोनेवाले ने यह पाया कि शाऊल की मृत्यु हो गई है, वह भी उसी प्रकार अपनी तलवार पर जा गिरा और उसकी भी मृत्यु हो गई. 6इस प्रकार शाऊल और उनके तीनों पुत्रों की मृत्यु हो गई; साथ ही उसके पूरे परिवार की भी मृत्यु हो गई.

7जब घाटी के इस्राएलियों ने देखा कि इस्राएली सेना पीठ दिखाकर भाग रही है, शाऊल और उनके पुत्र युद्ध में मारे गए हैं, वे नगर छोड़-छोड़कर भागने लगे. तब फिलिस्तीनी आए और नगरों में निवास करने लगे.

8अगले दिन, जब फिलिस्तीनी आए कि शवों पर से, जो मिल सके, अपने लिए उठा ले जाएं. उन्हें गिलबोआ पर्वत पर शाऊल और उसके पुत्रों के शव दिखाई दिए. 9उन्होंने शाऊल का सिर काटा, उनके कपड़े उनकी शव से उतार लिए और यह संदेश सारा फिलिस्तिया देश में अपने देवताओं के तथा लोगों के बीच फैलाने के लिए दूतों को भेज दिया. 10उन्होंने शाऊल के हथियार अपने देवताओं के मंदिर में रखवा दिए और उसके सिर को अपने देवता दागोन के मंदिर में लटका दिया.

11जब पूरे याबेश-गिलआदवासियों तक यह समाचार पहुंचा कि शाऊल के साथ फिलिस्तीनियों ने कैसा व्यवहार किया है, 12सारे वीर योद्धा इकट्ठा हो गए और जाकर शाऊल के और उसके पुत्रों के शव उठाकर याबेश नगर को ले आए. उन्होंने इन शवों की अस्थियों को याबेश नगर के बांज पेड़ के नीचे गाड़ दिया और उनके लिए सात दिन तक उपवास रखा.

13शाऊल की मृत्यु का कारण था याहवेह के प्रति उनके द्वारा किया गया विश्वासघात. उन्होंने याहवेह के आदेश का पालन नहीं किया था, इसके अलावा उसने भूत सिद्धि करनेवाले की राय भी ली थी. 14उसने याहवेह से मार्गदर्शन लेना ज़रूरी न समझा था. इसी कारण याहवेह ने उसके प्राण ले लिए और राज्य का प्रशासन यिशै के पुत्र दावीद के हाथों में दे दिया.