ዘፀአት 38 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘፀአት 38:1-31

የሚቃጠል መሥዋዕት መሠዊያ

38፥1-7 ተጓ ምብ – ዘፀ 27፥1-8

1ከፍታው ሦስት ክንድ38፥1 ርዝመቱ 1.3 ሜትር ያህል ማለት ነው። የሆነ የሚቃጠል መሥዋዕት መሠዊያ ከግራር ዕንጨት ሠሩ38፥1 ወይም ሥራ፤ ርዝመቱ አምስት ክንድ፣ ወርዱ አምስት ክንድ የሆነ ባለ አራት ማእዘን ነበረ። 2ቀንዶቹና መሠዊያው አንድ ወጥ ይሆኑ ዘንድ በአራቱም ማእዘኖች ላይ አራት ቀንድ ሠሩ፤ መሠዊያውንም በናስ ለበጡት። 3ዕቃዎቹንም ሁሉ ይኸውም ምንቸቶቹን፣ መጫሪያዎቹን፣ መርጫ ጐድጓዳ ሳሕኖቹን፣ ሜንጦዎቹንና የእሳት መያዣዎቹን ከናስ ሠሯቸው። 4ለመሠዊያውም ከጠርዝ በታች ሆኖ ከመሠዊያው ግማሽ ቁመት ላይ የሚሆን የናስ ፍርግርግ ማንደጃ ሠሩ። 5ለናሱ ፍርፍርግ ማንደጃ አራት ማእዘኖች መሎጊያዎቹን እንዲይዙ የናስ ቀለበቶችን ሠሩ። 6መሎጊያዎቹን ከግራር ዕንጨት ሠርተው በናስ ለበጧቸው። 7መሠዊያውን ለመሸከም በመሠዊያው ጐኖች ይሆኑ ዘንድ መሎጊያዎቹን በቀለበቶቹ ውስጥ አስገቧቸው፤ ውስጡንም ክፍት በማድረግ ከሳንቃዎች ሠሩት።

የመታጠቢያው ሳሕን

8የናስ መታጠቢያ ሳሕንና የናስ መቆሚያውን በመገናኛው ድንኳን ደጃፍ ላይ ከሚያገለግሉት ሴቶች መስተዋት ሠሩት።

አደባባዩ

38፥9-20 ተጓ ምብ – ዘፀ 27፥9-19

9ቀጥሎም አደባባዩን ሠሩ፤ የደቡቡ ክፍል ርዝመት አንድ መቶ ክንድ38፥9 ወደ 46 ሜትር ያህል ነው። ሲሆን፣ በቀጭኑ ከተፈተለ በፍታ የተሠሩ መጋረጃዎች ነበሩት፤ 10ሃያ ምሰሶዎችና ሃያ የናስ መቆሚያዎች፣ የብር ኵላቦችና በምሰሶዎቹ ላይ ዘንጎች ነበሩት። 11የሰሜኑም ክፍል ቁመቱ አንድ መቶ ክንድ ነበር፤ ሃያ ምሰሶዎችና ሃያ የናስ መቆሚያዎች፣ የብር ኵላቦችና በምሰሶዎቹም ላይ ዘንጎች ነበሩት።

12የምዕራቡ ጫፍ ወርዱ አምሳ ክንድ38፥12 ወደ 23 ሜትር ያህል ነው። ነበር፤ ዐሥር ምሰሶዎችና ዐሥር መቆሚያዎች እንዲሁም የብር ኵላቦችና በምሰሶዎቹም ላይ ዘንጎች ያሉት መጋረጃዎች ነበሩት። 13በፀሓይ መውጫ በኩል ያለው የምሥራቁም ጫፍ ወርዱ አምሳ ክንድ ነበር። 14ከሦስት ምሰሶዎችና ከሦስት መቆሚያዎች ጋር ርዝመታቸው ዐሥራ አምስት ክንድ38፥14 ወደ 6.9 ሜትር ያህል ነው። የሆኑ መጋረጃዎች በአንድ በኩል ባለው መግቢያ ላይ ነበሩ፤ 15ከሦስት ምሰሶዎችና ከሦስት መቆሚያዎች ጋር ርዝመታቸው ዐሥራ አምስት ክንድ የሆኑ መጋረጃዎች በአደባባዩ መግቢያ በሌላው በኩል ነበሩ።

16በአደባባዩ ዙሪያ ያሉት መጋረጃዎች በሙሉ በቀጭኑ ከተፈተለ በፍታ የተሠሩ ነበሩ። 17የምሰሶዎቹ መቆሚያዎች ናስ ነበሩ፤ ኵላቦቹና በምሰሶዎቹ ላይ ያሉት ዘንጎች ከብር የተሠሩ ነበሩ፤ ጫፎቻቸውም በብር ተለብጠው ነበር፤ ስለዚህ የአደባባዩ ምሰሶዎች ሁሉ የብር ዘንጎች ነበሯቸው።

18በአደባባዩ መግቢያ ላይ ያለው መጋረጃ ከሰማያዊ፣ ከሐምራዊ፣ ከቀይ ማግና የጥልፍ ባለሙያ ከጠለፈው፣ በቀጭኑ ከተፈተለ በፍታ የተሠራ ነበር፤ ቁመቱ ሃያ ክንድ38፥18 ወደ 9 ሜትር ያህል ነው።፣ እንደ አደባባዩ መጋረጃዎች ከፍታው አምስት ክንድ ነበረ፤ 19አራት ምሰሶዎችና አራት መቆሚያዎች ነበሩት፤ ኵላቦቻቸውና ዘንጎቻቸው የብር ሲሆኑ፣ ጫፎቻቸው በብር ተለብጠው ነበር። 20የማደሪያው ድንኳንና የአደባባዩ ዙሪያ ካስማዎች ሁሉ ከናስ የተሠሩ ነበሩ።

ለአገልግሎት የዋሉ ዕቃዎች

21ለማደሪያው ድንኳን፣ ይኸውም ለምስክሩ ድንኳን ሙሴ ባዘዘው፣ በካህኑ በአሮን ልጅ በኢታማር መሪነት ሌዋውያኑ በጻፉት መሠረት የዕቃዎቹ ቍጥር ይህ ነው። 22ከይሁዳ ነገድ የሆር የልጅ ልጅ፣ የኡሪ ልጅ የሆነው ባስልኤል፣ እግዚአብሔር (ያህዌ) ሙሴን ያዘዘውን ሁሉ አደረገ። 23ከእርሱም ጋር ከዳን ነገድ የሆነው የአሂሳሚክ ልጅ ኤልያብ፣ ዕቅድ አውጭና የእጅ ጥበብ ባለሙያ፣ በሰማያዊ፣ በሐምራዊ፣ በቀይ ማግና በቀጭን በፍታ ጥልፍ ጠላፊ ነበር። 24ለመቅደሱ ሥራ ሁሉ ከመወዝወዙ ስጦታ በመቅደሱ ሰቅል መሠረት የዋለው ጠቅላላ ወርቅ ሃያ ዘጠኝ መክሊትና ሰባት መቶ ሠላሳ ሰቅል38፥24 የወርቁ መጠን ወደ አንድ ሜትሪክ ቶን ያህል ነው። ነበረ።

25በቈጠራው ወቅት ተቈጥረው ከነበሩት ማኅበረ ሰብ የተገኘው ብር ለመቅደሱ ሰቅል አንድ መቶ መክሊትና አንድ ሺሕ ሰባት መቶ ሰባ አምስት ሰቅሎች38፥25 የብሩ መጠን 3.4 ሜትሪክ ቶን ያህል ነው። ነበሩ። 26ከተቈጠሩት ጋር አብረው ከሆኑት ሃያና ከሃያ ዓመት በላይ የሆናቸው ስድስት መቶ ሦስት ሺሕ አምስት መቶ አምሳ ሰዎች የሰጡት እንደ መቅደሱ ሰቅል ሚዛን በአንድ ሰው አንድ ቤካ ይኸውም ግማሽ ሰቅል38፥26 ወደ 5.5 ግራም ያህል ነው። ነበረ። 27አንድ መቶ የብር መክሊቶች38፥27 ወደ 3.4 ሜትሪክ ቶን ያህል ነው። የመቅደሱንና የመጋረጃዎቹን መቆሚያዎች ለመሥራት አገልግሎት ላይ ውለው ነበር፤ ይኸውም ከአንድ መቶ መክሊቶች አንድ መቶ መቆሚያዎች ሲሆን፣ ለእያንዳንዱ መቆሚያ አንድ መክሊት ማለት ነው። 28አንድ ሺሕ ሰባት መቶ ሰባ አምስት ሰቅሎችን38፥28 ወደ 20 ኪሎ ግራም ያህል ነው። ለምሰሶዎቹ ኵላቦች፣ የምሰሶዎቹን ዐናት ለመለበጥና ዘንጎቻቸውንም ለመሥራት አገልግሎት ላይ ውለው ነበር።

29ከመወዝወዙ ስጦታ የሆነው ናስ ሰባ መክሊትና ሁለት ሺሕ አራት መቶ ሰቅል38፥29 የናሱ መጠን 2.4 ሜትሪክ ቶን ያህል ነው። ነበረ። 30ለመገናኛው ድንኳን መግቢያ ለናስ መሠዊያው ከናስ መጫሪያው፣ ለዕቃዎቹም ሁሉ መቆሚያዎቹን ለመሥራት አገልግሎት ላይ አውለውት ነበር፤ 31ለአደባባዩ ዙሪያ፣ ለመግቢያው እንዲሁም ለማደሪያው ድንኳን ካስማዎች ሁሉና ለአደባባዩ ዙሪያ ሁሉ እንዲሁ አገልግሎት ላይ አውለውት ነበር።

Hindi Contemporary Version

निर्गमन 38:1-31

होमबलि वेदी का निर्माण

1और बसलेल ने बबूल की लकड़ी से होमबलि के लिए चौकोर वेदी बनाई. यह दो मीटर पच्चीस सेंटीमीटर लंबी तथा इतनी ही चौड़ी थी. इसकी ऊंचाई एक मीटर सैंतीस सेंटीमीटर थी. 2और इसके चारों कोनों पर एक-एक सींग बनाया, जो वेदी के साथ एक ही टुकड़े में कांसे से बनाये गये. 3डोल, बेलचे, छिड़काव कटोरे, कांटे तथा तवे जैसी वेदी में काम आनेवाली सभी चीज़ों को कांसे से बनाया. 4वेदी के लिए कांसे की जाली की एक झंझरी बनाई, जो वेदी की आधी ऊंचाई पर लगाई गई थी. 5कांसे की झंझरी के चारों कोनों पर चार कड़े लगाए, ताकि इनके बीच से डंडों को लगा सकें. 6डंडे बबूल की लकड़ी से बनाकर उस पर कांसे लगवा दी. 7उसने उन डंडों को उन कड़ों में डाल दिया ताकि वेदी को उठाया जा सके. वेदी भीतर से खोखली थी और तख्ते जोड़कर बनाई गई थी.

हौदी का निर्माण

8इसकी हौदी और पाये दोनों कांसे के बनाए. इसे उन स्त्रियों के दर्पणों से बनाया, जो मिलनवाले तंबू के द्वार पर सेवा करती थीं.

आंगन का निर्माण

9फिर पवित्र स्थान के आंगन को बनाया. आंगन के दक्षिण हिस्से में बंटी हुई बारिक सनी के कपड़े का पर्दा था, जिसकी लंबाई पैंतालीस मीटर थी, 10तथा बीस खंभे और कांसे की बीस कुर्सियां बनवाईं. खंभों के कुण्डे और पट्टियां चांदी की थी. 11आंगन के उत्तरी दिशा के लिए भी पैंतालीस मीटर लंबे पर्दे बनाए गए और इसके लिए कांसे के बीस खंभे और बीस कुर्सियां बनाई गईं. मीनारों की कड़ियां तथा उसकी पट्टियां चांदी की थीं.

12पश्चिम दिशा के पर्दे साढ़े बाईस मीटर लंबे थे, तथा इसके लिए दस खंभे एवं दस कुर्सियां बनाई गई थी. मीनारों की कड़ियां तथा पट्टियां चांदी की थी. 13पूर्वी दिशा के पर्दे भी साढ़े बाईस मीटर लंबे थे. 14द्वार के एक तरफ के पर्दे छः मीटर पचहत्तर सेंटीमीटर के थे, और तीन खंभे और तीन कुर्सियां बनाई गयीं. 15आंगन के प्रवेश द्वार की दूसरी ओर के पर्दे छः मीटर पचहत्तर सेंटीमीटर के थे, तथा और तीन खंभे और तीन कुर्सियां बनाई गयीं. 16आंगन के चारों ओर के पर्दे सूक्ष्म बंटी हुई सन के थे. 17मीनारों की कुर्सियां कांसे की बनाई गई थी, मीनारों की कड़ियां तथा उनकी पट्टियां चांदी की थीं. उनका ऊपरी हिस्सा चांदी का था तथा आंगन के सभी मीनारों पर चांदी की पट्टियां लगाई गई थीं.

18आंगन के प्रवेश द्वार के पर्दे सन के उत्तम रेशों के नीले, बैंगनी तथा लाल कपड़े के बने थे. इस पर कढ़ाई कढ़ी हुई थी. इसकी लंबाई नौ मीटर तथा ऊंचाई सवा दो मीटर थी, जो आंगन के दूसरे पर्दे के बराबर थी. 19इनके चारों खंभे तथा उनकी चारों कुर्सियां कांसे की थीं. इनकी कड़ियां तथा ऊपरी हिस्सा तथा उनकी पट्टियां चांदी की थीं. 20पवित्र स्थान और उसके चारों ओर के आंगन की सभी खूंटियां कांसे की थीं.

पवित्र-मण्डप में प्रयुक्त सामग्री

21मोशेह के आदेश के अनुसार बनाए गए पवित्र स्थान और वाचा के पवित्र स्थान के निर्माण में जो जो सामग्रियां उपयोग में आई थीं, उन सभी की गिनती, जो पुरोहित अहरोन के पुत्र इथामार के नेतृत्व में लेवियों द्वारा की गई, वह इस प्रकार है: 22जिन वस्तुओं को बनाने की आज्ञा याहवेह द्वारा मोशेह को दी गई थी, वह यहूदाह गोत्र के बसलेल ने बना दी—बसलेल उरी के पुत्र, हूर के पोते थे. 23उनके साथ दान गोत्र के अहीसामक के पुत्र ओहोलियाब थे, जो नक्काशी और शिल्पकार तथा कढ़ाई करने तथा सूक्ष्म बंटी हुई सन और नीले, बैंगनी तथा लाल वस्त्रों के बनाने में निपुण थे. 24पवित्र स्थान को बनाने में जितना सोना भेंट चढ़ा था, वह सोना पवित्र स्थान की तौल के अनुसार कुल एक हजार दो किलो था.

25इस्राएलियों ने पवित्र स्थान के लिए जो चांदी भेंट दी थी, वह पवित्र स्थान की तौल के अनुसार लगभग तीन हजार पांच सौ बीस किलो थी. 26जो इस्राएली बीस वर्ष की उम्र से ज्यादा के थे, वे संख्या में कुल छः लाख तीन हजार पांच सौ पचास व्यक्ति थे, उन्होंने पवित्र स्थान की तौल के अनुसार आधा शेकेल, अर्थात् छः ग्राम भेंट दी. 27पवित्र स्थान तथा बीच के पर्दों के लिए लगभग साढ़े तीन हजार किलो चांदी उपयोग की गई थी—एक सौ कुर्सियां साढ़े तीन हजार किलो चांदी से बनीं—एक कुर्सी के लिए लगभग पैंतीस किलो चांदी लगी. 28जो बीस किलो चांदी बच गई, उससे मीनारों के लिए कड़ियां बनाई और ऊपरी हिस्से की पट्टियां भी बना दीं.

29भेंट में चढ़ाया गया कांस्य लगभग दो हजार सवा चार सौ किलो था. 30उससे मिलनवाले तंबू के द्वार के लिए कुर्सियां, कांसे की वेदी तथा इसकी जाली तथा वेदी का सारा सामान, 31आंगन के चारों ओर की कुर्सियां तथा उसके द्वार की कुर्सियां तथा निवास और आंगन के चारों ओर की खूंटियां भी बनाई गईं.