ኤርምያስ 40 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ኤርምያስ 40:1-16

ኤርምያስ በነጻነት መኖሩ

1የክብር ዘበኞች አዛዥ ናቡዘረዳን ኤርምያስን ከኢየሩሳሌምና ከይሁዳ ወደ ባቢሎን በሚወስዱት ምርኮኞች ሁሉ መካከል በራማ በሰንሰለት ታስሮ ባገኘው ጊዜ አስፈታው፤ ከዚህ በኋላ የእግዚአብሔር ቃል ወደ ኤርምያስ መጣ። 2የዘበኞቹ አዛዥ ኤርምያስን ለብቻው ወስዶ፣ እንዲህ አለው፤ “አምላክህ እግዚአብሔር በዚህች ምድር ላይ ይህን ጥፋት ተናገረ፤ 3አሁንም እግዚአብሔር አመጣው፤ እንደ ተናገረውም አደረገ። ይህ ሁሉ የሆነው እናንተ በእግዚአብሔር ላይ ኀጢአት ስለ ሠራችሁና እርሱን ስላልታዘዛችሁ ነው። 4እነሆ፤ ዛሬ የእጅህን ሰንሰለት ፈታሁልህ። ከፈለግህ ከእኔ ጋር ወደ ባቢሎን ና፤ እኔም እንከባ ከብሃለሁ፤ ካልፈለግህ ግን አትምጣ። እነሆ፤ አገሪቱ ሁሉ በፊትህ ናት፤ ደስ ወዳሰኘህ ሂድ።” 5ኤርምያስ ገና መልስ ሳይሰጥ40፥5 ወይም ኤርምያስ ሳይመልስ ናቡዘረዳን በመቀጠል፣ “የባቢሎን ንጉሥ በይሁዳ ከተሞች ላይ ወደ ሾመው ወደ ሳፋን ልጅ ወደ አኪቃም ልጅ ወደ ጎዶልያስ ተመለስ፤ ከእርሱም ጋር በሕዝቡ መካከል ተቀመጥ፤ ወይም ደስ ወዳሰኘህ ስፍራ ሂድ” አለው። የዘበኞቹ አዛዥ ስንቅና ስጦታ ሰጥቶ አሰናበተው፤ 6ኤርምያስም የአኪቃም ልጅ ጎዶልያስ ወዳለበት ወደ ምጽጳ ሄደ፤ ከእርሱም ጋር በምድሪቱ በቀረው ሕዝብ መካከል ኖረ።

የጎዶልያስ መገደል

40፥7-941፥1-3 ተጓ ምብ – 2ነገ 25፥22-26

7በየሜዳው የነበሩት የጦር መኰንኖችና ሰዎቻቸው ሁሉ የባቢሎን ንጉሥ የአኪቃምን ልጅ ጎዶልያስን በምድሪቱ ላይ ገዥ አድርጎ እንደ ሾመውና ወደ ባቢሎን በምርኮ ባልተወሰዱት በምድሪቱ ድኾች ወንዶች፣ ሴቶችና ልጆች ላይ ሥልጣን እንደ ሰጠው በሰሙ ጊዜ፣ 8ወደ ምጽጳ፣ ጎዶልያስ ዘንድ መጡ፤ የናታንያ ልጅ እስማኤል፣ የቃሬያ ልጆች ዮሐናንና ዮናታን፣ የተንሑት ልጅ ሠራያ፤ የነጦፋዊው የዮፌ ልጆች፣ የማዕካታዊ ልጅ ያእዛንያን40፥8 የዕብራይስጡ ያእዛንያን የያዛንያ አቻ ስም ነው። ሰዎቻቸውም ነበሩ። 9የሳፋን ልጅ የአኪቃም ልጅ ጎዶልያስ ለእነርሱና ለሰዎቻቸው እንዲህ ሲል ቃል ገባላቸው፤ “ለባቢሎናውያን40፥9 ወይም ከለዳያን፤ 10 ይመ መገዛት አትፍሩ፤ በምድሪቱ ተቀምጣችሁ የባቢሎንን ንጉሥ አገልግሉ፤ መልካም ይሆንላችኋል። 10እኔም ራሴ ወደ እኛ በሚመጡት በባቢሎናውያን ፊት ልቆምላችሁ፣ በምጽጳ እቀመጣለሁ፤ እናንተ ግን ወይን፣ የበጋ ፍሬና ዘይት አምርቱ፤ በማከማቻ ዕቃዎቻችሁ ውስጥ ክተቱ፤ በያዛችኋቸውም ከተሞች ተቀመጡ።”

11በሞዓብ፣ በአሞን፣ በኤዶምና በሌሎች አገሮች ሁሉ የነበሩ አይሁድ በሙሉ የባቢሎን ንጉሥ፣ ሰዎችን በይሁዳ እንዳስቀረና የሳፋን ልጅ የአኪቃምን ልጅ ጎዶልያስን በላያቸው እንደ ሾመ በሰሙ ጊዜ፣ 12ሁላቸውም ከተበታተኑበት አገር ሁሉ ወደ ይሁዳ ምድር ተመለሱ፤ በምጽጳ ወደሚኖረውም ወደ ጎዶልያስ መጡ፤ ወይንና የበጋ ፍሬም በብዛት አከማቹ። 13የቃሬያ ልጅ ዮሐናንና ገና በየሜዳው የነበሩት የጦር መኰንኖች ሁሉ ወደ ጎዶልያስ ወደ ምጽጳ መጥተው፣ 14“የአሞናውያን ንጉሥ በአሊስ አንተን ለመግደል የናታንያን ልጅ እስማኤልን እንደ ላከው አታውቅምን?” አሉት። የአኪቃም ልጅ ጎዶልያስ ግን አላመናቸውም።

15የቃሬያ ልጅ ዮሐናን፣ “ማንም ሳያውቅ የናታንያን ልጅ እስማኤልን ሄጄ ልግደለው፤ ሸሽተው ወደ አንተ የመጡት አይሁድ እንዲበተኑ፣ በይሁዳም የቀሩት እንዲጠፉ ለምን ይገድልሃል?” ብሎ በምጽጳ ለጎዶልያስ በምስጢር ነገረው።

16የአኪቃም ልጅ ጎዶልያስ ግን የቃሬያን ልጅ ዮሐናንን፣ “ስለ እስማኤል የምትነግረኝ ሁሉ እውነት አይደለምና ይህን ነገር አታድርግ” አለው።

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 40:1-16

येरेमियाह मुक्त होता है

1राज्यपाल गेदालिया के आवास में से अंगरक्षकों के प्रधान नेबुज़रादान ने जब येरेमियाह को येरूशलेम तथा यहूदिया के सारे बंदियों के बीच जंजीरों से बंधा हुआ देखा जिन्हें बाबेल ले जाया जा रहा था, तब उसने उसे रामाह में विमुक्त कर दिया. उस समय याहवेह का संदेश येरेमियाह को प्रगट किया गया. 2अंगरक्षकों के प्रधान ने येरेमियाह को अलग ले जाकर कहा, “याहवेह, आपके ही परमेश्वर ने इस स्थान के विरुद्ध यह घोर विपत्ति योजित की थी. 3अब याहवेह ने जैसी पूर्ववाणी की थी; उसे ही बनाकर दिखाया है. क्योंकि आप लोगों ने ही तो याहवेह के विरुद्ध पाप किया है, आप लोगों ने उनके आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिये आप पर यह विपत्ति टूट पड़ी है. 4किंतु अब देखिए, आज मैं आपको आपके हाथों में पड़ी हुई इन बेड़ियों से विमुक्त कर रहा हूं, यदि आपको उपयुक्त लगे, आप मेरे साथ बाबेल चल सकते हैं, आपकी देखभाल का दायित्व मेरा होगा; किंतु यदि आप मेरे साथ बाबेल चलना उपयुक्त न समझें तो, आपकी इच्छा, आपके समक्ष संपूर्ण देश खुला पड़ा है; आपको जो स्थान अनुकूल लगे वहीं चले जाइए.” 5इसलिये कि येरेमियाह वहां अनिश्चय की स्थिति में ही ठहरे हुए थे, नेबुज़रादान ने उनसे कहा, “अच्छा, तो आप शापान के पौत्र अहीकाम के पुत्र गेदालियाह के पास लौट जाइए, जिसे बाबेल के राजा ने यहूदिया के नगरों पर राज्यपाल नियुक्त किया है, आप गेदालियाह के यहां अपने ही लोगों के मध्य निवास कीजिए. यदि नहीं, तो आपको जहां कहीं उपयुक्त लगे वहीं चले जाइए.”

इसके बाद अंगरक्षकों के प्रधान ने येरेमियाह को कुछ अन्‍न पदार्थ तथा एक उपहार देकर उन्हें विदा किया. 6येरेमियाह वहां से मिज़पाह में अहीकाम के पुत्र गेदालियाह के यहां जाकर उस देश में शेष रह गए लोगों के मध्य निवास करने लगे.

गेदालियाह की हत्या

7जब युद्ध क्षेत्र में सारे सेनापतियों तथा सैनिकों को यह सूचना प्राप्‍त हुई कि बाबेल के राजा ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह को संपूर्ण देश तथा उन पुरुषों, स्त्रियों तथा बालकों पर, जो देश में गरीब थे तथा जो बाबेल में बंदी नहीं किए गए थे, अधिपति नियुक्त कर दिया है, 8वे मिज़पाह में गेदालियाह से भेंट करने आ गए. उनके साथ थे नेथनियाह का पुत्र इशमाएल, कोरियाह के पुत्र योहानन तथा योनातन, तनहूमेथ का पुत्र सेराइयाह, नेतोफ़ातवासी एफाई के पुत्र, माकाहथिवासी का पुत्र येत्सानियाह, दोनों ही तथा उनकी सैनिक टुकड़ी. 9यह सब देखते हुए शापान के पौत्र, अहीकाम के पुत्र, गेदालियाह ने उनके तथा सैनिकों के समक्ष यह कहते हुए शपथ ली: “कसदियों की सेवा करने का विचार तुम्हें भयभीत न करे, इसी देश में निवास करते हुए बाबेल के राजा की सेवा करते रहो, कि तुम्हारा हित हो. 10मैं तो मिज़पाह में ही रहूंगा, कि मैं तुम्हारी सहायता में खड़ा रह सकूं, कि मैं उन कसदियों के लिए तुम्हारा प्रवक्ता हो सकूं जो अपना प्रतिवाद लेकर मेरे पास आए थे, किंतु तुम द्राक्षारस, ग्रीष्मकालीन फल एवं तेल का संग्रहण करते रहना, उन्हें भंडारण बर्तनों में रख देना, अपने-अपने नगरों में निवास करना, जिन्हें अब तुमने अपना लिया है.”

11इसी प्रकार वे सभी यहूदियों ने जो इस समय मोआब, अम्मोन, एदोम तथा अन्य देशों में निवास करने लगे थे, यह सुना कि बाबेल के राजा ने यहूदिया में कुछ लोगों को छोड़ दिया है, तथा यह, कि उसने उन पर शापान के पौत्र, अहीकाम के पुत्र गेदालियाह को अधिपति नियुक्त कर दिया है, 12तब सभी स्थानों से सारे यहूदी लौटकर आने लगे, जहां उन्हें खदेड़ दिया गया था, वे यहूदिया देश में आए तथा मिज़पाह में गेदालियाह से भेंट करने गए. उन्होंने बड़ी मात्रा में द्राक्षारस एवं ग्रीष्मकालीन फलों का भंडारण कर डाला.

13तब कोरियाह का पुत्र योहानन तथा रणभूमि में सैनिकों के सारे सेनापति मिज़पाह में गेदालियाह से भेंट करने आए. 14उन्होंने उससे कहा, “क्या आपको यह संज्ञान है कि अम्मोन के वंशजों के राजा बालिस ने नेथनियाह के पुत्र इशमाएल को आपकी हत्या के उद्देश्य से भेजा है?” किंतु अहीकाम के पुत्र गेदालियाह ने उनका विश्वास ही नहीं किया.

15तब कोरियाह के पुत्र योहानन ने मिज़पाह में अकेले में जाकर गेदालियाह के समक्ष यह प्रस्ताव रखा, “मुझे अनुमति दीजिए, कि मैं जाकर नेथनियाह के पुत्र इशमाएल का वध कर दूं. किसी को भी इसके विषय में ज्ञात न हो सकेगा, हम क्यों उसे आपकी हत्या का अवसर दें? अन्यथा आपकी शरण में आए ये सारे यहूदी पुनः बिखर जाएंगे तथा यहूदिया का बचा हुआ शेष नष्ट हो जाएगा?”

16किंतु अहीकाम के पुत्र गेदालियाह ने उससे कहा, “इशमाएल के विषय में तुम्हारा यह वचन असत्य है! मत करो उसकी हत्या.”