ኢሳይያስ 45 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ኢሳይያስ 45:1-25

1“ለቀባሁት፣ ቀኝ እጁን ለያዝሁት፣

ነገሥታትን ትጥቅ አስፈታ ዘንድ፣

ሕዝብን ሁሉ ላስገዛለት፣

ደጆች እንዳይዘጉ፣

በሮቹን በፊቱ ለምከፍትለት፣

ለቂሮስ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤

2‘በፊትህ እሄዳለሁ፤

ተራሮችን45፥2 የሙት ባሕር ጥቅሎችና የሰብዓ ሊቃናት ትርጕም ከዚህ ጋር ይስማማል፤ በማሶሬቱ ቅጅ ግን የቃሉ ትርጕም አይታወቅም። እደለድላለሁ፤

የናስ በሮችን እሰብራለሁ፤

የብረት መወርወሪያዎችንም እቈርጣለሁ።

3በስምህ የምጠራህ የእስራኤል አምላክ፣

እኔ እግዚአብሔር መሆኔን ታውቅ ዘንድ፣

በተሰወረ ስፍራ የተከማቸውን ሀብት፣

በጨለማም ያለውን ንብረት እሰጥሃለሁ።

4ስለ ባሪያዬ ስለ ያዕቆብ፣

ስለ መረጥሁት ስለ እስራኤል፣

አንተ ባታውቀኝ እንኳ፣

በስምህ ጠርቼሃለሁ፤

የክብርም ስም ሰጥቼሃለሁ።

5እኔ እግዚአብሔር ነኝ፤ ከእኔ ሌላ ማንም የለም፤

ከእኔ በቀር አምላክ የለም።

አንተ ባታውቀኝም እንኳ፣

እኔ አበረታሃለሁ።

6ይኸውም ሰዎች ከፀሓይ መውጫ፣

እስከ መጥለቂያው፣

ከእኔ በቀር ሌላ እንደሌለ እንዲያውቁ ነው፤

እኔ እግዚአብሔር ነኝ፤ ከእኔ ሌላ ማንም የለም።

7እኔ ብርሃንን ሠራሁ፤ ጨለማንም ፈጠርሁ፤

አበለጽጋለሁ፤ አደኸያለሁ፤

ይህን ሁሉ የማደርግ እኔ እግዚአብሔር ነኝ።’

8“እናንት ሰማያት፣ ጽድቅን ከላይ አዝንቡ፤

ደመናትም ወደ ታች አንጠብጥቡ፤

ምድር ትከፈት፤

ድነት ይብቀል፤

ጽድቅም አብሮት ይደግ፤

እኔ እግዚአብሔር ፈጥሬዋለሁ።

9“ከዐፈር ሸክላዎች መካከል፣

ከሠሪው ጋር ክርክር ለሚገጥም ወዮለት፤

ጭቃ፣ ሸክላ ሠሪውን፣

‘ምን እየሠራህ ነው?’ ይለዋልን?

የምትሠራውስ ሥራ፣

‘እጅ የለህም’ ይልሃልን?

10አባቱን፣

‘የወለድኸው ምንድን ነው?’ ለሚል፣

እናቱንም፣

‘ምን ወለድሽ’? ለሚል ወዮለት።

11“የእስራኤል ቅዱስ፣ ሠሪውም የሆነ እግዚአብሔር

ስለሚመጡ ነገሮች እንዲህ ይላል፤

‘ስለ ልጆቼ ትጠይቁኛላችሁን?

ስለ እጆቼስ ሥራ ታዝዙኛላችሁን?

12ምድርን የሠራሁ እኔ ነኝ፤

ሰውንም በላይዋ ፈጥሬአለሁ፤

እጆቼ ሰማያትን ዘርግተዋል፤

የሰማይንም ሰራዊት አሰማርቻለሁ።

13ቂሮስን45፥13 ዕብራይስጡ፣ እርሱን ይላል። በጽድቅ አስነሥቻለሁ፤

መንገዱን ሁሉ አስተካክዬለታለሁ፤

ከተማዬን እንደ ገና ይሠራታል፤

ምርኮኞቼን ያለ ክፍያ ወይም ያለ ዋጋ፣

ነጻ ያወጣል፤’

ይላል የሰራዊት ጌታ እግዚአብሔር።”

14እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤

“የግብፅ ሀብትና የኢትዮጵያ ንግድ፣

ቁመተ ረዣዥሞቹ የሳባ ሰዎች፣

ወደ አንተ ይመጣሉ፤

የአንተ ይሆናሉ፤

ከኋላ ይከተሉሃል፤

በሰንሰለትም ታስረው ወደ አንተ በመምጣት፣

በፊትህ እየሰገዱ፣

‘በእውነት እግዚአብሔር ከአንተ ጋር ነው፤

ከእርሱም በቀር ሌላ አምላክ የለም’ ብለው ይለምኑሃል።”

15አዳኙ የእስራኤል አምላክ ሆይ፤

አንተ በእውነት ራስህን የምትሰውር አምላክ ነህ።

16ጣዖት ሠሪዎች ሁሉ ያፍራሉ፤ ይቀልላሉ፤

በአንድነት ይዋረዳሉ።

17እስራኤል ግን በእግዚአብሔር

በዘላለም ድነት ይድናል፤

እናንተም ለዘላለም፣

አታፍሩም፤ አትዋረዱም።

18ሰማያትን የፈጠረ፣

እርሱ እግዚአብሔር ነው፤

ምድርን ያበጃት፣ የሠራት፣

የመሠረታት፣

የሰው መኖሪያ እንጂ፣

ባዶ እንድትሆን ያልፈጠራት፣

እግዚአብሔር እንዲህ ይላልና፤

“እኔ እግዚአብሔር ነኝ፤

ከእኔም በቀር ሌላ የለም።

19በጨለማ ምድር፣

በምስጢር አልተናገርሁም፤

ለያዕቆብም ዘር፣

‘በከንቱ ፈልጉኝ’ አላልሁም።

እኔ እግዚአብሔር እውነትን እናገራለሁ፤

ትክክለኛውንም ነገር ዐውጃለሁ።

20“በአንድነት ተሰብሰቡ፤ ቅረቡም፤

እናንት ከአሕዛብ የኰበለላችሁ፣ ኑ።

የዕንጨት ጣዖት የሚሸከሙ፣

ማዳን ወደማይችል አምላክ የሚጸልዩ፣ ዕውቀት የላቸውም።

21ጕዳያችሁን ተናገሩ፤ አቅርቡ፤

ተሰብስበውም ይማከሩ።

ይህን አስቀድሞ ማን ዐወጀ?

ከጥንትስ ማን ተናገረ?

እኔ እግዚአብሔር አይደለሁምን?

ጻድቅና አዳኝ የሆነ አምላክ፣

ከእኔ በቀር ማንም የለም፤

ከእኔ ሌላ አምላክ የለም።

22“እናንት የምድር ዳርቻ ሁሉ፣

እኔ አምላክ ነኝ፤ ከእኔም በቀር ሌላ የለምና፤

ትድኑ ዘንድ ወደ እኔ ተመለሱ።

23ጕልበት ሁሉ በእኔ ፊት ይንበረከካል፤

አንደበትም ሁሉ በእኔ ይምላል፤

ብዬ በራሴ ምያለሁ፤

የማይታጠፍ ቃል፣

ከአፌ በጽድቅ ወጥቷል።

24ስለ እኔም ሲናገሩ፣ ‘ጽድቅና ኀይል፣

በእግዚአብሔር ብቻ ነው’ ይላሉ።”

በእርሱ ላይ በቍጣ የተነሡ ሁሉ፣

ወደ እርሱ መጥተው ያፍራሉ።

25ነገር ግን የእስራኤል ዘር ሁሉ፣

በእግዚአብሔር ይጸድቃሉ፤

ሞገስንም ያገኛሉ።

Hindi Contemporary Version

यशायाह 45:1-25

1“परमेश्वर के अभिषिक्त कोरेश को याहवेह ने कहा,

मैंने उसका दायां हाथ थाम रखा है

कि मैं उसके सामने जनताओं को उसके अधीन कर दूं

और राजाओं की कमर ढीली कर दूं,

कि इसके लिए फाटक खोल दूं

ताकि फाटक बंद ही न हो सकें:

2मैं तेरे आगे-आगे चलूंगा

ऊंची-ऊंची भूमि को सीधा बना दूंगा;

मैं कांस्य के दरवाजों को चूर-चूर कर दूंगा

लोहे के जंजीर को काटता हुआ निकल जाऊंगा.

3मैं तुम्हें अंधकार से छिपा हुआ,

और गुप्‍त स्थानों में गढ़ा हुआ धन दूंगा,

कि तुम्हें यह मालूम हो जाये कि यह मैं ही वह याहवेह,

इस्राएल का परमेश्वर हूं, जो तुम्हें तुम्हारा नाम लेकर बुलाता है.

4मेरे सेवक याकोब के हित में,

तथा मेरे चुने हुए इस्राएल के हित में,

तुम्हारा नाम लेकर

मैंने बुलाया है, मैंने तुम्हें ऊंचा पद दिया है,

परंतु तुम तो मुझे जानते भी न थे.

5मैं ही वह याहवेह हूं और कोई नहीं;

मेरे सिवाय परमेश्वर कोई नहीं.

मैं तुम्हें विषमता के लिए सुसज्जित कर दूंगा,

परंतु तुम मुझे जानते ही नहीं थे तो भी मैं तुम्हारी कमर कसूंगा,

6यह इसलिये कि पूर्व से

पश्चिम तक

सभी को यह मालूम हो जाए, कि मेरे सिवाय कोई भी नहीं है.

याहवेह मैं ही हूं, दूसरा और कोई नहीं.

7मैं वह हूं जो उजियाला और अंधियारे का सृजन करता हूं,

मैं सुख-शांति का दाता और विपत्ति को भी रचता हूं;

मैं वह याहवेह हूं, जो इन सबका नाश करता हूं.

8“हे आकाश, अपनी ऊंचाई से धार्मिकता बरसा

और बादल से धार्मिकता की बारिश हो.

पृथ्वी खुल जाए,

जिससे उद्धार हो,

और नीति भी उसके साथ उगे;

मैं, याहवेह ने ही इसकी सृष्टि की है.

9“हाय उस व्यक्ति पर जो अपने रचनेवाले से झगड़ता है,

वह तो मिट्टी के बर्तनों के बीच मिट्टी का एक बर्तन है.

क्या मिट्टी कुम्हार से कहेगी कि,

‘यह क्या कर रहे हो तुम मेरे साथ?’

क्या कारीगर की बनाई हुई वस्तु यह कहेगी कि,

‘उसके तो हाथ ही नहीं हैं’?

10हाय उस व्यक्ति पर जो अपने पिता से पूछे,

‘किसे जन्म दे रहे हैं आप?’

और अपनी माता से पूछे,

‘तू किसकी माता है?’

11“याहवेह जो इस्राएल का पवित्र और उसका बनानेवाला है,

वे यों कहते हैं:

क्या तुम होनेवाली घटनाओं के बारे में मुझसे पूछोगे,

क्या मेरे पुत्रों और मेरे कामों के लिए मुझसे कहोगे?

12मैं ही हूं वह जिसने पृथ्वी को बनाया

तथा मनुष्य की रचना की.

अपने ही हाथों से मैंने आकाश को फैलाया;

और उसके सारे तारों को आज्ञा दी है.

13मैंने उसे धार्मिकता में जगाया:

तथा अब मैं उसका मार्ग सीधा बनाऊंगा.

वह मेरे नगरों को बसायेगा

तथा मेरे बंधक को,

बिना किसी दाम अथवा बदला लिये छुड़ा लेगा,

यह सर्वशक्तिमान याहवेह की घोषणा है.”

14याहवेह का संदेश है:

“मिस्र देश की कमाई तथा कूश देश के व्यापार की

लाभ सामग्री

तथा सीबा के लोग स्वयं तुमसे मिलने आएंगे

तथा तुम्हारे अधीन हो जाएंगे;

वे झुककर दंडवत करेंगे,

वे तुमसे विनती करेंगे और कहेंगे.

‘परमेश्वर आपके साथ हैं, और दूसरा कोई नहीं उसके सिवाय;

कोई और परमेश्वर नहीं.’ ”

15हे इस्राएल के परमेश्वर, हे उद्धारकर्ता,

सच तो यह है कि आप अपरंपार परमेश्वर हैं, जो स्वयं को अदृश्य कर लेते हैं.

16वे लज्जित किए जाएंगे यहां तक कि वे अपमानित हो जाएंगे, वे सभी;

वे जो मूर्तियों को बनानेवाले सब लज्जित और अपमानित किए जाएंगे.

17इस्राएल याहवेह द्वारा छुड़ा दिया गया है,

उनका यह छुटकारा सदा तक स्थिर रहेगा;

फिर न तो वे लज्जित किए जाएंगे,

और न ही अपमानित होंगे.

18आकाश का रचनेवाला याहवेह,

वही परमेश्वर;

जिन्होंने पृथ्वी की रचना कर उसे रूप दिया,

और उन्होंने इसे स्थिर किया;

तथा इसमें एक भी स्थान ऐसा नहीं जो बसाया गया न हो,

लेकिन इसको इसलिये बनाया कि इसे बसाया जाये—

वह यों कहता है:

“मैं ही वह याहवेह हूं,

अन्य कोई भी नहीं.

19मैंने जो कुछ कहा है वह गुप्‍त में नहीं कहा है,

न ही अंधकार में;

मैंने याकोब के वंश को यह नहीं कहा कि,

‘मेरी खोज व्यर्थ में करो.’

मैं, याहवेह, सत्य ही कहता हूं;

मैं सही बातें ही बताता आया हूं.

20“हे अन्यजातियों में से बचे हुए लोगो, एक साथ पास आओ;

वे जो लकड़ी की खुदी हुई मूर्ति लेकर फिरते हैं.

जिससे उद्धार नहीं हो सकता,

वे अनजान है इसलिये प्रार्थना करते हैं.

21प्रचार करके उनको लाओ,

कि वे आपस में मिलें, किसने पहले ये बताया और सब प्रकट किया.

क्या मैं याहवेह ही ने यह सब नहीं किया?

इसी लिये मुझे छोड़ और कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है,

धर्मी और उद्धारकर्ता;

परमेश्वर मैं ही हूं.

22“हे सारी पृथ्वी के लोगो,

मेरी ओर फिरो;

क्योंकि परमेश्वर मैं ही हूं, कोई नहीं है मेरे सिवाय.

23मैंने अपनी ही शपथ ली है,

धर्म के अनुसार मेरे मुंह से यह वचन निकला है

यह नहीं बदलेगा:

हर एक घुटना मेरे सामने झुकेगा;

और मुंह से मेरी शपथ खाई जाएगी.

24मेरे विषय में लोग कहेंगे कि, ‘केवल याहवेह में ही

नीति और शक्ति है.’ ”

मनुष्य उनकी ओर चले आएंगे,

वे सभी जिन्होंने उन पर क्रोध किया वे लज्जित किए जाएंगे.

25इस्राएल के सारे लोग

याहवेह ही के कारण धर्मी ठहरेंगे

और उसकी महिमा करेंगे.