ሐዋርያት ሥራ 13 – NASV & NCA

New Amharic Standard Version

ሐዋርያት ሥራ 13:1-52

በርናባስና ሳውል ተላኩ

1በአንጾኪያ ባለችው ቤተ ክርስቲያን ነቢያትና መምህራን ነበሩ፤ እነርሱም፦ በርናባስ፣ ኔጌር የተባለው ስምዖን፣ የቀሬናው ሉክዮስ፣ የአራተኛው ክፍል ገዥ የሄሮድስ አብሮ አደግ የነበረው ምናሔና ሳውል ነበሩ። 2እነዚህም ጌታን እያመለኩና እየጾሙ ሳሉ፣ መንፈስ ቅዱስ፣ “በርናባስንና ሳውልን እኔ ለጠራኋቸው ሥራ ለዩልኝ” አለ። 3እነርሱም ከጾሙና ከጸለዩ በኋላ እጃቸውን ጭነው አሰናበቷቸው።

በርናባስና ሳውል በቆጵሮስ

4በርናባስና ሳውልም በመንፈስ ቅዱስ ተልከው ወደ ሴሌውቅያ ወረዱ፤ ከዚያም በመርከብ ወደ ቆጵሮስ ሄዱ። 5ስልማና በደረሱም ጊዜ በአይሁድ ምኵራቦች የእግዚአብሔርን ቃል ሰበኩ፤ ዮሐንስም አብሯቸው ሆኖ ይረዳቸው ነበር።

6የቆጵሮስን ደሴት ከዳር እስከ ዳር አቋርጠው ጳፉ በደረሱ ጊዜ፣ በርያሱስ የተባለ አንድ አይሁዳዊ ጠንቋይና ሐሰተኛ ነቢይ አገኙ፤ 7እርሱም ሰርግዮስ ጳውሎስ ከተባለው አስተዋይ አገረ ገዥ ጋር ነበረ። ይህ አገረ ገዥ፣ የእግዚአብሔርን ቃል ለመስማት ፈልጎ በርናባስንና ሳውልን አስጠራቸው። 8ጠንቋዩ ኤልማስ ግን፣ የስሙ ትርጕም እንዲህ ነበርና፣ አገረ ገዥው እንዳያምን ለማደናቀፍ ስለ ፈለገ ተቃወማቸው። 9ጳውሎስ የተባለውም ሳውል በመንፈስ ቅዱስ ተሞልቶ፣ ትኵር ብሎ ተመለከተውና እንዲህ አለው፤ 10“አንተ የጽድቅ ሁሉ ጠላት፣ ተንኰልንና ክፋትን ሁሉ የተሞላህ የዲያብሎስ ልጅ፣ የጌታን ቀና መንገድ ከማጣመም አታርፍምን? 11አሁንም የጌታ እጅ በአንተ ላይ ነው፤ ዕውር ትሆናለህ፤ ከእንግዲህ የፀሓይን ብርሃን ለአንድ አፍታ እንኳ አታይም።”

ወዲያውም ጭጋግና ጨለማ በላዩ ወረደ፤ እጁን ይዞ የሚመራውንም ሰው ለመፈለግ ወዲያ ወዲህ ይል ጀመር። 12አገረ ገዥውም የሆነውን ነገር ባየ ጊዜ፣ በጌታ ትምህርት በመደነቅ አመነ።

በርናባስና ጳውሎስ በጲስድያ

13ጳውሎስና ጓደኞቹ ከጳፉ ተነሥተው በጵንፍልያ ወደምትገኘው ወደ ጴርጌን ሄዱ፤ ዮሐንስም ከእነርሱ ተለይቶ ወደ ኢየሩሳሌም ተመለሰ። 14እነርሱ ግን ከጴርጌን ተነሥተው በጲስድያ ውስጥ ወዳለችው ወደ አንጾኪያ ሄዱ፤ በሰንበት ቀንም ወደ ምኵራብ ገብተው ተቀመጡ። 15የሕግና የነቢያት መጻሕፍት ከተነበቡ በኋላ፣ የምኵራብ አለቆች፣ “ወንድሞች ሆይ፤ ሕዝቡን የሚመክር ቃል ካላችሁ ተናገሩ” ሲሉ ላኩባቸው።

16ጳውሎስም ተነሥቶ በእጁ በመጥቀስ እንዲህ አለ፤ “የእስራኤል ሰዎች ሆይ፤ ደግሞም እናንት እግዚአብሔርን የምትፈሩ ሁሉ፤ አድምጡ! 17የዚህ የእስራኤል ሕዝብ አምላክ፣ አባቶቻችንን መረጣቸው፤ በግብፅ ምድር እያሉም ከፍ ከፍ አደረጋቸው፤ በኀያል ክንዱም ከዚያ አወጣቸው። 18አርባ ዓመት ያህልም በበረሓ ታገሣቸው13፥18 አንዳንድ ቅጆች ተንከባከባቸውም ይላሉ።19በከነዓን ምድር የነበሩትንም ሰባት መንግሥታት አጥፍቶ፣ ምድራቸውን ለገዛ ሕዝቡ ርስት አድርጎ አወረሳቸው። 20ይህም ሁሉ የተፈጸመው በአራት መቶ አምሳ ዓመት ያህል ጊዜ ውስጥ ነበር።

“ከዚህ በኋላ፣ እስከ ነቢዩ ሳሙኤል ዘመን ድረስ መሳፍንትን ሰጣቸው። 21ከዚያም ሕዝቡ ንጉሥ እንዲያነግሥላቸው ለመኑት፤ እግዚአብሔርም ከብንያም ወገን፣ የቂስን ልጅ ሳኦልን ሰጣቸው፤ እርሱም አርባ ዓመት ገዛቸው። 22ሳኦልንም ከሻረው በኋላ፣ ዳዊትን አነገሠላቸው፤ ስለ እርሱም፣ ‘እንደ ልቤ የሆነና እኔ የምሻውን ሁሉ የሚያደርግ የእሴይን ልጅ ዳዊትን አገኘሁ’ ሲል መሰከረለት።

23“እግዚአብሔርም በገባው ቃል መሠረት ከዚህ ሰው ዘር አዳኝ የሆነውን ኢየሱስን ለእስራኤል አመጣ። 24ኢየሱስ ከመምጣቱ በፊት፣ ዮሐንስ የእስራኤል ሕዝብ ሁሉ ንስሓ ገብተው እንዲጠመቁ ሰብኮላቸው ነበር። 25ዮሐንስ ተልእኮውን በማጠናቀቅ ላይ ሳለ፣ ‘እኔ ማን መሰልኋችሁ? እኔ እኮ እርሱ አይደለሁም፤ ነገር ግን የእግሩን ጫማ እንኳ መፍታት የማይገባኝ ከእኔ በኋላ ይመጣል’ ይል ነበር።

26“እናንት ከአብርሃም ዘር የተወለዳችሁ ወንድሞች፤ ደግሞም በመካከላችሁ እግዚአብሔርን የሚፈሩ ሁሉ፤ ይህ የድነት መልእክት የተላከው ለሁላችንም ነው። 27የኢየሩሳሌም ሰዎችና አለቆቻቸው ኢየሱስን አላወቁትም፤ ይሁን እንጂ በየሰንበቱ የሚነበበው የነቢያት ቃል እንዲፈጸም በእርሱ ፈረዱበት። 28ለሞት የሚያበቃው አንድም ምክንያት ባያገኙበትም እንኳ ጲላጦስ የሞት ፍርድ እንዲፈርድበት ተማጸኑት። 29ስለ እርሱ የተጻፈውን ሁሉ ከፈጸሙ በኋላ ከተሰቀለበት ዕንጨት አውርደው በመቃብር ውስጥ አስገቡት። 30እግዚአብሔር ግን ከሙታን አስነሣው። 31ከገሊላ ጀምሮ እስከ ኢየሩሳሌም ከእነርሱ ጋር ለነበሩትም ብዙ ቀን ታያቸው፤ እነርሱም አሁን ለሕዝቡ ምስክሮቹ ናቸው።

32“እኛም እግዚአብሔር ለአባቶች ቃል የገባውን የምሥራች ቃል ለእናንተ እንሰብካለን፤ 33ኢየሱስንም ከሙታን በማስነሣቱ ለእነርሱ የገባውን ቃል ለእኛ ለልጆቻቸው ፈጽሟል፤ ይኸውም በሁለተኛው መዝሙር እንዲህ ተብሎ ተጽፏል፤

“ ‘አንተ ልጄ ነህ፤

እኔ ዛሬ ወለድሁህ።’13፥33 ወይም አባትህ ሆንሁ

34ደግሞም፣ እርሱ እንዳልበሰበሰና እግዚአብሔርም ከሙታን እንዳስነሣው ለማረጋገጥ እንዲህ ብሏል፤

“ ‘የተቀደሰውንና የታመነውን፣ የዳዊትን በረከት እሰጣችኋለሁ።’

35ስለዚህ በሌላም ስፍራ፣

“ ‘ቅዱስህ መበስበስን እንዲያይ አትፈቅድም’

ይላል።

36“ዳዊት በራሱ ዘመን የእግዚአብሔርን ፈቃድ ካገለገለ በኋላ አንቀላፍቷል፤ ከአባቶቹም ጋር ተቀብሮ ሥጋው በስብሷል። 37እግዚአብሔር ከሙታን ያስነሣው እርሱ ግን መበስበስን አላየም።

38“እንግዲህ ወንድሞች ሆይ፤ የኀጢአት ይቅርታ የሚገኘው በኢየሱስ በኩል መሆኑ እንደ ተሰበከላችሁ ዕወቁ፤ 39በእርሱ የሚያምን ሁሉ በሙሴ ሕግ በኩል ማግኘት ያልተቻለውን ጽድቅ ያገኛል። 40ስለዚህ ነቢያት እንዲህ ብለው የተናገሩት እንዳይደርስባችሁ ተጠንቀቁ፤

41“ ‘እናንት ፌዘኞች፤ ተመልከቱ፤

ተደነቁ፤ ጥፉም፤

ማንም ቢነግራችሁ፣

የማታምኑትን ሥራ፣

እኔ በዘመናችሁ እሠራለሁና።’ ”

42ጳውሎስና በርናባስ ከምኵራብ ሲወጡ፣ ሰዎቹ ስለዚሁ ነገር በሚቀጥለው ሰንበት እንዲነግሯቸው ለመኗቸው። 43ጉባኤው ከተበተነ በኋላም፣ ብዙ አይሁድና ወደ ይሁዲ ሃይማኖት ገብተው በመንፈሳዊ ነገር የበረቱ ሰዎች፣ ጳውሎስንና በርናባስን ተከተሏቸው፤ እነርሱም አነጋገሯቸው፤ በእግዚአብሔርም ጸጋ ጸንተው እንዲኖሩ መከሯቸው።

44በሚቀጥለውም ሰንበት የከተማው ሕዝብ፣ ጥቂቱ ሰው ብቻ ሲቀር፣ በሙሉ የእግዚአብሔርን ቃል ለመስማት ተሰበሰቡ። 45አይሁድም ብዙ ሕዝብ ባዩ ጊዜ፣ በቅናት ተሞሉ፤ የጳውሎስንም ንግግር እየተቃወሙ ይሰድቡት ነበር።

46ጳውሎስና በርናባስም በድፍረት እንዲህ አሏቸው፤ “የእግዚአብሔር ቃል በመጀመሪያ ለእናንተ መነገር አለበት፤ እናንተ ግን ናቃችሁት፤ በዚህም የዘላለም ሕይወት እንደማይገባችሁ በራሳችሁ ላይ ስለ ፈረዳችሁ፣ እኛም ወደ አሕዛብ ዞር ለማለት እንገደዳለን። 47ደግሞም ጌታ እንዲህ ብሎ አዝዞናል፤

“ ‘ድነትን እስከ ምድር ዳርቻ ታደርስ ዘንድ፣13፥47 ታደርስ ዘንድ የሚለው በግሪኩ ነጠላ ቍጥር ነው።

ለአሕዛብ ብርሃን አድርጌሃለሁ።’ ”

48አሕዛብ ይህን በሰሙ ጊዜ ደስ አላቸው፤ ለእግዚአብሔርም ቃል ክብርን ሰጡ፤ ለዘላለም ሕይወት የተዘጋጁትም ሁሉ አመኑ።

49የጌታም ቃል በአካባቢው ባለው አገር ሁሉ ተስፋፋ። 50አይሁድ ግን በመንፈሳዊ ነገር የተጉትንና የከበሩትን ሴቶች፣ እንዲሁም የከተማውን ታላላቅ ወንዶች ቀስቅሰው በጳውሎስና በበርናባስ ላይ ስደትን አስነሡ፤ ከአገራቸውም አስወጧቸው። 51ጳውሎስና በርናባስም ተቃውሟቸውን ለመግለጽ የእግራቸውን ትቢያ አራግፈው ወደ ኢቆንዮን ሄዱ። 52ደቀ መዛሙርቱም በደስታና በመንፈስ ቅዱስ ተሞሉ።

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

प्रेरितमन के काम 13:1-52

बरनबास अऊ साऊल के पठोय जवई

1अंताकिया के कलीसिया म कुछू अगमजानी अऊ गुरू मन रहंय, जेमन के नांव रिहिस – बरनबास, सिमोन जऊन ला नीगर कहे जाथे, कुरेन के रहइया लूकियुस, मनाहेम (जऊन ह हेरोदेस राजपाल के संग पले बढ़े रिहिस), अऊ साऊल। 2जब ओमन उपास अऊ परभू के अराधना करत रहंय, त पबितर आतमा ह कहिस, “मोर बर बरनबास अऊ साऊल ला ओ काम बर अलग करव, जेकर बर मेंह ओमन ला चुने हवंव।” 3तब ओमन उपास अऊ पराथना करिन, अऊ बरनबास अऊ साऊल ऊपर अपन हांथ रखके ओमन ला बिदा करिन।

कुपरूस दीप म बरनबास अऊ साऊल परचार करथें

4पबितर आतमा के पठोय बरनबास अऊ साऊल सिलूकिया म गीन अऊ उहां ले ओमन पानी जहाज म चघके साइप्रस दीप चल दीन। 5जब ओमन सलमीस सहर म हबरिन, त उहां परमेसर के बचन ला यहूदीमन के सभा घर म सुनाईन। यूहन्ना ह ओमन के संग म एक सहायक के रूप म रहय।

6ओ जम्मो दीप म ले होवत ओमन पाफुस सहर आईन। उहां ओमन ला बार-यीसू नांव के एक यहूदी टोनहा अऊ लबरा अगमजानी मिलिस। 7ओह दीप के राजपाल सिरगियुस पौलुस के सेवक रिहिस। सिरगियुस ह एक बुद्धिमान मनखे रहय। ओह बरनबास अऊ साऊल ला अपन करा बलाईस काबरकि ओह परमेसर के बचन सुने चाहत रिहिस। 8पर बार-यीसू जऊन ला यूनानी भासा म इलीमास टोनहा कहे जावय, ओमन के बिरोध करिस अऊ राजपाल सिरगियुस ला बिसवास करे ले रोके के कोसिस करिस। 9तब साऊल जेकर नांव पौलुस घलो अय, पबितर आतमा ले भरके इलीमास ला एकटक देखिस अऊ कहिस, 10“तेंह सैतान के संतान अस अऊ जम्मो बने चीज के बईरी अस। तेंह जम्मो किसम के कपट अऊ धोखा ले भरे हवस। का तेंह परभू के सीधा रसता ला टेढ़ा करे बर कभू नइं छोड़स? 11अब परभू के हांथ ह तोर बिरोध म उठे हवय। तेंह अंधरा हो जाबे अऊ कुछू समय तक सूरज के अंजोर ला नइं देख सकबे।”

तुरते ओकर आंखी म धुंध अऊ अंधियार छा गे, अऊ ओह एती-ओती टमड़े लगिस कि कोनो ओकर हांथ ला धरके ओला ले जावंय। 12जब राजपाल ह ए घटना ला देखिस, त ओह मसीह ऊपर बिसवास करिस, काबरकि ओह परभू के बारे म उपदेस सुनके चकित हो गे रिहिस।

पिसिदिया प्रदेस के अंताकिया म

13पौलुस अऊ ओकर संगीमन पाफुस ले पानी जहाज खोलके पंफूलिया प्रदेस के पिरगा म आईन, जिहां यूहन्ना ओमन ला छोड़के यरूसलेम लहुंट गीस। 14ओमन पिरगा ले आघू बढ़िन अऊ पिसिदिया प्रदेस के अंताकिया सहर म आईन। बिसराम के दिन, ओमन सभा के घर म जाके बईठिन। 15मूसा के कानून के किताब अऊ अगमजानीमन के किताब म ले पढ़े के बाद, सभा घर के अधिकारीमन ओमन करा ए संदेस पठोईन, “हे भाईमन, यदि तुम्‍हर करा मनखेमन बर कोनो उत्साह के संदेस हवय, त सुनावव।”

16तब पौलुस ह ठाढ़ होईस अऊ हांथ ले इसारा करके कहिस, “हे इसरायली अऊ परमेसर के भक्त – आनजात के मनखेमन, मोर सुनव! 17इसरायली मनखेमन के परमेसर ह हमर पुरखामन ला चुनिस अऊ जब ओमन मिसर देस म परदेसी के सहीं रहत रिहिन, त ओमन ला बढ़ाईस अऊ अपन अपार सामरथ ले ओमन ला ओ देस ले बाहिर निकार लानिस। 18अऊ चालीस साल तक निरजन जगह म ओमन के गलत बरताव ला सहते रिहिस। 19ओह कनान देस म सात ठन जात के मनखेमन ला उखान फेंकिस अऊ ओमन के जमीन ला अपन मनखेमन के अधिकार म दे दीस। ए जम्मो काम म लगभग 450 साल लगिस।

20एकर बाद, सामुएल अगमजानी के आवत तक, परमेसर ह ओमन के बीच म नियाय करइया मनखेमन ला ठहराईस। 21तब ओमन अपन बर एक राजा मांगिन। परमेसर ह साऊल ला राजा ठहराईस, जऊन ह बिन्यामीन के गोत्र म ले कीस के बेटा रिहिस। ओह चालीस साल तक राज करिस। 22साऊल ला हटाय के बाद, ओह दाऊद ला ओमन के राजा बनाईस। दाऊद के बारे म परमेसर ह ए गवाही दीस: ‘मोला एक मनखे, यिसै के बेटा दाऊद मोर मन के मुताबिक मिल गे हवय। ओह ओ जम्मो काम करही, जऊन ला मेंह चाहथंव।’

23ओही दाऊद के बंस म ले परमेसर ह अपन परतिगियां के मुताबिक इसरायली मनखेमन बर उद्धार करइया यीसू ला पठोईस। 24यीसू के आय के पहिली यूहन्ना ह जम्मो इसरायली मनखेमन ला मन फिराय अऊ बतिसमा के परचार करिस। 25जब यूहन्ना ह अपन काम पूरा करइया रिहिस, त ओह कहिस, ‘तुमन मोला कोन ए समझत हव? मेंह ओ नो हंव जऊन ला परमेसर ह पठोय के परतिगियां करे हवय। पर मोर बाद, ओह आवत हवय, जेकर गोड़ के पनही घलो खोले के काबिल मेंह नो हंव।’

26हे भाईमन हो! अब्राहम के संतान अऊ परमेसर ले डरइया आनजातमन, हमर करा ए उद्धार के संदेस पठोय गे हवय। 27यरूसलेम के मनखे अऊ ओकर अधिकारीमन यीसू ला नइं चिनहिन अऊ न ही ओमन अगमजानीमन के बचन ला समझिन, जऊन ह हर बिसराम के दिन पढ़े जाथे। एकरसेति ओमन यीसू ला दोसी ठहराके ओ बातमन ला पूरा करिन। 28हालाकि ओमन मार डारे जाय के लइक कोनो दोस ओम नइं पाईन, तभो ले ओमन पीलातुस ले मांग करिन कि ओह मार डारे जावय। 29जब ओमन ओकर बारे म लिखे जम्मो बात ला पूरा कर लीन, तब ओला कुरुस ले उतारके एक कबर म रखिन। 30पर परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस। 31अऊ ओह ओमन ला जऊन मन ओकर संग गलील ले यरूसलेम आय रिहिन, बहुंत दिन तक देखाई देवत रिहिस। ओमन अब हमर मनखेमन के आघू म ओकर गवाह अंय।

32हमन तुमन ला सुघर संदेस सुनावत हवन, जेकर वायदा परमेसर ह हमर पुरखामन ले करे रिहिस। 33परमेसर ह यीसू ला जियाके, ओ वायदा ला अपन संतान (हमर) बर पूरा करिस। जइसने कि भजन दू म लिखे हवय:

‘तेंह मोर बेटा अस;

आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव।’13:33 भजन-संहिता 2:7

34परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस ताकि ओह कभू झन सड़य; ए बात ला बचन म अइसने कहे गे हवय:

‘तोला पबितर अऊ अटल आसिस दूहूं, जेकर वायदा मेंह दाऊद ले करे रहेंव।’13:34 यसायाह 55:3

35ओह भजन के एक अऊ जगह म घलो अइसने कहिस:

‘तेंह अपन पबितर जन ला कभू सड़न नइं देबे।’

36दाऊद ह अपन समय म परमेसर के ईछा मुताबिक सेवा करिस अऊ ओह मर गीस। ओला ओकर पुरखामन के संग माटी दिये गीस अऊ ओकर देहें ह सड़ गीस। 37पर जऊन ला परमेसर ह मरे म ले जियाईस, ओह सड़े नइं पाईस।

38एकरसेति हे मोर भाईमन! मेंह चाहत हंव कि तुमन जान लेवव कि यीसू के दुवारा पाप के छेमा के संदेस तुमन ला दिये जावत हवय। 39जऊन बातमन ले तुमन मूसा के कानून के दुवारा निरदोस नइं हो सकत रहेव, ओ जम्मो बातमन ले हर एक झन ओम बिसवास करे के दुवारा निरदोस ठहरथे। 40एकरसेति सचेत रहव कि जऊन बात ला अगमजानीमन कहे हवंय, ओह तुम्‍हर ऊपर झन आ पड़य:

41‘हे निन्दा करइयामन! देखव!

चकित होवव अऊ मिट जावव,

काबरकि मेंह तुम्हरे समय म कुछू करे बर जावत हंव, अइसने काम कि यदि ओकर बारे म कोनो तुमन ला बताही,

तभो ले तुमन बिसवास कभू नइं करहू।’13:41 हबक्कूक 1:5

42जब पौलुस अऊ बरनबास सभा के घर ले निकरके बाहिर जावत रिहिन, त मनखेमन ओमन ले बिनती करिन कि अवइया बिसराम के दिन हमन ला एकर बारे म अऊ बतावव। 43जब सभा ह उसल गीस, त बहुंते यहूदीमन अऊ यहूदी मत म आय भक्तमन पौलुस अऊ बरनबास के पाछू हो लीन। ओ दूनों ओमन ले बात करके ओमन ला उत्साहित करिन कि ओमन परमेसर के मया अऊ दया म बिसवास करते रहंय।

44ओकर आने बिसराम के दिन लगभग जम्मो सहर के मनखेमन परमेसर के बचन सुने बर जुर गीन। 45जब यहूदीमन मनखे के भीड़ ला देखिन, त जलन ले भर उठिन अऊ ओमन पौलुस के बात के बिरोध करके ओकर बेजत्ती करिन।

46तब पौलुस अऊ बरनबास निडर होके ओमन ला कहिन, “हमन के दुवारा पहिली परमेसर के बचन तुमन ला सुनाना जरूरी रिहिस, पर तुमन ओला गरहन नइं करेव अऊ अपनआप ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी के काबिल नइं समझेव। एकरसेति, हमन आनजातमन कोति जावत हन। 47काबरकि परभू ह हमन ला ए हुकूम दे हवय,

‘मेंह तोला आनजातमन बर एक अंजोर ठहराय हवंव

ताकि तेंह जम्मो संसार बर उद्धार के रसता बन।’13:47 यसायाह 49:6

48जब आनजातमन एला सुनिन, त ओमन खुस होईन अऊ परभू के बचन के महिमा करिन अऊ जतेक मनखेमन परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी बर चुने गे रिहिन, ओमन बिसवास करिन।

49परभू के बचन ह ओ जम्मो प्रदेस म फइल गीस। 50पर यहूदीमन, बड़े घराना के परमेसर ले डरइया माईलोगन ला अऊ सहर के बड़े मनखेमन ला भड़काईन, अऊ ओमन पौलुस अऊ बरनबास के बिरोध म उपद्रव करवाके ओमन ला अपन प्रदेस ले निकार दीन। 51एकरसेति पौलुस अऊ बरनबास ओमन के बिरोध के रूप म अपन गोड़ के धूर्रा ला झर्रा के इकुनियुम सहर चल दीन। 52अऊ चेलामन आनंद अऊ पबितर आतमा ले भरपूर होवत गीन।