詩篇 30 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

詩篇 30:1-12

30

1私は主をほめたたえます。

神は私を敵の手から助け出し、

敵が勝ち誇るのをお許しにならなかったからです。

2ああ主よ。主は私の願いを聞き入れて、

元の健康な体に戻してくださいました。

3墓の入口から、連れ戻してくださいました。

おかげで、こうして生きることができます。

4主を信じる人よ。主を賛美し、

主のきよい御名に感謝しなさい。

5主の怒りはつかの間ですが、

その恵みは生きる限り続きます。

たとえ、夜通し泣き明かすことがあっても、

朝には喜びが訪れます。

6-7順境の日に、私は言いました。

「いつまでも今のままだ。

だれも私のじゃまはできない。

主が恵んでくださって、

私をびくともしない山のようにしてくださった。」

ところが、神は顔をそむけて、

祝福の川をからしたのです。

たちまち私は意気消沈し、恐怖におびえました。

8ああ主よ。私は大声でお願いしました。

9「主よ、私を殺したって、一文の得にもなりません。

生きていてこそ、友人の前で

あなたをたたえることができるのです。

墓に埋められたら、どうしてあなたの真実を

世間に知らせることができましょう。

10ああ主よ、どうか私をあわれみ、助けてください。」

11すると、神は嘆きを喜びに変え、喪服を脱がせて、

きらびやかな晴れ着を着せてくださいました。

12墓に埋められることなく、

神に喜ばしい賛美の歌声を上げるためです。

ああ神、主よ。

私はいつまでもこの感謝の気持ちを忘れません。

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 30:1-12

स्तोत्र 30

एक स्तोत्र. मंदिर के समर्पणोत्सव के लिए एक गीत, दावीद की रचना.

1याहवेह, मैं आपकी महिमा और प्रशंसा करूंगा,

क्योंकि आपने मुझे गहराई में से बचा लिया है

अब मेरे शत्रुओं को मुझ पर हंसने का संतोष प्राप्‍त न हो सकेगा.

2याहवेह, मेरे परमेश्वर, मैंने सहायता के लिए आपको पुकारा,

आपने मुझे पुनःस्वस्थ कर दिया.

3याहवेह, आपने मुझे अधोलोक से ऊपर खींच लिया;

आपने मुझे जीवनदान दिया, उनमें से बचा लिया, जो अधोलोक-कब्र में हैं.

4याहवेह के भक्तो, उनके स्तवन गान गाओ;

उनकी महिमा में जय जयकार करो.

5क्योंकि क्षण मात्र का होता है उनका कोप,

किंतु आजीवन स्थायी रहती है उनकी कृपादृष्टि;

यह संभव है रोना रात भर रहे,

किंतु सबेरा उल्लास से भरा होता है.

6अपनी समृद्धि की स्थिति में मैं कह उठा,

“अब मुझ पर विषमता की स्थिति कभी न आएगी.”

7याहवेह, आपने ही मुझ पर कृपादृष्टि कर,

मुझे पर्वत समान स्थिर कर दिया;

किंतु जब आपने मुझसे अपना मुख छिपा लिया,

तब मैं निराश हो गया.

8याहवेह, मैंने आपको पुकारा;

मेरे प्रभु, मैंने आपसे कृपा की प्रार्थना की:

9“क्या लाभ होगा मेरी मृत्यु से,

मेरे अधोलोक में जाने से?

क्या मिट्टी आपकी स्तुति करेगी?

क्या वह आपकी सच्चाई की साक्ष्य देगी?

10याहवेह, मेरी विनती सुनिए, मुझ पर कृपा कीजिए;

याहवेह, मेरी सहायता कीजिए.”

11आपने मेरे विलाप को उल्‍लास-नृत्य में बदल दिया;

आपने मेरे शोक-वस्त्र टाट उतारकर मुझे हर्ष का आवरण दे दिया,

12कि मेरा हृदय सदा आपका गुणगान करता रहे और कभी चुप न रहे.

याहवेह, मेरे परमेश्वर, मैं सदा-सर्वदा आपके प्रति आभार व्यक्त करता रहूंगा.