詩篇 142 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

詩篇 142:1-7

142

1-2私は主の前に悩み事をさらけ出して、

あわれんでくださいと祈ります。

3私は打ちひしがれ、絶望しています。

どの道を進めば敵のしかけた罠にかからずにすむのか、

あなただけがご存じです。

4右側の少し先に、罠が一つあります。

誰ひとり、声をかけて助けてくれる人はいないのです。

私がどうなろうと、だれも気にも留めないのです。

5そこで、私は主に祈りました。

「主よ。あなたは唯一の隠れ家です。

あなただけが、無事に守ってくださるお方なのです。

6私の叫びを聞いてください。

迫害する者どもの手から救い出してください。

相手は強すぎて、とても手に負えません。

7どうか、私を牢獄から連れ出し、

あなたへの感謝にあふれさせてください。

私が助けられたことを知れば、

神を敬う人々は、あなたの力を喜ぶでしょう。」

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 142:1-7

स्तोत्र 142

दावीद की मसकील142:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द रचना इस समय वह कन्दरा में थे. एक अभ्यर्थना

1मैं अपना स्वर उठाकर याहवेह से प्रार्थना कर रहा हूं;

अपने शब्दों के द्वारा में याहवेह से कृपा का अनुरोध कर रहा हूं.

2मैं उनके सामने अपने संकट को उंडेल रहा हूं;

मैंने अपने कष्ट उनके सामने रख दिए हैं.

3जब मैं पूर्णतः टूट चुका हूं,

आपके सामने मेरी नियति स्पष्ट रहती है.

वह पथ जिस पर मैं चल रहा हूं

उन्होंने उसी पर फंदे बिछा दिए हैं.

4दायीं ओर दृष्टि कीजिए और देखिए

किसी को भी मेरा ध्यान नहीं है;

कोई भी आश्रय अब शेष नहीं रह गया है,

किसी को भी मेरे प्राणों की हितचिंता नहीं है.

5याहवेह, मैं आपको ही पुकार रहा हूं;

मैं विचार करता रहता हूं, “मेरा आश्रय आप हैं,

जीवितों के लोक में मेरा अंश.”

6मेरी पुकार पर ध्यान दीजिए,

क्योंकि मैं अब थक चुका हूं;

मुझे उनसे छुड़ा लीजिए, जो मुझे दुःखित कर रहे हैं,

वे मुझसे कहीं अधिक बलवान हैं.

7मुझे इस कारावास से छुड़ा दीजिए,

कि मैं आपकी महिमा के प्रति मुक्त कण्ठ से आभार व्यक्त कर सकूं.

तब मेरी संगति धर्मियों के संग हो सकेगी

क्योंकि मेरे प्रति यह आपका स्तुत्य उपकार होगा.