申命記 14 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

申命記 14:1-29

14

神の民として

1あなたがたは神の民ですから、〔異邦人が偶像を拝むときするように〕体を傷つけたり、葬式の時に額をそったりしてはいけません。 2あなたがたは特別な民なのです。神様が地上のどの民よりも、あなたがたをご自分のものとしてお選びになったからです。

きよい動物と汚れた動物

3-5礼拝規定で汚れたものとみなされる動物を食べてはいけません。食べていい動物は次のとおりです。牛、羊、やぎ、鹿、かもしか、のろじか、野やぎ、くじか(大かもしかの一種)、大鹿、野羊。

6ひづめが分かれていて反芻する動物は、食べてかまいません。 7それ以外のものはだめです。らくだ、野うさぎ、岩だぬきなどは反芻しますが、ひづめが分かれていないので食べられません。 8その反対に、豚はひづめが分かれていますが、反芻しないので、やはり食べてはいけません。このような動物は死体にも触れてはいけません。

9水中の動物では、ひれとうろこのあるものは食べてかまいません。 10それ以外はみな汚れたものです。

11-18鳥は、次のものを除いて全部食べられます。はげわし、はげたか、黒はげたか、黒とび、はやぶさ、とびの類、からすの類全部、だちょう、よたか、かもめ、たかの類、ふくろう、みみずく、白ふくろう、ペリカン、野がん、鵜、こうのとり、さぎの類、やつがしら、こうもり。

19-20例外もありますが、羽のある昆虫類は汚れたもので、食べてはいけません。

21自然に死んだものは食べてはいけません。ただ、在留外国人は別です。その肉を彼らに与えても、売ってもかまいません。しかし、あなたがたは主にとってきよい者とされているのですから、食べてはいけません。

子やぎをその母の乳で煮てはいけません。

収穫の十分の一をささげよ

22毎年、収穫の十分の一をささげなさい。 23それを、主が聖所としてお選びになった場所へ持って行き、いっしょに食べなさい。穀物、新しいぶどう酒、オリーブ油、牛や羊の初子などの十分の一です。こうして、いつも神を第一にして生きることを学ぶのです。 24聖所が遠すぎてささげ物を持って行けないときは、 25それを売った代金を持って行きなさい。 26着いてから、その金で牛や羊、ぶどう酒や強い酒など、何でも欲しい物を買い、家族とともに主の前で楽しく食事し、祝い合いなさい。 27同じ町に住むレビ人にも、忘れずにその一部を分け与えなさい。レビ人には土地もなければ、収穫もないからです。

28三年ごとに、その年の十分の一のささげ物を、それぞれの地域の福祉に使いなさい。 29財産のないレビ人や外国人、町に住む未亡人や身寄りのない子に与えるのです。そうすれば、だれもが食べて満ち足り、主があなたも、あなたの仕事も祝福してくださいます。

Hindi Contemporary Version

व्यवस्था 14:1-29

शुद्ध और अशुद्ध पशु

1तुम लोग याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की संतान हो; इसलिये किसी मरे हुए व्यक्ति के लिए शोक व्यक्त करने के उद्देश्य से तुम न तो अपनी देह का चीर-फाड़ करोगे और न ही अपने बालों को काटोगे, 2क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के लिए तुम एक पवित्र, अलग, लोक समूह हो. याहवेह ने तुम्हें सारी पृथ्वी के सारे मनुष्यों में से अपनी निज सम्‍पत्ति बनाने के लिए चुन लिया है.

3तुम किसी भी घृणित वस्तु का सेवन नहीं करोगे. 4तुम निम्न लिखित प्राणियों का उपभोग कर सकते हो: बैल, भेड़, बकरे, 5हिरण, चिंकारा, मृग, वन्य बकरा, साकिन, कुरंग, पर्वतीय भेड़. 6कोई भी पशु, जिसके खुर अलग हैं, जिसके खुर फटे हों और वह पागुर करता है, तुम्हारे लिए भोज्य है. 7फिर भी इन पशुओं में, जो पागुर ज़रूर करते हैं, जिनके खुर भी अलग हैं. तुम्हारे लिए भोज्य नहीं है: ऊंट, खरगोश और पत्थर-बिज्जू. ये पागुर ज़रूर करते हैं मगर इनके खुर अलग नहीं होते. ये तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं. 8सूअर के खुर अलग ज़रूर होते हैं, मगर वह पागुर नहीं करता, तुम्हारे लिए अशुद्ध है. तुम न तो इनके मांस खाओगे न इनके शव को छुओगे.

9वे सारे जलचर जिनके पंख और शल्क हैं, तुम उनको खा सकते हो. 10मगर कोई भी प्राणी, जिसके न तो पंख हैं और न छिलके; ये खाने योग्य नहीं, तुम्हारे लिए ये अशुद्ध हैं.

11कोई भी शुद्ध पक्षी तुम्हारे खाने के योग्य हैं. 12मगर इन पक्षियों को तुम नहीं खाओगे: गरुड़, गिद्ध और काला गिद्ध, 13लाल चील, बाज और सभी प्रकार की चीलें. 14समस्त प्रकार के कौवे, 15शुतुरमुर्ग, उल्लू, सागर काक और शिकारे की सभी प्रजातियां, 16छोटी प्रजाति के उल्लू, जलकौए और बड़ी प्रजाति के उल्लू, 17बख़ारी उल्लू, जल मुर्गी और शवभक्षी गिद्ध, 18छोटा गरुड़, सभी प्रकार के बगुले, टिटिहरी और चमगादड़.

19सभी पंखयुक्त पतंगे तुम्हारे लिए अशुद्ध घोषित किए गए हैं; इनको खाना मना है. 20तुम किसी भी शुद्ध पक्षी का उपभोग करने के लिए स्वतंत्र हो.

21तुम किसी भी ऐसे जानवर को नहीं खाओगे, जिसकी मृत्यु हो चुकी हो. तुम इसे अपने किसी विदेशी नगरवासी को दे सकते हो, अथवा किसी नगरवासी को बेच सकते हो, कि वही उसको खा ले, क्योंकि याहवेह अपने परमेश्वर के लिए तुम पवित्र लोग हो.

तुम मेमने को उसी की माता के दुग्ध में नहीं उबालोगे.

दसवां अंश

22यह ज़रूरी है कि तुम जो कुछ रोपित करो, भूमि के उस उत्पाद का दसवां अंश हर साल चढ़ाया करो. 23उस स्थान पर, जिसे याहवेह तुम्हारे परमेश्वर अपनी प्रतिष्ठा करने के लिए चुनेंगे, तुम अपने अन्‍न के, नए अंगूर के रस के, तेल के, तुम्हारे भेड़-बकरी और गाय-बैलों के पहिलौठे के, दसवां अंश का उपभोग याहवेह अपने परमेश्वर की उपस्थिति में करोगे कि तुम सदा-सर्वदा के लिए याहवेह अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा पालन करना सीख सको. 24जब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें समृद्धि प्रदान करें और यदि वह स्थान, जिसे याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा अपनी प्रतिष्ठा के लिए स्थापित किया गया है, (इतनी दूर है कि तुम्हारे लिए दशमांश वहां ले जाना मुश्किल सिद्ध हो रहा है), 25तब तुम उस दशमांश का विनिमय धनराशि से कर लेना, उस राशि को सुरक्षा के लिए अपने ही साथ रखकर याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा नामित स्थान पर प्रवास करना. 26इस धनराशि का उपयोग तुम स्वेच्छानुरूप कर सकते हो: बछड़ों, भेड़ों, अंगूर का रस अथवा दाखमधु के खरीदने के लिए अथवा अपनी इच्छित वस्तु के खरीदने के लिए. तुम सपरिवार याहवेह, अपने परमेश्वर की उपस्थिति में खुश होते हुए इनको खा सकोगे. 27यह भी ध्यान रहे कि तुम्हारे नगर में निवास कर रहे लेवी की उपेक्षा न कर बैठो, क्योंकि तुम्हारी मीरास में उसका कोई भाग नहीं है.

28हर एक तीन साल के अंत में ज़रूरी है कि तुम अपनी उपज का पूरा दसवां अंश अपने नगर में इकट्ठा करना. 29तब लेवी, (इसलिये कि तुम्हारे बीच मीरास में उसका कोई अंश नहीं है), विदेशी, अनाथ, विधवा, जो तुम्हारे ही नगरवासी हैं, आएंगे, इसमें से अपने उपभोग के लिए प्राप्‍त कर सकेंगे और संतुष्ट हो जाएंगे. तब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे सारे परिश्रम को आशीषित कर तुम्हें समृद्धि प्रदान करेंगे.