民数記 34 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

民数記 34:1-29

34

国境線と土地分割の指示

1-2主はまた、人々への命令をモーセに伝えました。「カナンの地に入ったら、イスラエルの国境は次のようになる。

3-4南はエドムに接するツィンの荒野までで、その国境線は、死海からアクラビム峠を通ってツィンに向かう。最南端はカデシュ・バルネアで、そこからハツァル・アダル、アツモンと進み、 5エジプト川に沿って地中海に至る。

6西は地中海の海岸線が国境である。

7-9北は、地中海から東に向かって延び、ホル山、レボ・ハマテ、ツェダデ、ジフロン、ハツァル・エナンを結ぶ線が国境となる。

10-12東の国境線は、ハツァル・エナンからシェファムを通って、アインの東方のリブラまで南に下る。そこからは大きく半円を描き、初めは南へ、それから西へ進み、ガリラヤ湖の南端をかすめてヨルダン川を下り、死海に至る。

13これがイスラエルの全土である。これを九部族と半部族とで、くじを引いて分ける。 14-15ルベン族とガド族とマナセの半部族は、ヨルダン川の東側、エリコの向かいに当たる土地を所有することに決まっている。」

16-28さらに主は命じました。「土地を分けるときは、祭司エルアザル、ヌンの子ヨシュア、それに各部族の代表に監督させなさい。代表者は次のとおりである。

ユダ族はエフネの子カレブ、シメオン族はアミフデの子サムエル、ベニヤミン族はキスロンの子エリダデ、ダン族はヨグリの子ブキ、マナセ族はエフォデの子ハニエル、エフライム族はシフタンの子ケムエル、ゼブルン族はパルナクの子エリツァファン、イッサカル族はアザンの子パルティエル、アシェル族はシェロミの子アヒフデ、ナフタリ族はアミフデの子ペダフェル。

29以上が、各部族に土地を割り当てる際の代表者である。」

Hindi Contemporary Version

गणना 34:1-29

कनान बंटवारे के बारे में निर्देश

1इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 2“तुम इस्राएलियों को यह आदेश दो: ‘जब तुम कनान देश में प्रवेश करो, तो यही वह देश होगा, जो तुम्हारे उत्तराधिकार के लिए ठहराया गया है—हां, कनान देश उसकी सीमाओं सहित:

3“ ‘तुम्हारे देश का दक्षिण क्षेत्र ज़िन के निर्जन प्रदेश से एदोम की सीमा तक पूर्व में लवण-सागर तक होगी. 4तब तुम्हारी सीमा मुड़कर दक्षिण से अक्रब्बीम की चढ़ाई की ओर होगी और ज़िन की दिशा में बढ़ती जाएगी और इसका अंत होगा कादेश-बरनेअ का दक्षिण. यह हाज़ार अद्दार पहुंचकर आज़मोन से 5मिस्र की नदी की ओर हो जाएगी और सागर तट पर जाकर खत्म हो जाएगी.

6पश्चिमी सीमा के विषय में, महासागर34:6 महासागर अर्थात् भूमध्य सागर अर्थात् इसका सारा तट यही तुम्हारी पश्चिमी सीमा होगी.

7तुम्हारी उत्तरी सीमा: तुम अपनी सीमा रेखा भूमध्य-सागर से लेकर होर पर्वत तक डालोगे. 8तब तुम होर पर्वत से लबो-हामाथ तक सीमा रेखा डालोगे और सीमा का समापन होगा ज़ेदाद पर. 9सीमा रेखा ज़िफरोन की दिशा में आगे बढ़ेगी और इसका समापन होगा हाज़ार-एनान पर; यह होगी तुम्हारी उत्तरी सीमा.

10पूर्वी सीमा के लिए तुम हाज़ार-एनान से शेफम तक रेखा डालोगे, 11सीमा रेखा शेफम से रिबलाह, जो एइन के पूर्व में है, की दिशा में बढ़ेगी. यह सीमा नीचे की ओर आगे बढ़कर किन्‍नेरेथ झील की ढलान पर पहुंचेगी. 12फिर सीमा यरदन की दिशा में जाएगी और लवण-सागर पर जा समाप्‍त हो जाएगी.

“ ‘यही होगी हर एक दिशा से सीमाओं के अनुसार तुम्हें दिया गया वह देश.’ ”

13फिर मोशेह ने इस्राएलियों को यह आदेश दिया: “यही है, वह देश, जिसका बंटवारा तुम्हें पासा फेंककर अधिकार के लिए करना है, जिसे याहवेह ने साढ़े नौ गोत्रों को देने का आदेश दिया है. 14रियूबेन गोत्र के वंशजों ने अपने पितरों के कुलों के अनुसार अपना अंश प्राप्‍त कर लिया है, वैसे ही गाद गोत्र के वंशजों ने और मनश्शेह के आधे गोत्र ने भी अपना अंश प्राप्‍त कर लिया है. 15यरदन के इसी ओर, येरीख़ो के सामने भूमि के भाग पर सूर्योदय की दिशा, पूर्व में, इन ढाई गोत्रों ने अपना अपना निर्धारित भाग प्राप्‍त कर लिया है.”

16याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 17“मीरास के रूप में भूमि बांटने के लिए चुने गए व्यक्ति ये हैं: पुरोहित एलिएज़र तथा नून के पुत्र यहोशू. 18मीरास बांटने के लिए तुम हर एक गोत्र में से एक प्रधान चुनोगे.

19“चुने गए व्यक्ति ये हैं:

“यूदाह गोत्र से येफुन्‍नेह का पुत्र कालेब;

20शिमओन के वंशजों में से अम्मीहूद का पुत्र शमुएल;

21बिन्यामिन के वंशजों में से कीसलोन का पुत्र एलिदाद;

22दान के वंशजों में से योगली का पुत्र बुक्की प्रधान था;

23योसेफ़ के वंशजों में से, मनश्शेह के वंशजों का प्रधान था एफ़ोद का पुत्र हन्‍निएल;

24योसेफ़ के पुत्र एफ्राईम के गोत्र में से नेता शिफतन के पुत्र केमुएल थे;

25एफ्राईम के वंशजों में से प्रधान था पारनाख का पुत्र एलिज़ाफ़ान;

26इस्साखार के वंशजों में से चुना गया प्रधान था, अज्जान का पुत्र पालतिएल;

27आशेर के वंशजों से चुना गया प्रधान था शेलोमी का पुत्र अहीहूद;

28नफताली के वंशजों में से चुना गया प्रधान था अम्मीहूद का पुत्र पेदेहेल.”

29ये सब वे हैं, जिन्हें इस्राएलियों को कनान देश में मीरास की भूमि बांटने का आदेश दिया गया था.