ルカの福音書 4 – JCB & NCA

Japanese Contemporary Bible

ルカの福音書 4:1-44

4

イエス、悪魔に試みられる

1さて、イエスは聖霊に満たされ、ヨルダン川をあとにすると、聖霊に導かれるまま、ユダヤの荒野に向かわれました。 2そこで、悪魔が四十日間、イエスを誘惑したのです。その間イエスは、何も口にしなかったので、空腹を覚えられました。 3その時、悪魔がたくみに誘いかけました。「もしあなたが神の子なら、ここに転がっている石をパンに変えてみたらどうだ。」 4しかしイエスは、お答えになりました。「『人はただパンだけで生きるのではない』申命8・3と聖書に書いてあるではないか。」 5次に悪魔は、イエスを高い所へ連れて行き、一瞬のうちに、世界の国々とその繁栄ぶりとを見せて言いました。 6-7「さあ、ここにひれ伏して、この私を拝みなさい。そうすれば、これらの国々とその栄光とを、全部あなたにやろう。」 8イエスはお答えになりました。「『神である主だけを礼拝し、主にだけ従え』申命6・13と聖書に書いてあるではないか」 9さらに悪魔は、イエスをエルサレムへ連れて行き、神殿の頂に立たせて言いました。「さあ、ほんとうに神の子だと言うなら、ここから飛び降りてみなさい。 10聖書には『神は天使を送って、 11あなたを支えさせ、あなたが岩の上に落ちて砕かれることのないように守られる』詩篇91・11-12と、はっきり書いてあるのだから。」 12しかしイエスは、お答えになりました。「『あなたの神である主を、試みてはならない』申命6・16とも書いてある。」 13あの手この手の誘惑のかぎりを尽くすと、悪魔は一時、イエスから離れて行きました。

イエス、活動を始める

14イエスが聖霊の力に満たされてガリラヤに戻られると、まもなくその地方一帯にイエスの評判が広まりました。 15あちこちの会堂で教えを語るイエスは、人々の賞賛の的でした。

16それからイエスは、少年時代を過ごしたナザレに帰り、いつものように土曜日(安息日)に会堂へ行かれました。聖書を朗読しようと席を立つと、 17預言者イザヤの書が手渡されたので、次の箇所をお開きになりました。

18-19「わたしの上に主の御霊がとどまっておられる。

主は、貧しい人たちに

この福音(神の救いの知らせ)を伝えるために、

わたしを任命された。

主はわたしを遣わして、

捕虜には解放を、

盲人には視力の回復をお告げになる。

踏みにじられている人を自由にし、

主の恵みの年をお告げになる。」イザヤ61・1―2

20イエスは朗読を終えると、聖書を閉じ、係の者に返して、腰をおろされました。みんなの目はいっせいにイエスに注がれました。 21それにこたえるように、イエスはこう言われました。「この聖書のことばは、今日、実現したのです。」 22人々はみなイエスをほめ、そのことばのすばらしさに驚きました。しかし一方では、「いったいどうなっているのだ。ただのヨセフのせがれではないか」とささやき合いました。 23そこで、イエスは言われました。「きっとあなたがたは、『医者よ、自分を治せ』ということわざを引いて、『カペナウムで行った奇跡を、自分の郷里でもしてくれ』と言うのでしょう。 24はっきり言いましょう。どんな預言者でも、故郷では歓迎されないものです。

25-26エリヤはどうだったでしょうか。三年半のあいだ雨がなく、国中が大ききんに見舞われた時、イスラエルには助けを求める未亡人が多くいました。しかしエリヤは、そういう人たちのところへではなく、シドンのツァレファテに住む外国人の未亡人のところへ遣わされ、奇跡によって彼女を助けました。 27また、預言者エリシャの場合はどうだったでしょうか。ユダヤにもツァラアト(皮膚が冒され、汚れているとされた当時の疾患)の人がたくさんいたというのに、そのだれもがいやされず、ただシリヤ人ナアマンだけがいやされたではありませんか。」 28こう言われて、会堂にいた人たちはひどく腹を立て、 29どっとイエスに襲いかかり、その町の丘のがけっぷちまで連れて行きました。そこから突き落とすつもりだったのです。 30ところがイエスは、群衆の間をすり抜け、去って行かれました。

31それからイエスは、ガリラヤの町カペナウムに帰り、毎土曜日、会堂で教えられました。 32ここでもまた、人々はイエスの教えに驚きました。イエスが、権威あることばで真理を語られたからです。

33ある時、会堂で教えておられると、悪霊につかれた男が、イエスに向かって大声でわめき立てました。 34「ナザレのイエス。お願いだから出て行ってくれ! おれたちをどうしようというのだ。おれたちを滅ぼしに来たのだろう。あなたがだれなのか、よくわかっている。神のきよい御子だ。」 35イエスは悪霊をさえぎり、「黙りなさい。その人から出て行きなさい」とお命じになりました。すると突然、悪霊は、人々の目の前で男を投げ倒しましたが、それ以上は何の危害も加えずに出て行きました。 36あっけにとられた人々は、口々に言いました。「悪霊までが言うことを聞くとは、この方のことばにはなんと力があるのだろう。」 37こうしてイエスのうわさは、この地方一帯に非常な勢いで広まりました。

38その日イエスは、会堂からシモン(ペテロ)の家へ行かれました。すると、シモンのしゅうとめが高熱にうなされているところでした。「お願いです。治してやってください」と人々に頼まれて、 39イエスは彼女の枕もとに立ち、熱病をおしかりになりました。するとどうでしょう。たちまち熱が引き、平熱に戻ったしゅうとめはすぐに起き上がり、食事の用意を始めたではありませんか。

40夕方になると、病人を連れた村の人たちが、ぞくぞくとイエスのもとに詰めかけました。イエスは、どんな病気であろうと、連れて来られた病人の一人一人にさわり、治されました。 41中には悪霊につかれた人もいましたが、イエスが命令すると、悪霊は大声で、「あなたは神の子だ!」と叫びながら出て行きました。しかし、イエスは悪霊がものを言うことを許されませんでした。悪霊は、イエスがキリスト(ギリシャ語で、救い主)であることを知っていたからです。

42翌朝早く、イエスはただ一人、人気のない寂しい所へ行かれました。人々はあちこち捜し回り、やっとのことでイエスを見つけ出すと、もうどこへも行かないように頼みました。 43しかし、イエスはお答えになりました。「ほかの町々にも、神の福音(救いの知らせ)を伝えなければならないのです。そのために、わたしは来たのですから。」 44こうしてイエスは、ユダヤ中を旅し、各地の会堂で教えられました。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

लूका 4:1-44

यीसू के परिछा

(मत्ती 4:1-11; मरकुस 1:12-13)

1यीसू ह पबितर आतमा ले भरे, यरदन नदी ले लहुंटिस अऊ पबितर आतमा के अगुवई म ओह निरजन जगह म गीस, 2जिहां सैतान ह चालीस दिन तक ओकर परिछा करिस। यीसू ह ओ चालीस दिन तक कुछू नइं खाईस, अऊ तब ओला भूख लगिस।

3तब सैतान ह यीसू ला कहिस, “यदि तेंह परमेसर के बेटा अस, त ए पथरा ले कह कि एह रोटी बन जावय।”

4यीसू ह जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: मनखे ह सिरिप रोटी ले ही जीयत नइं रहय।4:4 ब्यवस्था 8:3

5सैतान ह ओला एक ठन ऊंचहा ठऊर म ले गीस अऊ छिन भर म ओला संसार के जम्मो राज ला देखाईस। 6अऊ यीसू ला कहिस, “मेंह ए जम्मो के अधिकार अऊ सान-सौकत तोला दे दूहूं, काबरकि एह मोला दिये गे हवय, अऊ मेंह जऊन ला चाहंव ओला ए जम्मो दे सकत हंव। 7यदि तेंह मोर अराधना करबे, त ए जम्मो ह तोर हो जाही।”

8यीसू ह ओला ए जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: तेंह अपन परभू परमेसर के अराधना कर अऊ सिरिप ओकरे सेवा कर।4:8 ब्यवस्था 6:13

9तब सैतान ह यीसू ला यरूसलेम म ले गीस अऊ ओला मंदिर के टीप म ठाढ़ करके कहिस, “यदि तेंह परमेसर के बेटा अस, त इहां ले खाल्‍हे कूद जा। 10काबरकि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: परमेसर ह तोर बिसय म अपन स्वरगदूतमन ला हुकूम दिही कि ओमन तोर रकछा करंय।

11ओमन तोला अपन हांथ म उठा लिहीं, ताकि तोर गोड़ म पथरा ले चोट झन लगय।4:11 भजन-संहिता 91:11-12

12यीसू ह ओला ए जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ए घलो कहे गे हवय: तेंह अपन परभू परमेसर के परिछा झन कर।4:12 ब्यवस्था 6:16

13जब सैतान ह ए जम्मो परिछा कर चुकिस, त ओह आने मऊका के मिलत तक यीसू ला छोंड़के चल दीस।

अपन ही गांव – नासरत म यीसू के अनादर

(मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6)

14यीसू ह पबितर आतमा के सक्ति ले भरे गलील प्रदेस लहुंटिस, अऊ आस-पास के जम्मो इलाका म ओकर बारे म खबर फइल गीस। 15ओह ओमन के सभा घरमन म उपदेस दीस, अऊ जम्मो झन ओकर बड़ई करिन।

16यीसू ह नासरत गांव म गीस, जिहां ओह पले-बढ़े रिहिस, अऊ अपन रीति के मुताबिक, ओह बिसराम के दिन यहूदीमन के सभा घर म गीस, अऊ ओह परमेसर के बचन ले पढ़े बर ठाढ़ होईस। 17ओला यसायाह अगमजानी के किताब दिये गीस। ओह किताब ला खोलिस अऊ ओ भाग ला निकारिस, जिहां ए लिखे रहय:

18“परभू के आतमा मोर ऊपर हवय,

एकरसेति ओह गरीबमन

ला सुघर संदेस के परचार करे बर मोर अभिसेक करे हवय।

ओह मोला पठोय हवय,

ताकि मेंह कैदीमन ला छुटकारा के,

अऊ अंधरामन ला आंखी पाय के घोसना करंव,

अऊ दुखित-पीड़ित मन ला छोड़ावंव4:18 यसायाह ह मसीह के बारे म लिखत हवय।,

19अऊ परभू के अनुग्रह के बछर के घोसना करंव।”4:19 यसायाह 61:1-2

20तब यीसू ह किताब ला बंद करके वापिस सेवक ला दे दीस अऊ बईठ गीस। सभा घर म जम्मो झन के आंखी ह ओकरे ऊपर लगे रहय। 21तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “आज परमेसर के ए बचन ह तुम्‍हर सुनत म पूरा होईस।”

22जम्मो झन ओकर बड़ई करिन अऊ ओकर मुहूं ले निकरे अनुग्रह के बात ला सुनके ओमन अचम्भो करिन अऊ कहिन, “का एह यूसुफ के बेटा नो हय?”

23यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन मोर बर ए कहावत जरूर कहिहू, ‘ए डाक्टर, पहिली अपन-आप ला चंगा कर।’ जऊन कुछू तेंह कफरनहूम म करे हवस, ओकर बारे म हमन सुने हवन, अब वइसनेच तेंह इहां अपन नगर म घलो कर।”

24यीसू ह फेर कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कोनो अगमजानी अपन खुद के नगर म मान-सम्मान नइं पावय। 25मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि एलियाह के समय म जब साढ़े तीन साल तक पानी नइं बरसिस अऊ जम्मो इलाका म भयंकर अकाल पड़े रिहिस, तब इसरायल देस म बहुंत बिधवामन रिहिन। 26पर एलियाह ला ओमन ले काकरो करा नइं पठोय गीस, पर सैदा प्रदेस के सारफत सहर म एक बिधवा करा ओला पठोय गीस4:26 बिधवा ह एक आनजात माईलोगन रिहिस।27अऊ एलीसा अगमजानी के समय म इसरायल देस म बहुंत कोढ़ीमन रिहिन, पर सीरिया देस के नामान ला छोंड़के ओमन ले कोनो सुध नइं करे गीस4:27 सीरिया के नामान ह एक आनजात मनखे रिहिस।।”

28ए बात ला सुनके सभा घर के जम्मो मनखेमन कोरोध ले भर गीन। 29ओमन उठिन अऊ यीसू ला सहर के बाहिर निकारिन। ओमन के सहर ह पहाड़ी ऊपर बसे रहय। ओमन यीसू ला पहाड़ी के छोर म ले गीन ताकि ओला चट्टान म ले ढकेल देवंय। 30पर ओह भीड़ के बीच म ले निकरके अपन रसता म चल दीस।

यीसू ह परेत आतमा ला निकारथे

(मरकुस 1:21-28)

31तब यीसू ह गलील प्रदेस के कफरनहूम सहर म गीस, अऊ बिसराम के दिन मनखेमन ला उपदेस देवन लगिस। 32मनखेमन यीसू के उपदेस ला सुनके चकित होवत रहंय, काबरकि ओह अधिकार के संग गोठियावत रहय।

33सभा घर म एक मनखे रिहिस जऊन म एक परेत आतमा रहय। ओह जोर से चिचियाके कहिस, 34“हे यीसू नासरी! तोला हमर ले का काम? का तेंह हमन ला नास करे बर आय हवस? मेंह जानत हंव कि तेंह कोन अस, तेंह परमेसर के पबितर जन अस।”

35यीसू ह ओला दबकारके कहिस, “चुपे रह। अऊ ओम ले निकर आ।” तब परेत आतमा ह ओ मनखे ला ओ जम्मो झन के आघू म पटकिस अऊ ओला बिगर चोट पहुंचाय निकर गीस।

36जम्मो मनखेमन अचम्भो करिन अऊ एक-दूसर ला कहिन, “एह का सिकछा अय? अधिकार अऊ सक्ति के संग ओह परेत आतमामन ला हुकूम देथे अऊ ओमन निकर जाथें।” 37अऊ आस-पास के जम्मो जगह म यीसू के बारे खबर फइल गीस।

यीसू ह पतरस के सास अऊ कतको आने मनखेमन ला चंगा करथे

(मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34)

38यीसू ह सभा घर ले निकरके सिमोन के घर म गीस। ओ समय सिमोन के सास ला बहुंत जर आवत रहय, अऊ ओमन यीसू ले ओला बने करे बर बिनती करिन। 39यीसू ह सिमोन के सास के बाजू म ठाढ़ होईस अऊ जर ला दबकारिस, अऊ ओकर जर ह उतर गीस। ओह तुरते उठिस अऊ ओमन के सेवा करे लगिस।

40जब बेर ह बुड़त रहय, त मनखेमन ओ जम्मो झन जऊन मन ला कतको किसम के बेमारी रहय, यीसू करा लानिन, अऊ ओह हर एक के ऊपर हांथ रखके ओमन ला बने करिस। 41परेत आतमामन घलो बहुंत मनखेमन ले चिचियावत अऊ ए कहत निकर गीन कि तेंह परमेसर के बेटा अस। पर यीसू ह ओमन ला दबकारिस अऊ ओमन ला गोठियावन नइं दीस, काबरकि ओमन जानत रिहिन कि ओह मसीह अय।

42जब बिहान होईस, त यीसू ह एक ठन सुनसान ठऊर म चले गीस। मनखेमन ओला खोजे लगिन, अऊ जब ओमन ओला भेंटिन, त ओला रोके के कोसिस करिन अऊ कहिन कि हमर करा ले झन जा। 43पर ओह कहिस, “मोला आने सहरमन म घलो परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करना जरूरी ए, काबरकि एकर खातिर मोला पठोय गे हवय।” 44अऊ ओह यहूदिया प्रदेस के सभा घरमन म परचार करन लगिस।