イザヤ書 23 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

イザヤ書 23:1-18

23

ツロについての預言

1これは、ツロへの神のことばです。

「遠い国から来るタルシシュの船よ、

なくなった母港のために泣きなさい。

キプロスで聞いたうわさは全部ほんとうだったのです。

2-3どこも死の静寂が覆っています。

海の向こうから、

また、エジプトとナイル川沿いの地から

品々を運んで来たシドンの船でいっぱいになり、

にぎわっていたかつての貿易中心地は、

今ではひっそり静まり返っています。

4海の要塞であるシドンよ、

今はもう子(ツロ。シドンの植民地)がいないのだから

恥じなさい。

5エジプトがこのことを聞いたら、

悲しみにくれるでしょう。

6ツロの人たちよ、泣きながらタルシシュへ逃げなさい。

7もの言わぬ廃墟が、

かつては喜びにあふれていた地の、

ただ一つの名残りです。

輝かしい歴史を振り返り、

遠くにあった植民地の一つ一つを思い出しなさい。

8だれが、大帝国を築き上げて

世界貿易の王者にのし上がったツロを、

こんな悲惨な目に会わせたのでしょう。

9天の軍勢に命令を下す主が、

その思い上がりをたたきのめし、

人間の偉大さなど取るに足りないことを示そうと、

このようにしたのです。

10タルシシュの船よ、

母港がなくなってしまったのだから、

あてもなく航海を続けなさい。

11-12主は海の上に御手を伸ばし、

地上の国々を縮み上がらせます。

この偉大な商都を滅ぼせと命じた神は、

こう語りします。

『ああ、名誉を傷つけられたシドンの娘よ、

二度と小躍りして喜ぶな。

おまえはたといキプロスに逃げ伸びても、

休むことはできない。』

13見なさい。

バビロンもアッシリヤ人に滅ぼされ、

野獣の住みかになっています。

彼らはしつこく攻撃して宮殿を壊し、

瓦礫の山にしました。

14大洋をわがもの顔で走る船よ、

母港は無残に壊されたのだから泣き叫びなさい。

15-16ツロは七十年の間忘れられます。そのあと別の王が治めるようになって、町は息を吹き返し、娼婦が久しく会わない恋人を捜して、甘い歌を歌いながら通りを歩くように恋の歌を歌います。

17七十年たって、主がツロを生き返らせても、ツロは昔のままです。世界中で同じ悪事を重ねるのです。 18ところが、ずっとのちになって、その利益は主のために使われるようになり、祭司の食卓を潤し、上等の服で着飾らせるようになります。

Hindi Contemporary Version

यशायाह 23:1-18

सोर के विषय में नबूवत

1सोर के विरुद्ध में भविष्यवाणी:

तरशीश के जलयानों विलाप करो!

क्योंकि सोर नगर नष्ट कर दिया गया है,

वहां न तो कोई घर बचा और न ही कोई बंदरगाह.

इसकी सूचना

कित्तिमयों के देश से दी गई.

2हे द्वीप के निवासियो,

सीदोन के व्यापारियो चुप हो जाओ,

तुम्हें संदेश देने वालों ने समुद्र पार किया है.

3उन्होंने अनेक सागरों की यात्रा की,

शीहोर का अन्‍न;

और नदियों की उपज उनकी आमदनी थी,

और यह अनेक देशों के लिये व्यापार की जगह थी.

4हे सीदोन लज्जित हो जाओ,

क्योंकि समुद्र की यह घोषणा है:

“न तो मुझे प्रसव पीड़ा हुई और न ही मैंने किसी शिशु को जन्म दिया;

न तो मैंने युवकों का और न ही कन्याओं का पालन पोषण किया.”

5जब यह समाचार मिस्र देश पहुंचेगा तो,

वे सोर के विषय में मिले समाचार से दुःखी हो जाएंगे.

6तुम उस पार तरशीश नगर को चले जाओ;

और हे द्वीप के निवासियो, रोओ.

7क्या यही खुशी से भरा तुम्हारा नगर है,

जो पुराने समय से चला आ रहा है,

जिसमें रुकने के लिये

दूर तक चले जाते थे?

8वह नगर जो मुकुटों का दाता था,

जिसके व्यापारी शासक,

और जिसके व्यवसायी पृथ्वी के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे,

किसने सोर के विरुद्ध ऐसी योजना बनाई?

9सर्वशक्तिमान याहवेह ने,

समस्त सुंदरता के घमंड को चूर-चूर कर देने

और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों को तुच्छ कर देने के लिए यह योजना बनाई है.

10हे तरशीश नगर की पुत्री,

नील नदी समान अपना देश पार करके उस पार चली जाओ,

अब कोई विरोधी नहीं बचा.

11याहवेह ने समुद्र पर अपनी बांह उठाई है

उन्होंने देशों को हिला दिया है.

याहवेह ने कनान के विषय में

उसके गढ़ को नाश कर देने का आदेश दिया है.

12याहवेह ने कहा है, “सीदोन की दुःखी कुंवारी पुत्री,

तुम अब और आनंदित न होगी!

“उठो, कित्तिमयों के देश के उस पार चली जाओ;

किंतु तुम्हें वहां भी शांति नहीं मिलेगी.”

13कसदियों के देश पर ध्यान दो,

ये वे लोग हैं जो वस्त्रहीन हो गए हैं!

अश्शूर ने इन्हें

जंगली पशुओं के लिए छोड़ दिया था;

उन्होंने उन्हें घेरकर गुम्मट खड़े किए,

उन्होंने उनके राज्यों को लूट लिया

उन्होंने इसे खंडहर बना दिया.

14तरशीश के जहाजों, रोओ;

क्योंकि तुम्हारे गढ़ नष्ट हो गए हैं!

15उस दिन सोर नगर एक राजा के दिनों के समान सत्तर वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाएगा. सत्तर वर्षों के बीतने पर, सोर वेश्या की नाई गीत गाने लगेगा:

16“हे वेश्या,

वीणा लेकर नगर में घूम;

वीणा बजा और गीत गा,

ताकि लोग तुझे याद करें.”

17सत्तर वर्षों के बीतने पर याहवेह सोर पर ध्यान देंगे. सोर फिर से व्यापार करने लगेगा. धरती के सभी देशों के लिये सोर एक वेश्या के समान हो जायेगा. 18उसका व्यवसाय तथा उसकी मेहनत याहवेह के लिए पवित्र होगी; वह न भंडार में रखी जाएगी न संचय की जाएगी. उनके व्यापार की प्राप्‍ति उन्हीं के काम में आएगी जो याहवेह के सामने रहा करेंगे, ताकि उनको भरपूर भोजन और चमकीला वस्त्र मिले.