אגרת פולוס השליח אל-הרומיים 10 – HHH & NCA

Habrit Hakhadasha/Haderekh

אגרת פולוס השליח אל-הרומיים 10:1-21

1אחים יקרים, משאלת לבי ותפילתי העמוקה ביותר היא שהיהודים ייוושעו. 2אני יודע שהם מסורים לאלוהים על פי דרכם, אך מסירות זאת אינה מבוססת על הבנה נכונה של הכתובים. 3היהודים אינם מבינים שישוע המשיח הקריב את עצמו, כדי לסלוח לחטאיהם ולהצדיקם בעיני אלוהים. הם מנסים ליצור צדקה משלהם וכך לא נכנעים לצדקת ה׳. 4שכן המשיח הוא תכלית התורה, והוא מצדיק את כל המאמין בו.

5משה כתב על צדקה וישועה מתוך קיום התורה, ואמר שאדם המקיים את כל מצוות התורה בלי יוצא מן הכלל, ייוושע ויחיה (”אשר יעשה אתם האדם וחי בהם“).10‏.5 י 5 ויקרא יח 5 6ואילו ישועה הנובעת מאמונה אומרת:10‏.6 י 6 דברים ל 11‏-14 ”אל תאמר בלבבך מי יעלה השמימה?“ זאת, כדי להוריד את המשיח לארץ. 7או ”מי ירד לתהום?“ זאת, כדי להשיב את המשיח לחיים. 8הישועה שאנו מבשרים נובעת מאמונה בישוע המשיח, והיא בהישג־ידו של כל אחד מאיתנו; למעשה היא בפינו ובלבנו. 9שכן אם תודה בפיך לפני בני־האדם שישוע הוא אדונך, ותאמין בלבך שאלוהים הקימו לתחייה מן המתים, תיוושע. 10משום שאמונת הלב מצדיקה אותנו לפני אלוהים, ומתוך אמונה שבלב אנחנו מודים בפינו וניוושע. 11וכתבי־הקודש אומרים לנו שכל המאמין במשיח לא יבוש. 12”כל המאמין“ פירושו: יהודים וגויים ללא הבדל, כי לכולנו אדון אחד המעניק מעושרו לכל המבקש ממנו. 13שכן ”כל אשר יקרא בשם ה׳ ימלט“!10‏.13 י 13 יואל ג 5

14אך כיצד הם יקראו בשם ה׳ ויבקשו ממנו להושיעם, אם אינם מאמינים בו כלל? וכיצד יאמינו בו אם מעולם לא שמעו עליו? וכיצד ישמעו עליו אם איש אינו מספר להם? 15וכיצד יספר להם מישהו אם לא נשלח אליהם? לכך מתכוון הכתוב:10‏.15 י 15 ראה ישעיהו נב 7 ”מה נאוו רגלי מבשרי טוב“.

16אולם לא כל מי ששמע את בשורת אלוהים האמין בה, כפי שאמר ישעיהו:10‏.16 י 16 ישעיהו נג 1 ”מי האמין לשמועתנו?“ 17בכל זאת, האמונה מתעוררת על־ידי שמיעת הבשורה, והבשורה היא דבר המשיח.

18אולם מה בנוגע ליהודים, האם לא שמעו את דבר ה׳? כן, הם שמעו, שהרי ”בכל־הארץ יצא קולם, ובקצה תבל מליהם“.10‏.18 י 18 תהלים יט 5 19ואם עם־ישראל שמע, האם לא הבין? עם־ישראל אכן הבין, כי משה אמר להם:10‏.19 י 19 דברים לב 21 ”אני אקניאם בלא עם, בגוי נבל אכעיסם“. כלומר, ה׳ יעורר את קנאת בני־ישראל על ידי הגויים. 20ישעיהו הנביא הוסיף על כך ואמר, כי אלה שלא חיפשו את אלוהים ולא דרשו אותו, הם שימצאו אותו. 21ואילו על עם־ישראל הוא אומר: ”פרשתי ידי כל היום אל עם סורר ומורה“.10‏.21 י 21‏-20 ישעיהו סה 2‏-1

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

रोमीमन 10:1-21

1हे भाईमन हो! इसरायलीमन बर मोर दिल के ईछा अऊ परमेसर ले पराथना हवय कि ओमन उद्धार पावंय। 2काबरकि मेंह ओमन बर गवाही दे सकथंव कि ओमन के हिरदय म परमेसर खातिर उत्साह हवय, पर ओमन के उत्साह ह गियान के ऊपर अधारित नइं ए। 3ओमन ओ बात ला नइं जानिन कि कइसने परमेसर ह मनखे ला धरमी बनाथे, पर ओमन मूसा के कानून ला माने के दुवारा खुद धरमी बने के कोसिस करिन। ओमन परमेसर के मुताबिक धरमी बने नइं चाहिन। 4मसीह ह मूसा के कानून के अंत अय, ताकि जऊन कोनो ओकर ऊपर बिसवास करय, ओह परमेसर के नजर म धरमी ठहरय।

5कानून ला माने के दुवारा जऊन धरमीपन होथे, ओकर बारे म मूसा ह ए किसम ले लिखथे, “जऊन मनखे कानून के पालन करही, ओह एकर दुवारा जीयत रहिही।”10:5 लैब्यवस्था 18:5 6पर जऊन धरमीपन ह बिसवास ऊपर अधारित अय, ओकर बारे म ए कहे गे हवय, “तुमन अपन हिरदय म ए झन कहव, कि स्‍वरग ऊपर कोन जाही।”10:6 ब्यवस्था 30:12 (कि ओह मसीह ला उहां ले उतार लानय), 7या अइसने घलो झन कहव, “गहिरई म कोन उतरही।”10:7 ब्यवस्था 30:13 (कि ओह मसीह ला मरे म ले जियाके ऊपर लानय)। 8पर ओम ए घलो लिखाय हवय: “परमेसर के बचन ह तोर लकठा म हवय; एह तोर मुहूं म अऊ तोर हिरदय म हवय।”10:8 ब्यवस्था 30:14 एह ओही बिसवास के बचन अय, जेकर परचार हमन करथन। 9यदि तेंह अपन मुहूं ले कबूल करथस कि यीसू ह परभू अय अऊ अपन हिरदय म बिसवास करथस कि परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस, त तेंह उद्धार पाबे। 10काबरकि मनखे ह अपन हिरदय म बिसवास करे के दुवारा परमेसर के नजर म सही ठहिरथे अऊ मुहूं ले कबूल करे के दुवारा उद्धार पाथे। 11परमेसर के बचन ह ए कहिथे, “जऊन कोनो ओकर (यीसू) ऊपर बिसवास करही, ओला लज्‍जित होय बर नइं पड़ही।”10:11 यसायाह 28:16 12यहूदी अऊ आनजात म कोनो फरक नइं ए। ओही परभू ह जम्मो झन के परभू अय, अऊ ओह ओमन ला बहुंते आसिस देथे, जऊन मन ओकर नांव लेथें, 13काबरकि “हर ओ मनखे जऊन ह परभू के नांव लेथे, ओह उद्धार पाही।”10:13 योएल 2:32

14पर जब ओमन ओकर ऊपर बिसवास नइं करे हवंय, त ओकर नांव कइसने ले सकथें? अऊ ओमन ओकर ऊपर कइसने बिसवास कर सकथें, जब ओमन ओकर बारे म कभू नइं सुने हवंय? अऊ ओमन ओकर बारे म कइसने सुनंय, जब तक कि कोनो ओमन ला नइं बतावय? 15अऊ ओमन ओकर परचार कइसने कर सकथें, जब तक ओमन ला पठोय नइं जावय? जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय, “कतेक सुघर होथे ओमन के अवई ह, जऊन मन सुघर संदेस लेके आथें।”10:15 यसायाह 52:7

16पर जम्मो इसरायलीमन सुघर संदेस ला नइं मानिन। यसायाह अगमजानी ह कहे हवय, “हे परभू! कोन ह हमर संदेस ऊपर बिसवास करिस?”10:16 यसायाह 53:1 17बिसवास ह संदेस के सुने ले होथे, अऊ संदेस के सुनई ह मसीह के बचन ले होथे। 18पर मेंह पुछत हंव – का ओमन नइं सुनिन? ओमन जरूर सुनिन; काबरकि परमेसर के बचन म लिखे हवय:

“ओमन के अवाज ह जम्मो धरती म,

अऊ ओमन के बचन ह संसार के छोर तक हबर गे हवय।”10:18 भजन-संहिता 19:4

19मेंह फेर पुछत हंव – का इसरायलीमन नइं समझिन? पहिली मूसा ह कहिस,

“जऊन मन जाति नो हंय, ओमन के दुवारा मेंह तुमन म जलन पैदा करहूं,

एक मुरुख जाति के दुवारा, मेंह तुमन म कोरोध पैदा करहूं।”10:19 ब्यवस्था 32:21

20यसायाह अगमजानी ह बहुंत हिम्मत के संग कहिथे,

“जऊन मन मोला नइं खोजत रिहिन,

ओमन मोला पा गीन,

अऊ जऊन मन मोर बारे म पुछत घलो नइं रिहिन,

ओमन ऊपर मेंह अपन-आप ला परगट करेंव।”10:20 यसायाह 65:1

21पर इसरायलीमन के बारे म, ओह कहिथे,

“मेंह दिन भर अइसने मनखेमन कोति अपन हांथ ला ओमन के सुवागत खातिर पसारे रहेंव,

जऊन मन हुकूम मनइया नो हंय अऊ ढीठ अंय।”10:21 यसायाह 65:2