詩篇 118 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

詩篇 118:1-29

第 118 篇

為勝利而感恩

1你們要稱謝耶和華,

因為祂是美善的,

祂的慈愛永遠長存。

2以色列人說:

「祂的慈愛永遠長存。」

3亞倫家說:

「祂的慈愛永遠長存。」

4願那些敬畏耶和華的人說:

「祂的慈愛永遠長存。」

5我在苦難中求告耶和華,

祂就答應我,救我脫離困境。

6有耶和華與我同在,

我必不懼怕,

人能把我怎麼樣?

7耶和華與我同在,幫助我,

我必看見那些恨我的人一敗塗地。

8投靠耶和華勝過倚靠人。

9投靠耶和華勝過倚靠權貴。

10列國圍住我,

但我靠著耶和華消滅了他們。

11他們四面圍住我,

但我靠著耶和華消滅了他們。

12他們如蜜蜂圍住我,

然而他們必像燃燒的荊棘,

轉瞬消逝;

我靠著耶和華必消滅他們。

13我受到猛烈的攻擊,

幾乎要倒下了,

但耶和華幫助了我。

14耶和華是我的力量,

是我的詩歌;

祂拯救了我。

15義人的帳篷裡傳出勝利的歡呼聲:

「耶和華伸出右手施展了大能!

16耶和華高舉右手,

耶和華的右手施展了大能!」

17我必不至於死,

我要活著,

並要述說耶和華的作為。

18耶和華雖然重重地懲罰我,

卻沒有置我於死地。

19給我打開聖殿的門吧,

我要進去稱謝耶和華。

20這是耶和華的門,

義人都可以進去。

21耶和華啊!我稱謝你,

因為你聽了我的禱告,

拯救了我。

22工匠丟棄的石頭已成了房角石。

23這是耶和華的作為,

在我們看來奇妙莫測。

24這是耶和華得勝的日子,

我們要歡喜快樂。

25耶和華啊,求你拯救我們;

耶和華啊,求你使我們亨通。

26奉耶和華之名而來的當受稱頌!

我們要在耶和華的殿中祝福你們。

27耶和華是上帝,

祂的光照亮我們。

要用繩索拴住祭牲,

牽到祭壇的角那裡。

28你是我的上帝,我要稱謝你;

你是我的上帝,我要尊崇你。

29你們要稱謝耶和華,

因為祂是美善的,

祂的慈愛永遠長存。

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 118:1-29

स्तोत्र 118

1याहवेह का धन्यवाद करो,

क्योंकि वे भले हैं, सनातन है उनकी करुणा.

2इस्राएल यह नारा लगाए:

“सनातन है उनकी करुणा.”

3अहरोन के परिवार का यह नारा हो:

“सनातन है उनकी करुणा”

4याहवेह के समस्त श्रद्धालुओं का यह नारा हो:

“सनातन है उनकी करुणा.”

5अपने संकट की स्थिति में मैंने याहवेह को पुकारा;

और प्रत्युत्तर में वे मुझे एक विशाल स्थान पर ले आये118:5 अर्थात् मुझे उद्धार किया..

6मुझे कोई भय न होगा, क्योंकि याहवेह मेरे साथ हैं.

मनुष्य मेरा क्या बिगाड़ सकता है?

7मेरे साथ याहवेह हैं; वह मेरे सहायक हैं.

मैं स्वयं अपने शत्रुओं का पराजय देखूंगा.

8मनुष्य पर भरोसा करने की अपेक्षा

याहवेह का आश्रय लेना उत्तम है.

9न्यायियों पर भरोसा करने की अपेक्षा से

याहवेह का आश्रय लेना उत्तम है.

10सब राष्ट्रों ने मुझे घेर लिया था,

किंतु याहवेह के नाम में मैंने उन्हें नाश कर दिया.

11मैं चारों ओर से घिर चुका था,

किंतु याहवेह के नाम में मैंने उन्हें नाश कर दिया.

12उन्होंने मुझे उसी प्रकार घेर लिया था, जिस प्रकार मधुमक्खियां किसी को घेर लेती हैं,

किंतु मेरे सब शत्रु वैसे ही शीघ्र नाश हो गए जैसे अग्नि में जलती कंटीली झाड़ी;

याहवेह के नाम में मैंने उन्हें नाश कर दिया.

13इस सीमा तक मेरा पीछा किया गया, कि मैं टूटने पर ही था,

किंतु याहवेह ने आकर मेरी सहायता की.

14मेरा बल और मेरा गीत याहवेह हैं;

वे मेरा उद्धार बन गए हैं.

15धर्मियों के मंडप से

ये उल्‍लासपूर्ण जयघोष प्रतिध्वनित हो रही हैं:

“याहवेह के दायें हाथ ने महाकार्य किए हैं!

16याहवेह का दायां हाथ ऊंचा उठा हुआ है;

याहवेह के दायें हाथ ने महाकार्य किए हैं!”

17मैं जीवित रहूंगा, मेरी मृत्यु नहीं होगी,

और मैं याहवेह के महाकार्य की उद्घोषणा करता रहूंगा.

18कठोर थी मुझ पर याहवेह की प्रताड़ना,

किंतु उन्होंने मुझे मृत्यु के हाथों में नहीं सौंप दिया.

19मेरे लिए धार्मिकता के द्वार खोल दिए जाएं;

कि मैं उनमें से प्रवेश करके याहवेह को आभार भेंट अर्पित कर सकूं.

20यह याहवेह का प्रवेश द्वार है,

जिसमें से धर्मी ही प्रवेश करेंगे.

21याहवेह, मैं आपको आभार भेंट अर्पित करूंगा;

क्योंकि आपने मेरी प्रार्थना सुन ली; आप मेरे उद्धारक हो गए हैं.

22भवन निर्माताओं द्वारा

अयोग्य घोषित शिला ही आधारशिला बन गई है;

23यह कार्य याहवेह का है,

हमारी दृष्टि में अद्भुत.

24यह याहवेह द्वारा बनाया गया दिन है;

आओ, हम आनंद में उल्‍लसित हों.

25याहवेह, हमारी रक्षा कीजिए!

याहवेह, हमें समृद्धि दीजिए!

26स्तुत्य हैं वह, जो याहवेह के नाम में आ रहे हैं.

हम याहवेह के आवास से आपका अभिनंदन करते हैं.

27याहवेह ही परमेश्वर हैं,

उन्होंने हम पर अपनी रोशनी डाली है.

उत्सव के बलि पशु को

वेदी के सींगों से बांध दो.

28आप ही मेरे परमेश्वर हैं, मैं आपके प्रति आभार व्यक्त करूंगा;

आप ही मेरे परमेश्वर हैं, मैं आपका गुणगान करूंगा.

29याहवेह का धन्यवाद करो,

क्योंकि वे भले हैं, सनातन है उनकी करुणा.