阿摩司书 4 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

阿摩司书 4:1-13

1住在撒玛利亚山上的巴珊肥母牛啊,

你们要听!

你们压榨贫寒人,欺凌穷苦人,

又使唤丈夫倒酒畅饮。

2因此,主耶和华凭祂的圣洁起誓:

“时候快到了,

有人要用鱼钩钩走你们,一个也不留。

3你们都要从城墙缺口走出来,

被丢到哈门

这是耶和华说的。

4以色列人啊,

你们去伯特利犯罪吧,

吉甲增添罪恶吧!

要每天早晨献上祭物,

每三天奉上你们的十分之一。

5你们献上带酵的饼作感恩祭,

并且到处夸耀你们自愿献的祭。

以色列人啊,这就是你们爱做的事。

这是主耶和华说的。

6“我在各城降下饥荒,

使你们遍地缺粮。

尽管如此,你们仍不归向我。

这是耶和华说的。

7“我在收割前三个月停止降雨。

我在一座城降雨,

在另一座城不降雨;

我使一块田有雨水的滋润,

另一块田因无雨而干裂。

8两三座城的人都踉踉跄跄地涌到一座城找水喝,

水却不够喝。

尽管如此,你们仍不归向我。

这是耶和华说的。

9“我用热风和霉灾击打你们,

叫蝗虫吞噬你们田园中的菜蔬、葡萄树、无花果树和橄榄树。

尽管如此,你们仍不归向我。

这是耶和华说的。

10“我在你们中间降下瘟疫,

如从前降在埃及一样。

我杀戮你们的青年,

掳掠你们的战马,

使你们军营中的死尸臭味扑鼻。

尽管如此,你们仍不归向我。

这是耶和华说的。

11“我在你们中间施行毁灭,

如从前毁灭所多玛蛾摩拉一样,

使你们像从火里抽出的一根柴。

尽管如此,你们仍不归向我。

这是耶和华说的。

12以色列人啊,

我要这样惩罚你们。

以色列人啊,

准备迎见你们的上帝吧!

因为我要这样惩罚你们。”

13看啊,那位造山又造风,

向人显明祂的心意,

将黎明变为黑暗,

将群山踩在脚下的——

祂的名字是万军之上帝耶和华。

Hindi Contemporary Version

आमोस 4:1-13

इस्राएल परमेश्वर के पास नहीं लौटा

1शमरिया की पहाड़ी पर निवास कर रही बाशान की गायों, यह संदेश तुम्हारे लिए है,

तुम निर्धनों पर अत्याचार करती हो, ज़रूरतमंदों को कुचलती हो,

अपने पति को आदेश देती हो, “जाओ, पीने के लिए कुछ ले आओ!”

2प्रभु याहवेह ने अपनी पवित्रता की शपथ ली है:

“भविष्य में ऐसा समय निश्चित रूप से आएगा

जब तुम्हें कांटों में फंसाकर ले जाया जाएगा,

तुममें से एक-एक को मछली पकड़ने के कांटों में फंसाकर ले जाया जाएगा.

3तुममें से प्रत्येक दीवार के दरारों से

सीधा निकल जाएगा,

और तुम्हें हर्मोन की ओर फेंक दिया जाएगा.”

याहवेह की यह घोषणा है.

4“जाओ और बेथेल में अपराध करो;

गिलगाल में जाकर और ज्यादा अपराध करो.

प्रातःकाल अपनी भेंट बलि लेकर आया करो,

और हर तीसरे साल4:4 साल किंवादिन अपना दशमांश लाओ.

5खमीर युक्त रोटी को धन्यवाद बलि के रूप में जलाओ

अपने स्वेच्छा बलियों के बारे में डींग मारो—

हे इस्राएलियो, उनके बारे में घमंड करो,

क्योंकि ऐसा करना तुम्हें अच्छा लगता है,”

प्रभु याहवेह की यह घोषणा है.

6“मैंने हर शहर में तुम्हें भूखे पेट रखा

और हर नगर में भोजन की घटी की,

फिर भी तुम मेरी ओर नहीं फिरे.”

याहवेह की यह घोषणा है.

7“जब कटनी के लिए तीन माह बचे थे,

तब मैंने वर्षा को रोके रखा.

मैंने एक नगर पर वर्षा की,

पर दूसरे नगर पर पानी नहीं बरसाया.

एक खेत पर वर्षा हुई,

किंतु दूसरे पर नहीं और वह सूख गया.

8लोग लड़खड़ाते हुए एक नगर से दूसरे नगर में भटकते रहे

किंतु उन्हें पीने के लिये पर्याप्‍त पानी न मिला,

फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,”

याहवेह की यह घोषणा है.

9“कई बार मैंने तुम्हारे बगीचों और अंगूर की बारियों पर कहर बरपाया,

बीमारी और फफूंदी से उन्हें नाश किया.

टिड्डियां तुम्हारे अंजीर और जैतून के पेड़ों को खा गईं,

तो भी तुम मेरी ओर न फिरे,”

याहवेह की यह घोषणा है.

10“मैंने मिस्र देश में भेजी महामारी की तरह

तुम्हारे बीच में भी महामारियां भेजी.

मैंने तुम्हारे लूटे हुए घोड़ों के साथ,

तुम्हारे जवानों को तलवार से मार डाला.

मैंने तुम्हारे छावनी के शवों की दुर्गंध से तुम्हारे नथुनों को भर दिया,

फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,”

याहवेह की यह घोषणा है.

11“मैंने तुममें से कुछ का ऐसा विनाश किया

जैसा मैं, परमेश्वर, ने सोदोम और अमोराह का किया था.

उस समय तुम वैसे ही थे, जैसे आग से निकाली गई जलती हुई लकड़ी,

फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,”

याहवेह की यह घोषणा है.

12“इसलिये हे इस्राएल, मैं तुम्हारे साथ ऐसा करनेवाला हूं,

और क्योंकि मैं तुम्हारे साथ ऐसा करनेवाला हूं, हे इस्राएल,

अपने परमेश्वर से भेंट करने के लिए तैयार हो जाओ.”

13जिसने पर्वतों की रचना की,

जिसने वायु की सृष्टि की,

और जो अपने विचारों को मनुष्यों पर प्रकट करते हैं,

जो प्रातःकाल को अंधकार में बदल देते हैं,

और पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलते हैं—

उनका नाम याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर है.