约翰福音 15 – CCB & NCA

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

约翰福音 15:1-27

真葡萄树

1耶稣说:“我是真葡萄树,我父是栽培的人。 2属于我的枝子如果不结果子,祂就把它剪掉;如果结果子,祂便修剪它,让它结更多的果子。 3我对你们所讲的道已经使你们洁净了。 4你们要常在我里面,我就常在你们里面。枝子若离开葡萄树,就不能结果子。同样,你们若不常在我里面,也不能结果子。

5“我是葡萄树,你们是枝子。常在我里面的,我也常在他里面,他就会多结果子,因为你们离开了我什么都不能做。 6不常在我里面的人就像丢在外面枯干的枝子,最后只有被人拾起来丢在火里烧掉。 7如果你们常在我里面,我的话也常在你们里面,无论你们求什么,都会得到应允。 8你们多结果子,证明自己是我的门徒,就会给我父带来荣耀。 9父怎样爱我,我也怎样爱你们。你们要常在我的爱中。 10你们若遵守我的命令,就必常在我的爱中,正如我遵守了父的命令,常在父的爱中一样。

11“我把这些事告诉你们,是要叫你们心里有我的喜乐,让你们的喜乐满溢。 12你们要彼此相爱,像我爱你们一样,这就是我的命令。 13为朋友舍命可以说是人间最伟大的爱了。 14你们如果照我的吩咐去做,就是我的朋友。 15我不再称你们为奴仆,因为奴仆不知道主人的事。我称你们为朋友,因为我把从父那里听见的一切都告诉了你们。 16不是你们拣选了我,而是我拣选了你们,并且派你们出去结永存的果子。这样,你们奉我的名无论向父求什么,祂都会赐给你们。 17我把这些事吩咐你们,是要叫你们彼此相爱。

被世人憎恶

18“如果世人恨你们,要知道,他们恨你们以前已经恨我了。 19如果你们属于这个世界,世人一定会爱你们。可是你们不属于这世界,我已经把你们拣选出来,因此世人恨你们。 20你们要记住我说的话,‘奴仆不能大过主人。’他们若迫害我,也必迫害你们;他们若遵行我的话,也必遵行你们的话。 21世人将因为我的名而这样对待你们,因为他们不认识差我来的那位。 22我如果没有来教导他们,他们就没有罪了,但现在他们的罪无可推诿。 23恨我的,也恨我的父。 24我如果没有在他们当中行过空前的神迹,他们就没有罪了。然而,他们亲眼看见了,竟然还恨我和我的父。 25这是要应验他们律法书上的话,‘他们无故地恨我。’

26“我要从父那里为你们差护慰者来,祂就是从父而来的真理之灵。祂来了要为我做见证。 27你们也要为我做见证,因为你们从开始就与我在一起。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

यूहन्ना 15:1-27

अंगूर के नार अऊ डंगालीमन

1“सही अंगूर के नार मेंह अंव अऊ मोर ददा ह किसान ए। 2ओ डंगाल जऊन ह मोर म हवय अऊ नइं फरय, ओह ओला काट डारथे; अऊ ओ डंगाल जऊन ह फरथे, ओला ओह छांटथे, ताकि ओह अऊ फरय। 3जऊन बचन मेंह तुमन ला कहे हवंव, ओकर कारन तुमन पहिली ले सुध हो गे हवव। 4तुमन मोर म बने रहव अऊ मेंह तुमन म बने रहिहूं। जइसने डंगाल ह यदि अंगूर के नार म बने नइं रहय, त ओ डंगाल ह अपन-आप म नइं फर सकय, वइसने यदि तुमन मोर म बने नइं रहव, त तुमन घलो नइं फर सकव।

5मेंह अंगूर के नार अंव अऊ तुमन डंगाल अव। जऊन मनखे ह मोर म बने रहिथे अऊ मेंह ओम, त ओह बहुंत फरथे, काबरकि मोर ले अलग होके तुमन कुछू नइं कर सकव। 6कहूं कोनो मनखे मोर म बने नइं रहय, त ओह ओ डंगाल सहीं अय, जऊन ला फटिक दिये जाथे अऊ ओह सूखा जाथे; अइसने डारामन ला मनखेमन संकेलथें अऊ आगी म झोंक के जरा देथें। 7यदि तुमन मोर म बने रहव अऊ मोर बचन ह तुमन म बने रहय, त जऊन कुछू तुमन चाहव अऊ मांगव; ओह तुमन ला दिये जाही। 8मोर ददा के महिमा इही म होथे कि तुमन ह बहुंत फर लानव अऊ अपन-आप ला देखा दव कि तुमन मोर चेला अव।

9जइसने ददा ह मोला मया करिस, वइसने मेंह तुमन ले मया करे हवंव। अब तुमन मोर मया म बने रहव। 10यदि तुमन मोर हुकूममन ला मानहू, त मोर मया म बने रहिहू; जइसने मेंह अपन ददा के हुकूममन ला माने हवंव अऊ ओकर मया म बने रहिथंव। 11मेंह ए बात तुमन ला ए खातिर कहे हवंव, ताकि मोर आनंद ह तुमन म रहय अऊ तुम्‍हर आनंद ह पूरा हो जावय। 12मोर हुकूम ए अय: जइसने मेंह तुमन ला मया करे हवंव, वइसनेच तुमन घलो एक-दूसर ले मया करव। 13एकर ले बड़े मया अऊ काकरो नइं ए कि कोनो मनखे अपन संगवारीमन बर अपन परान देवय। 14जऊन हुकूम मेंह देवत हंव, ओला यदि तुमन मानव, त तुमन मोर संगवारी अव। 15अब ले मेंह तुमन ला सेवक नइं कहंव, काबरकि सेवक ह नइं जानय कि ओकर मालिक ह का करथे। पर मेंह तुमन ला संगवारी कहे हवंव काबरकि जऊन कुछू मेंह अपन ददा ले सुनेंव, ओ जम्मो बात तुमन ला बता दे हवंव। 16तुमन मोला नइं चुनेव, पर मेंह तुमन ला चुने अऊ ठहराय हवंव कि तुमन जावव अऊ फरव – अइसने फर जऊन ह बने रहय। तब जऊन कुछू तुमन मोर नांव म ददा ले मांगहू, ओह तुमन ला दिही। 17मोर हुकूम ए अय: एक-दूसर ले मया करव।”

संसार ह चेलामन ले घिन करथे

18“यदि संसार ह तुम्‍हर ले घिन करथे, त ए बात ला जान लेवव कि एह तुम्‍हर ले पहिली मोर ले घिन करिस। 19यदि तुमन संसार के होतेव, त संसार ह तुमन ला अपन समझके मया करतिस। पर तुमन संसार के नो हव, पर मेंह तुमन ला संसार म ले चुन ले हवंव। एकरसेति संसार ह तुम्‍हर ले घिन करथे। 20जऊन बचन मेंह तुमन ला कहे हवंव, ओला सुरता रखव: ‘एक सेवक ह अपन मालिक ले बड़े नइं होवय।’15:20 यूहन्ना 13:16 जब ओमन मोला सताईन, त तुमन ला घलो सताहीं। अऊ यदि ओमन मोर बचन ला मानिन, त तुम्‍हर बचन ला घलो मानहीं। 21मोर नांव के सेति ओमन तुम्‍हर संग अइसने बरताव करहीं, काबरकि ओमन ओला नइं जानंय, जऊन ह मोला पठोय हवय। 22कहूं मेंह नइं आतेंव अऊ ओमन ले नइं गोठियातेंव, त ओमन पाप के दोसीदार नइं होतिन, पर अब ओमन करा अपन पाप के कोनो बहाना नइं ए। 23जऊन ह मोर ले घिन करथे, ओह मोर ददा ले घलो घिन करथे। 24ओमन पाप के दोसीदार नइं होतिन, कहूं मेंह ओमन के आघू म ओ काममन ला नइं करे होतेंव, जऊन ला कोनो कभू नइं करिन। पर अब ओमन ए चमतकार के काममन ला देखके घलो मोर अऊ मोर ददा दूनों ले घिन करे हवंय। 25एह एकरसेति होईस ताकि ओमन के कानून म लिखे ए बचन ह पूरा होवय: ‘ओमन मोर ले बिगर कोनो कारन के घिन करिन।’15:25 भजन-संहिता 35:19; 69:4

26पर मददगार ह आही, जऊन ला मेंह ददा के इहां ले तुमन करा पठोहूं। ओह सत के आतमा ए, जऊन ह ददा म ले निकरथे। ओह मोर बारे म गवाही दिही। 27अऊ तुमन ला घलो मोर बारे म गवाही देना जरूरी ए, काबरकि तुमन सुरू ले मोर संग रहे हवव।