尼希米记 2 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

尼希米记 2:1-20

尼希米返回耶路撒冷

1亚达薛西王二十年尼散月2:1 尼散月”即希伯来历的一月,阳历是三月中旬到四月中旬。,酒呈到王面前后,我端起酒递给王。在王面前,我一向没有愁容。 2王问我:“你没有病,为什么面带愁容?一定是心中烦恼。”我非常害怕。 3我对王说:“愿王万岁!我祖坟所在的城邑已成废墟,城门也被烧毁,我怎能不面带愁容?” 4王问我:“你有什么要求?”我向天上的上帝祷告后, 5回答说:“如果王认为好,如果仆人在王面前蒙恩,请王派我到犹大,重建我祖坟所在的城邑。” 6当时王后坐在王的旁边,王问我:“你要去多久?什么时候回来?”我告诉王一个日期,王欣然批准。 7我又说:“如果王认为好,求王赐我诏书,通知河西省长准我经过前往犹大8求王再发一道诏书,通知管理王室园林的亚萨,吩咐他供给我木材,用来做圣殿堡垒的门梁及建造城墙和我住的房子。”王批准了我的请求,因为我的上帝施恩帮助我。

9王派将领率骑兵沿途护送我。到了河西省长那里,我把王的诏书交给他们。 10和伦参巴拉和官长亚扪多比雅听到有人来帮以色列人谋求好处,非常不悦。

尼希米视察耶路撒冷的城墙

11我到了耶路撒冷,在那里住了三天, 12然后在夜间起来,带着几个人出去。上帝感动我要为耶路撒冷做的事,我没有告诉任何人。除了我骑的牲口外,我们没有带其他牲口。 13我穿过谷门,朝龙泉的方向走到粪厂门,在那里察看耶路撒冷倒塌的城墙和被烧毁的城门。 14我又往前走到泉门和王池,我骑的牲口无法通过那里, 15我就乘夜沿溪而上,察看城墙,然后转身取道谷门回城。 16官员不知道我到过哪里,做过何事,因为我还没有向犹太人、祭司、贵族、官员和其他要参与这工程的人透露我的计划。

17后来我对他们说:“你们都看到了我们的困境。耶路撒冷已成废墟,城门也被烧毁。来吧,让我们重建耶路撒冷的城墙,免得我们再受凌辱。” 18然后,我把我的上帝怎样施恩帮助我以及王对我说的话都告诉了他们。他们就说:“我们起来重建城墙吧!”于是他们开始做这善工。 19和伦参巴拉和官长亚扪多比雅,以及阿拉伯基善听说后,就讥笑我们,藐视我们,说:“你们在做什么?想要背叛王吗?” 20我回答他们说:“天上的上帝必使我们亨通,我们身为祂仆人,要起来重建这城墙,但你们在耶路撒冷无份、无权、无业。”

Hindi Contemporary Version

नेहेमियाह 2:1-20

अर्तहषस्ता नेहेमियाह को येरूशलेम भेजता है

1राजा अर्तहषस्ता के शासनकाल के बीसवें वर्ष में निसान माह में जब राजा के सामने दाखमधु रखी हुई थी, मैंने उन्हें दाखमधु परोस दी. इसके पहले उनके सामने मैं दुःखी होकर कभी नहीं गया था. 2यह देख राजा ने मुझसे सवाल किया, “जब तुम बीमार नहीं हो, तो तुम्हारा चेहरा इतना उतरा क्यों है? यह मन की उदासी के अलावा और कुछ नहीं.”

यह सुनकर मैं बहुत ही डर गया. 3मैंने राजा को उत्तर दिया, “महाराज आप सदा जीवित रहें. मेरा चेहरा क्यों न उतरे, जब वह नगर, जो मेरे पुरखों की कब्रों का स्थान है, उजाड़ पड़ा हुआ है और उस नगर के फाटक जल चुके हैं.”

4तब राजा ने मुझसे पूछा, “तो तुम क्या चाहते हो?”

तब मैंने स्वर्ग के परमेश्वर से प्रार्थना की. 5मैंने राजा को उत्तर दिया, “अगर महाराज को यह सही लगे और अगर आप अपने सेवक से खुश हैं, तो मुझे यहूदिया जाने की अनुमति दें. वहां, जिस नगर में मेरे पुरखों की कब्रें हैं, मैं उस नगर को दोबारा बनवा सकूं.”

6तब राजा ने मुझसे पूछा, “इसके लिए तुम्हें कितना समय लगेगा और तुम्हारा लौटना कब होगा?” इस समय रानी भी राजा के पास बैठी थी. मैंने राजा के सामने एक समय तय करके बता दिया, सो राजा ने खुशी के साथ मुझे वहां जाने की अनुमति दे दी.

7मैंने राजा से विनती की, “यदि यह महाराज को सही लगे, मुझे उस नदी के उस ओर के राज्यपालों के लिए महाराज द्वारा लिखे संदेश दे दिए जाएं, कि वे मुझे अपने राज्यों में से होकर यहूदिया तक पहुंचने की आज्ञा देते जाएं. 8एक संदेश महाराज के बंजर भूमि के पहरेदार आसफ के लिए भी ज़रूरी होगा, कि वह मंदिर के किले के फाटकों की कड़ियों के लिए, शहरपनाह और उस घर के लिए जिसमें मैं रहूंगा, लकड़ी का इंतजाम कर दे.” राजा ने सभी संदेश मुझे दे दिए, क्योंकि मुझ पर परमेश्वर की कृपादृष्टि बनी हुई थी. 9जब उस नदी के पार के प्रदेशों के राज्यपालों से मेरी भेंट हुई, मैंने उन्हें राजा द्वारा लिखे गए संदेश सौंप दिए. राजा ने मेरे साथ अधिकारी, सैनिक और घुड़सवार भी भेजे थे.

10जब होरोनी सनबल्लत और अम्मोनी अधिकारी तोबियाह को इस बारे में पता चला, तो उन दोनों को बहुत बुरा लगा, कि कोई इस्राएलियों का भला चाहनेवाला यहां आ पहुंचा है.

नेहेमियाह द्वारा येरूशलेम शहरपनाह की जांच

11येरूशलेम पहुंचकर मैं वहां तीन दिन रहा. 12मैं रात में उठ गया, मेरे साथ कुछ लोग भी थे. मैंने यह किसी को भी प्रकट नहीं किया, कि येरूशलेम के विषय में परमेश्वर ने मेरे मन में क्या करने का विचार डाला है. मेरे साथ उस पशु के अलावा कोई भी दूसरा पशु न था, जिस पर मैं सवार था.

13इसलिये रात में मैं घाटी के फाटक से निकलकर अजगर कुएं और कूड़ा फाटक की दिशा में आगे बढ़ा. मैं येरूशलेम की शहरपनाह का बारीकी से जांच करता जा रहा था. शहरपनाह टूटी हुई थी और फाटक जले हुए थे. 14तब मैं झरने के फाटक और राजा के तालाब पर जा पहुंचा, यहां मेरे पशु के लिए आगे बढ़ना नामुमकिन था. 15इसलिये मैं रात में ही नाले से होता हुआ शहरपनाह का बारीकी से मुआयना करता गया. तब मैंने दोबारा घाटी फाटक में से प्रवेश किया और लौट गया. 16अधिकारियों को यह पता ही न चल सका, कि मैं कहां गया था या यह कि मैंने क्या काम किया था. मैंने अब तक यहूदियों, पुरोहितों, प्रशासकों, अधिकारियों और बाकियों पर, जिन्हें काम में जुट जाना था, कुछ भी नहीं बताया था.

17तब मैंने उनसे कहा, “हमारी दुर्दशा आपके सामने साफ़ ही है; येरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक गिरे पड़े हैं. आइए, हम येरूशलेम की शहरपनाह को दोबारा बनाएं, कि हम दोबारा हंसी का विषय न रह जाएं.” 18मैंने उनको यह साफ़ बताया कि किस तरह मुझ पर मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि हुई और यह भी कि राजा ने मेरे लिए आश्वासन के शब्द कहे थे.

यह सुन उन्होंने कहा, “चलिए, हम बनाने का काम शुरू करें.” इस तरह वे इस अच्छे काम में लग गए.

19किंतु जब होरोनी सनबल्लत, अम्मोनी अधिकारी तोबियाह और अरबी गेशेम ने यह सब सुना, वे हमारा मज़ाक उड़ाने लगे, घृणा से भरकर वे हमसे कहने लगे, “क्या कर रहे हो यह? क्या तुम राजा के विरुद्ध विद्रोह करोगे?”

20तब मैंने उन्हें उत्तर दिया, “स्वर्ग के परमेश्वर ही हमें इसमें सफलता देंगे; इसलिये हम उनके सेवक बनाने का काम शुरू करेंगे. इसमें आपका कोई लेना देना नहीं है न ही यहां आपका कोई अधिकार है और न येरूशलेम में आपका कोई स्मारक ही है.”