以西结书 18 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

以西结书 18:1-32

犯罪者必灭亡

1耶和华对我说: 2“你们以色列人为什么说‘父亲吃了酸葡萄,儿子的牙酸倒了’这句俗语呢? 3主耶和华说,我凭我的永恒起誓,你们在以色列必不再用这句话。 4因为所有的生命都属于我,父和子都属于我。谁犯罪,谁死亡。

5“倘若有义人秉公行义, 6不在山上的庙宇里吃祭物,不拜以色列的偶像,不玷污别人的妻子,不亲近经期中的妇女; 7不欺压人,反而退还债户的抵押品;不抢夺财物,反而给饥饿的人食物吃,给赤身露体的人衣服穿; 8不放债取利,不犯罪作恶,反而公平待人, 9遵守我的律例,顺从我的典章——这样的义人必能活着。这是主耶和华说的。

10“倘若这人生了一个不肖子,凶残暴戾,杀人抢劫,无恶不作, 11常在庙宇吃祭偶像之物,玷污别人的妻子, 12欺压贫穷困苦的人,抢夺财物,扣留债户的抵押品,祭拜偶像,犯罪作恶, 13放债取利,这样的人还能活着吗?他必不能活。他作恶多端,必自取灭亡,抵偿自己的血债。

14“倘若这不肖子有一个好儿子,他看见父亲的所作所为,不愿步父亲的后尘。 15他不肯在山上吃祭偶像之物,不拜以色列人的偶像,不玷污别人的妻子, 16不欺压他人,不扣留抵押品,不抢夺财物,反而给饥饿的人食物吃,给赤身露体的人衣服穿, 17不压榨贫穷的人,不放债取利,反而遵守我的典章,顺从我的律例,这人必不因父亲的罪恶而死亡,他必活着。 18他父亲因肆意欺诈,掠夺同胞,多行不义,必自招灭亡。

19“你们会问,‘儿子为什么不用承担父亲的罪恶呢?’这是因为儿子秉公行义,谨遵我的律例,所以他必活着。 20谁犯罪,谁死亡,儿子不用承担父亲的罪恶,父亲也不用承担儿子的罪恶。义人必有善报,恶人必有恶报。

21“恶人若肯痛改前非,遵守我的律例,秉公行义,就必活着,不致死亡。 22我必不追究他以前所犯的一切罪行,他必因行事正直而活着。 23主耶和华说,我难道喜欢恶人死亡吗?我岂不是更愿他们痛改前非并活着吗? 24义人若弃善行恶,与恶人同流合污,这人岂能活着?他从前的义行不会被记念,他必因自己的背信和罪恶而灭亡。

25“你们说,主这样做不公平。以色列人啊,你们听着,是我的做法不公平呢?还是你们的做法不公平呢? 26倘若义人离义行恶,他必因犯罪而死。 27倘若恶人离恶行义,他必救回自己的性命。 28因为他醒悟过来,痛改前非,必能活着,不致死亡。 29以色列人却说,‘主这样做不公平!’以色列人啊,是我的做法不公平呢?还是你们的做法不公平呢?

30“所以主耶和华说,‘以色列人啊,我必按你们各人的行为审判你们。你们要悔改,痛改前非,使你们不致死在罪恶中。 31你们要离弃从前所有的罪恶,洗心革面。以色列人啊!你们何必走向灭亡呢?’ 32主耶和华说,‘我断不喜欢任何人死亡,你们要悔改,以便存活。’”

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 18:1-32

जो पाप करता है, वह मरेगा

1फिर याहवेह का यह वचन मेरे पास आया: 2“इस्राएल देश के बारे में इस कहावत का उल्लेख करने के द्वारा तुम लोग क्या कहना चाहते हो:

“ ‘खट्टे अंगूर तो खाए माता-पिताओं ने,

किंतु दांत खट्टे हुए बच्चों के’?

3“मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, तुम इस्राएल देश में इस कहावत का उल्लेख फिर न करोगे. 4हर एक जन मेरा है, माता-पिता के साथ साथ बच्‍चे भी—दोनों एक समान मेरे हैं. इसलिये जो व्यक्ति पाप करता है, वही मरेगा भी.

5“मान लो एक धर्मी व्यक्ति है,

जो वही करता है जो उचित और सही है.

6वह जो पहाड़ों के पूजा स्थलों पर नहीं खाता है

या इस्राएल के मूर्तियों की ओर नहीं देखता है.

वह अपने पड़ोसी की पत्नी को भ्रष्‍ट नहीं करता है,

या किसी स्त्री के साथ उसके मासिक के समय संभोग नहीं करता है.

7वह किसी पर अत्याचार नहीं करता है,

पर गिरवी रखी गई वस्तु ऋणी को लौटा देता है.

वह डाका नहीं डालता है,

पर अपना भोजन भूखे को देता है,

और नंगे को कपड़ा देता है.

8वह बिना किसी ब्याज के पैसा उधार देता है,

या उनसे लाभ नहीं उठाता है.

वह गलत कार्य करने से अपने हाथ को रोके रखता है

और दो पक्षों के बीच सही न्याय करता है.

9वह मेरे नियम पर चलता है

और विश्वासयोग्यता के साथ मेरे कानूनों का पालन करता है.

तो वह व्यक्ति धर्मी है;

वह निश्चित रूप से जीवित रहेगा,

परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.

10“मान लो उस व्यक्ति का एक हिंसक प्रवृत्ति का बेटा है, जो खून-ख़राबा करता है या इनमें से कोई भी काम करता है, 11(यद्यपि उसके पिता ने इनमें से कोई भी काम नहीं किया है):

“वह पहाड़ के पूजा स्थलों पर खाता है.

वह अपने पड़ोसी की पत्नी को भ्रष्‍ट करता है.

12वह गरीब और ज़रूरतमंद पर अत्याचार करता है.

वह डाका डालता है.

वह गिरवी रखी गई वस्तु को लौटाता नहीं है.

वह मूर्तियों की ओर देखता है.

वह घृणित कार्य करता है.

13वह ब्याज पर पैसा उधार देता है और लाभ कमाता है.

क्या ऐसा व्यक्ति जीवित रहेगा? वह जीवित नहीं रहेगा! क्योंकि उसने ये सारे घृणित कार्य किए हैं, वह निश्चय मार डाला जाएगा; उसके खून का दोष स्वयं उसी के ऊपर होगा.

14“पर मान लो, इस बेटे का एक बेटा है, जो अपने पिता द्वारा किए गए सब पापों को देखता है, और यद्यपि वह उन पापों को देखता है, पर वह ऐसा कोई पाप नहीं करता है:

15“वह पहाड़ के पूजा स्थलों पर नहीं खाता है

या इस्राएल के मूर्तियों को नहीं देखता है.

वह अपने पड़ोसी की पत्नी को भ्रष्‍ट नहीं करता है.

16वह किसी पर अत्याचार नहीं करता है,

वह कर्जा देने के लिये किसी चीज़ को गिरवी नहीं रखता.

वह डाका नहीं डालता है,

पर अपना भोजन भूखे को देता है

और नंगे को कपड़ा देता है.

17वह गरीबों को सताने से अपने हाथ रोके रखता है

और उनसे कोई ब्याज या फायदा नहीं उठाता है.

वह मेरे कानूनों का पालन करता और मेरे नियमों पर चलता है.

वह अपने पिता के पाप के कारण नहीं मरेगा; वह निश्चय ही जीवित रहेगा. 18पर उसका पिता उसके स्वयं के पाप के कारण मरेगा, क्योंकि उसने अवैध वसूली की, अपने भाई को लूटा और वह काम किया जो उसके लोगों के बीच गलत है.

19“तौभी तुम पूछते हो, ‘पुत्र अपने पिता के दोष का भागीदार क्यों नहीं होता?’ जब बेटे ने वह काम किया जो उचित और सही है और ध्यानपूर्वक मेरे नियमों को माना है, तो वह निश्चय ही जीवित रहेगा. 20जो पाप करेगा, मरेगा भी वहीं. कोई बच्चा अपने माता-पिता के दोष का भागीदार नहीं होगा, और न ही माता-पिता अपने बच्चों के दोष के भागीदार होंगे. धर्मी के धर्मीपन का फल उस धर्मी को ही मिलेगा, और दुष्ट की दुष्टता का फल उस दुष्ट को दिया जाएगा.

21“पर यदि कोई दुष्ट व्यक्ति अपने सब पापों को छोड़ देता है और मेरे नियमों का पालन करता है, और वह काम करता है जो उचित और सही है, तो वह व्यक्ति निश्चय जीवित रहेगा; वह न मरेगा. 22उसने जो भी पाप किए हैं, वे फिर याद किए नहीं जाएंगे. वह अपने किए गये धर्म के कामों के कारण जीवित रहेगा. 23क्या मैं किसी दुष्ट की मृत्यु से खुश होता हूं? परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. बल्कि क्या मैं खुश नहीं होता, जब वह अपने बुरे कामों को छोड़कर जीवित रहता है?

24“पर यदि कोई धर्मी व्यक्ति अपने धर्मीपन को छोड़कर पाप करता है और वही घृणित काम करने लगता है जो दुष्ट व्यक्ति करते हैं, तो क्या वह जीवित रहेगा? उसके द्वारा किए गये कोई भी धर्मी काम याद नहीं किए जाएंगे. अपने किए गये विश्वासघात के कारण वह दोषी है और अपने किए गये पापों के कारण वह मरेगा.

25“फिर भी तुम कहते हो, ‘प्रभु की नीति उचित नहीं है.’ हे इस्राएलियो, सुनो: क्या मेरी नीति अनुचित है? क्या ये तुम्हारी ही नीतियां नहीं हैं जो अनुचित हैं? 26यदि कोई धर्मी व्यक्ति अपने धर्मीपन को छोड़कर दुष्ट काम करता है, तब वह अपने दुष्ट काम के कारण मरेगा; अपने किए गये पापों के कारण वह मरेगा. 27पर यदि कोई दुष्ट व्यक्ति अपने बुरे कामों को छोड़ देता है और वह काम करता है जो उचित और सही है, तो वह अपना प्राण बचाएगा. 28क्योंकि उसने अपने किए गये सब पापों पर सोच-विचार किया और उन्हें छोड़ दिया, इसलिये वह व्यक्ति निश्चय ही जीवित रहेगा; वह नहीं मरेगा. 29तौभी इस्राएली कहते हैं, ‘प्रभु की नीति उचित नहीं है.’ हे इस्राएल के लोगो, क्या मेरी नीतियां अनुचित हैं? क्या ये तुम्हारी ही नीतियां नहीं हैं जो अनुचित हैं?

30“इसलिये, हे इस्राएलियो, मैं तुममें से हर एक का न्याय उसी के आचरण के अनुसार करूंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. पश्चात्ताप करो! अपने सब पापों को छोड़ दो; तब पाप तुम्हारे लिए पतन का कारण नहीं बनेगा. 31अपने द्वारा किए गए सब अपराधों से दूर हो जाओ और एक नया हृदय और एक नई आत्मा ले लो. हे इस्राएल के लोगों, तुम्हारी मृत्यु क्यों हो? 32क्योंकि मुझे किसी के भी मृत्यु से खुशी नहीं होती, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. इसलिये पश्चात्ताप करो और जीवित रहो!