Забур 133 – CARSA & HCV

Священное Писание (Восточный перевод), версия с «Аллахом»

Забур 133:1-3

Песнь 133

Песнь восхождения.

1Славьте Вечного, все рабы Его,

служащие ночью в доме Вечного!

2Вознесите руки свои в святилище

и славьте Вечного!

3Вечный, сотворивший небо и землю,

да благословит тебя с Сиона.

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 133:1-3

स्तोत्र 133

आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना.

1कैसी आदर्श और मनोरम है

वह स्थिति जब भाइयों में परस्पर एकता होती है!

2यह वैसी ही मनोरम स्थिति है, जब सुगंध द्रव्य पुरोहित के सिर पर उंडेला जाता है,

और बहता हुआ दाढ़ी तक पहुंच जाता है,

हां, अहरोन की दाढ़ी पर बहता हुआ,

उसके वस्त्र की छोर तक जा पहुंचता है.

3हरमोन पर्वत की ओस के समान,

जो ज़ियोन पर्वत पर पड़ती है.

क्योंकि वही है वह स्थान,

जहां याहवेह सर्वदा जीवन की आशीष प्रदान करते हैं.