Israel Mmapɔmma Ho Kwadwom
1“Momma Israel mmapɔmma ho kwadwom 2na monka se:
“ ‘Na wo na yɛ gyatabere mu sononko
wɔ gyata mu!
Ɔdaa gyataforo mu
yɛn ne mma.
3Ɔyɛn ne mma no mu baako
ma ɔbɛyɛɛ gyata ɔhoɔdenfo.
Osuaa sɛnea wɔtetew hanam mu,
na ɔwee nnipa nam.
4Amanaman no tee ne nka,
na wɔn amoa yii no.
Wɔkyekyeree no de no kɔɔ
Misraim asase so.
5“ ‘Bere a ohuu sɛ nʼanidaso anyɛ hɔ,
na nea ɔrehwɛ anim ayera no,
ɔfaa ne ba foforo
yɛɛ no gyata ɔhoɔdenfo.
6Okyinkyin gyata no mu
efisɛ na wayɛ gyata hoɔdenfo.
Osuaa sɛnea wɔtetew hanam mu
na ɔwee nnipa nam.
7Obubuu wɔn abandennen
na ɔsɛee wɔn nkurow.
Asase no ne wɔn a wɔte so nyinaa no,
ne mmubomu bɔɔ wɔn hu.
8Afei amanaman no sɔre tiaa no,
wɔn a wofi nsase a atwa ahyia no so.
Woguu no asau kyeree no
wɔ wɔn amoa mu.
9Wɔde nnarewa twee no kɔhyɛɛ buw mu
na wɔde no brɛɛ Babilonia hene.
Wɔde no too afiase,
na wɔante ne mmubomu no bio
wɔ Israel mmepɔw no so.
10“ ‘Na wo na te sɛ bobedua
a wɔatɛw no asu ho wɔ wo bobeturo mu.
Na ɛsow aba, na eyiyii mman
nsu a onya no bebree no nti.
11Ne mman yɛɛ den yiye;
edi mu sɛ wɔde yɛ ahemfo ahempema.
Ɛkorɔn, bunkam faa nhaban a ayɛ kuhaa no so,
ne sorokɔ ne ne mman bebree no
maa no yɛɛ sononko.
12Nanso wɔde abufuwhyew tuu nʼase
de no hwee fam.
Apuei mframa maa no kasae,
ɛsow aba tetew gui;
na ne mman a ɛwɔ ahoɔden no twintwamee
na ogya hyewee.
13Afei wɔakɔtɛw no wɔ sare so
asase kesee a nsu nni mu mu.
14Ogya trɛw fii ne mman baako so
na ɛhyew nʼaba.
Anka mman a ɛwɔ ahoɔden baako mpo wɔ so;
nea wɔde yɛ ahemfo ahempema ma ɛyɛ yiye no.’
Eyi yɛ kwadwom na ma wɔnto no saa.”
इस्राएल के राजकुमारों के लिए एक विलापगीत
1“इस्राएल के राजकुमारों के संबंध में एक विलापगीत लो 2और कहो:
“ ‘सिंहों के मध्य
क्या ही एक सिंहनी थी तुम्हारी माता!
वह उनके बीच रहती थी
और अपने बच्चों (शावकों) का पालन पोषण करती थी.
3उसने अपने बच्चों में से एक को पालकर बड़ा किया,
और वह एक बलवान सिंह हो गया.
वह शिकार को फाड़ डालना सीख गया
और वह एक नर-भक्षी बन गया.
4जाति-जाति के लोगों ने उसके बारे में सुना,
और वह उनके द्वारा खोदे गए गड्ढे में गिरकर फंस गया.
वे उस पर नकेल डालकर
मिस्र देश ले गये.
5“ ‘जब सिंहनी ने देखा कि उसकी आशा पूरी नहीं हुई,
और उसकी उम्मीद जाती रही,
तो उसने अपने एक और बच्चे को लिया
और उसे एक बलवान सिंह बनाया.
6वह अन्य सिंहों के बीच चलने फिरने लगा,
क्योंकि अब वह एक बलवान सिंह बन चुका था.
वह शिकार को फाड़ डालना सीख गया
और वह एक नर-भक्षी बन गया.
7उसने उनके एक दृढ़ गढ़ को तोड़ डाला
और उनके नगरों को उजाड़ दिया.
पूरा देश और उसमें रहनेवाले सबके सब
उसके गर्जन से भयभीत होते थे.
8तब उसके चारों तरफ के
जाति-जाति के लोग उसके विरुद्ध हो गए.
उन्होंने उसके लिये जाल बिछाया,
और वह उनके द्वारा खोदे गए गड्ढे में फंस गया.
9उन्होंने नकेल डालकर उसे ऊपर खींचा और उसे एक पिंजरे में डाल दिया
और उसे बाबेल के राजा के पास ले आए.
उन्होंने उसे बंदी बनाकर रखा,
जिससे उसका गर्जन इस्राएल देश के पर्वतों पर
फिर कभी सुनाई नहीं दिया.
10“ ‘तुम्हारी माता पानी के किनारे लगाये गए अंगूर की बारी में
अंगूर की एक लता की तरह थी;
पानी की अधिकता के कारण
उसमें फल लगते थे और वह शाखाओं से भरी हुई थी.
11उसकी शाखाएं मजबूत थी,
और एक शासन करनेवाले के राजदंड के लिये उपयुक्त थी.
घने पत्तियों के ऊपर
यह बहुत ऊंची थी,
अपनी ऊंचाई और बहुत सी शाखाओं के कारण
यह महत्वपूर्ण थी.
12परंतु उसे क्रोध में उखाड़ दिया गया
और भूमि पर फेंक दिया गया.
पूर्वी हवा ने उसे सूखा दिया,
उसके फल गिर गये;
उसकी मजबूत शाखाएं सूख गईं
और आग ने उन्हें जलाकर नष्ट कर दिया.
13अब उसे निर्जन प्रदेश में लगाया गया है,
एक सूखी और प्यासी भूमि पर.
14उसकी एक मुख्य शाखा से आग फैली
और उसके फलों को जलाकर नष्ट कर दिया.
उसमें और कोई मजबूत शाखा नहीं बची
जो शासन करनेवाले के राजदंड के लिये उपयुक्त हो.’
यह एक विलापगीत है और इसे एक विलापगीत के रूप में उपयोग करना है.”