स्तोत्र 94:1-11
स्तोत्र 94
याहवेह, बदला लेनेवाले परमेश्वर,
बदला लेनेवाले परमेश्वर, अपने तेज को प्रकट कीजिए.
पृथ्वी का न्यायाध्यक्ष, उठ जाइए;
अहंकारियों को वही प्रतिफल दीजिए, जिसके वे योग्य हैं.
दुष्ट कब तक, याहवेह,
कब तक आनंद मनाते रहेंगे?
वे डींग मारते चले जा रहे हैं;
समस्त दुष्ट अहंकार में फूले जा रहे हैं.
वे आपकी प्रजा को कुचल रहे हैं, याहवेह;
वे आपकी निज भाग को दुःखित कर रहे हैं.
वे विधवा और प्रवासी की हत्या कर रहे हैं;
वे अनाथों की हत्या कर रहे हैं.
वे कहे जा रहे हैं, “कुछ नहीं देखता याहवेह;
याकोब के परमेश्वर ने इसकी ओर ध्यान नहीं देते है.”
मन्दमतियो, थोड़ा विचार तो करो;
निर्बुद्धियो, तुममें बुद्धिमत्ता कब जागेगी?
जिन्होंने कान लगाए हैं, क्या वे सुनते नहीं?
क्या वे, जिन्होंने आंखों को आकार दिया है, देखते नहीं?
क्या वे, जो राष्ट्रों को ताड़ना देते हैं, वे दंड नहीं देंगे?
क्या वे, जो मनुष्यों को शिक्षा देते हैं, उनके पास ज्ञान की कमी है?
याहवेह मनुष्य के विचारों को जानते हैं;
कि वे विचार मात्र श्वास ही हैं.