स्तोत्र 9:1-6
स्तोत्र 99:0 मूल पाण्डुलिपि में 9 और 10 एक गीत है. ये अक्षरबद्ध कविता है जिसकी पंक्तियां हिब्री वर्णमाला के क्रमिक अक्षरों से आरंभ होती हैं
संगीत निर्देशक के लिये. मूथलब्बेन धुन पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र.
याहवेह, मैं संपूर्ण हृदय से आपका आभार मानूंगा;
मैं आपके हर एक आश्चर्य कर्मों का वर्णन करूंगा.
मैं आप में उल्लसित होकर आनंद मनाता हूं;
सर्वोच्च प्रभु, मैं आपका भजन गाता हूं.
जब मेरे शत्रु पीठ दिखाकर भागे;
वे आपकी उपस्थिति के कारण नाश होकर लड़खड़ा कर गिर पड़े.
आपने न्याय किया और मेरे पक्ष में निर्णय दिया,
आपने अपने सिंहासन पर बैठ सच्चाई में न्याय किया.
आपने जनताओं को डांटा और दुष्टों को नष्ट कर दिया;
आपने सदा के लिए उनका नाम मिटा दिया.
कोई भी शत्रु शेष न रहा,
उनके नगर अब स्थायी विध्वंस मात्र रह गए हैं;
शत्रु का नाम भी शेष न रहा.