स्तोत्र 89:30-37 HCV

स्तोत्र 89:30-37

“यदि उसकी संतान मेरी व्यवस्था का परित्याग कर देती है

तथा मेरे अधिनियमों के अनुसार नहीं चलती,

यदि वे मेरी विधियों को भंग करते हैं

तथा मेरे आदेशों का पालन करने से चूक जाते हैं,

तो मैं उनके अपराध का दंड उन्हें लाठी के प्रहार से

तथा उनके अपराधों का दंड कोड़ों के प्रहार से दूंगा;

किंतु मैं अपना करुणा-प्रेम उसके प्रति कभी कम न होने दूंगा

और न मैं अपनी सच्चाई का घात करूंगा.

मैं अपनी वाचा भंग नहीं करूंगा

और न अपने शब्द परिवर्तित करूंगा.

एक ही बार मैंने सदा-सर्वदा के लिए अपनी पवित्रता की शपथ खाई है,

मैं दावीद से झूठ नहीं बोलूंगा;

उसका वंश सदा-सर्वदा अटल बना रहेगा

और उसका सिंहासन मेरे सामने सूर्य के समान सदा-सर्वदा ठहरे रहेगा;

यह आकाश में विश्वासयोग्य साक्ष्य होकर,

चंद्रमा के समान सदा-सर्वदा ठहरे रहेगा.”

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