स्तोत्र 81:8-16
मेरी प्रजा, मेरी सुनो, कि मैं तुम्हें चिता सकूं,
इस्राएल, यदि तुम मात्र मेरी ओर ध्यान दे सको!
तुम्हारे मध्य वे देवता न पाए जाएं, जो वस्तुतः अनुपयुक्त हैं;
तुम उन देवताओं की वंदना न करना.
मैं, याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं,
जो तुम्हें मिस्र देश से छुड़ाकर लाया हूं.
तुम अपना मुख पूरा-पूरा खोलो कि मैं उसे भर दूं.
“किंतु मेरी प्रजा ने मेरी नहीं सुनी;
इस्राएल ने मेरी आज्ञा नहीं मानी.
तब मैंने उसे उसी के हठीले हृदय के अधीन छोड़ दिया,
कि वह अपनी ही युक्तियों की पूर्ति करती रहे.
“यदि मेरी प्रजा मात्र मेरी आज्ञा का पालन कर ले,
यदि इस्राएल मेरी शिक्षा का पालन कर ले,
शीघ्र मैं उसके शत्रुओं का पीछा करूंगा,
और उसके शत्रुओं पर मेरा प्रहार होगा!
जो याहवेह से घृणा करते हैं,
वे आज्ञाकारिता का दिखावा करेंगे और उनको बड़ा दंड होगा.
किंतु तुम्हारा आहार होगा सर्वोत्तम गेहूं;
मैं तुम्हें चट्टान के उत्कृष्ट मधु से तृप्त करूंगा.”