स्तोत्र 68:7-14 HCV

स्तोत्र 68:7-14

परमेश्वर, जब आप अपनी प्रजा के आगे-आगे चलने के लिए निकल पड़े,

जब आप बंजर ज़मीन में से होकर जा रहे थे,

पृथ्वी कांप उठी, आकाश ने वृष्टि भेजी,

परमेश्वर के सामने, वह जो सीनायी पर्वत के परमेश्वर हैं,

परमेश्वर के सामने, जो इस्राएल के परमेश्वर हैं.

परमेश्वर, आपने समृद्ध वृष्टि प्रदान की;

आपने अपने थके हुए विरासत को ताज़ा किया.

आपकी प्रजा उस देश में बस गई;

हे परमेश्वर, आपने अपनी दया के भंडार से असहाय प्रजा की आवश्यकता की व्यवस्था की.

प्रभु ने आदेश दिया और बड़ी संख्या में

स्त्रियों ने यह शुभ संदेश प्रसारित कर दिया:

“राजा और सेना पलायन कर रहे हैं; हां, वे पलायन कर रहे हैं,

और वह जो घर पर रह गई है लूट की सामग्री को वितरित करेगी.

जब तुम भेड़शाला में लेटते हो,

तुम ऐसे लगते हो, मानो कबूतरी के पंखों पर चांदी,

तथा उसके पैरों पर प्रकाशमान स्वर्ण मढ़ा गया हो.”

जब सर्वशक्तिमान ने राजाओं को वहां तितर-बितर किया,

ज़लमोन में हिमपात हो रहा था.

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