स्तोत्र 68:28-35 HCV

स्तोत्र 68:28-35

हे परमेश्वर, अपनी सामर्थ्य को आदेश दीजिए,

हम पर अपनी शक्ति प्रदर्शित कीजिए, हे परमेश्वर, जैसा आपने पहले भी किये हैं!

येरूशलेम में आपके मंदिर की महिमा के कारण,

राजा अपनी भेंटें आपको समर्पित करेंगे.

सरकंडों के मध्य घूमते हिंसक पशुओं को,

राष्ट्रों के बछड़ों के मध्य सांड़ों के झुंड को आप फटकार लगाइए.

उन्हें रौंद डालिए, जिन्हें भेंट पाने की लालसा रहती है.

युद्ध के लिए प्रसन्‍न राष्ट्रों की एकता भंग कर दीजिए.

मिस्र देश से राजदूत आएंगे;

तथा कूश देश परमेश्वर के सामने समर्पित हो जाएगा.

पृथ्वी के समस्त राज्यो, परमेश्वर का गुणगान करो,

प्रभु का स्तवन करो.

उन्हीं का स्तवन, जो सनातन काल से स्वर्ग में चलते फिरते रहे हैं,

जिनका स्वर मेघ के गर्जन समान है.

उन परमेश्वर के सामर्थ्य की घोषणा करो,

जिनका वैभव इस्राएल राष्ट्र पर छाया है,

जिनका नियंत्रण समस्त स्वर्ग पर प्रगट है.

परमेश्वर, अपने मंदिर में आप कितने शोभायमान लगते हैं;

इस्राएल के परमेश्वर अपनी प्रजा को अधिकार एवं सामर्थ्य प्रदान करते हैं.

परमेश्वर का स्तवन होता रहे!

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