स्तोत्र 68:1-6 HCV

स्तोत्र 68:1-6

स्तोत्र 68

संगीत निर्देशक के लिये. दावीद की रचना. एक स्तोत्र. एक गीत.

परमेश्वर उठे, कि उनके शत्रु बिखर जाएं;

उनके शत्रु उनके सम्मुख से भाग खड़े हों.

आप उन्हें वैसे ही उड़ा दें, जैसे हवा धुएं को उड़ा ले जाती है,

वे परमेश्वर के सामने उसी प्रकार नष्ट हो जाएं

जिस प्रकार अग्नि के सम्मुख आने पर मोम.

धर्मी हर्षित हों और वे परमेश्वर की उपस्थिति में

हर्षोल्लास में मगन हों;

वे आनंद में उल्‍लसित हों.

परमेश्वर का गुणगान करो, जो मेघों पर विराजमान होकर आगे बढ़ते हैं,

उनकी महिमा का स्तवन करो, उनका नाम है याहवेह.

उपयुक्त है कि उनके सामने उल्‍लसित रहा जाए.

परमेश्वर अपने पवित्र आवास में अनाथों

के पिता तथा विधवाओं के रक्षक हैं.

वह एकाकियों के लिए स्थायी परिवार निर्धारित करते

तथा बंदियों को मुक्त कर देते हैं तब वे हर्ष गीत गाने लगते हैं;

किंतु हठीले तपते, सूखे भूमि में निवास करने के लिए छोड़ दिए जाते हैं.

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