स्तोत्र 66:13-20 HCV

स्तोत्र 66:13-20

मैं आपके मंदिर में अग्निबलि के साथ प्रवेश करूंगा,

और आपसे की गई अपनी प्रतिज्ञाएं पूर्ण करूंगा.

वे सभी प्रतिज्ञाएं,

जो विपत्ति के अवसर पर स्वयं मैंने अपने मुख से की थी.

मैं आपको पुष्ट पशुओं की बलि अर्पण करूंगा,

मैं मेढ़ों, बछड़ों और बकरों

की बलि अर्पण करूंगा.

परमेश्वर के सभी श्रद्धालुओ, आओ और सुनो;

मैं उन महाकार्य को लिखा करूंगा, जो मेरे हित में परमेश्वर द्वारा किए गए हैं.

मैंने उन्हें पुकारा,

मेरे होंठों पर उनका गुणगान था.

यदि मैंने अपने हृदय में अपराध को संजोए रखकर,

उसे पोषित किया होता, तो परमेश्वर ने मेरी पुकार न सुनी होती;

किंतु परमेश्वर ने न केवल मेरी प्रार्थना सुनी;

उन्होंने उसका उत्तर भी दिया है.

धन्य हैं परमेश्वर,

जिन्होंने मेरी प्रार्थना सुनकर उसे अस्वीकार नहीं किया,

और न मुझे अपने करुणा-प्रेम से छीन लिया!

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