स्तोत्र 50:16-23 HCV

स्तोत्र 50:16-23

किंतु दुष्ट से, परमेश्वर कहते हैं:

“जब तुम मेरी शिक्षाओं से घृणा करते,

और मेरे निर्देशों को हेय मानते हो?

तो क्या अधिकार है तुम्हें मेरी व्यवस्था का वाचन करने,

अथवा मेरी वाचा को बोलने का?

चोर को देखते ही तुम उसके साथ हो लेते हो;

वैसे ही तुम व्यभिचारियों के साथ व्यभिचार में सम्मिलित हो जाते हो.

तुमने अपने मुख को बुराई के लिए समर्पित कर दिया है,

तुम्हारी जीभ छल-कपट के लिए तत्पर रहती है.

तुम निरंतर अपने ही भाई की निंदा करते रहते हो,

अपने ही सगे भाई के विरुद्ध चुगली लगाते रहते हो.

तुम यह सब करते रहे, किंतु मैं चुप रहा,

और तुम यह समझते रहे कि मैं तुमसे सहमत हूं.

किंतु मैं अब तुम्ही पर शासन करूंगा

और तुम्हारे ही सम्मुख तुम पर आरोप लगाऊंगा.

“तुम, जो परमेश्वर को भूलनेवाले हो गए हो, विचार करो,

ऐसा न हो कि मैं तुम्हें टुकड़े-टुकड़े कर नष्ट कर दूं और कोई तुम्हारी रक्षा न कर सके:

जो कोई मुझे धन्यवाद की बलि अर्पित करता है, मेरा सम्मान करता है,

मैं उसे, जो सन्मार्ग का आचरण करता है, परमेश्वर के उद्धार का अनुभव करवाऊंगा.”

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