स्तोत्र 45:10-17
राजकन्या, सुनिए, ध्यान दीजिए और विचार कीजिए:
अब आपका राज्य और आपके पिता का परिवार प्राचीन काल का विषय हो गया.
तब महाराज आपके सौंदर्य की कामना करेंगे;
क्योंकि वह आपके स्वामी हैं, अब आप उनके सामने नतमस्तक हों.
सोर देश की राजकन्या उपहार लेकर आएंगी,
धनी पुरुष आपकी कृपादृष्टि की कामना करेंगे.
अंतःपुर में राजकन्या ने भव्य शृंगार किया है;
उसके वस्त्र पर सोने के धागों से कढ़ाई की गई है.
कढ़ाई किए गए वस्त्र धारण किए हुए उन्हें राजा के निकट ले जाया जा रहा है;
उनके पीछे कुंवारी वधू सहेलियों की पंक्तियां चल रही हैं,
यह समूह अब आपके निकट पहुंच रहा है.
ये सभी आनंद एवं उल्लास के भाव में यहां आ पहुंचे हैं,
अब उन्होंने राजमहल में प्रवेश किया है.
आपके पुत्र पूर्वजों के स्थान पर होंगे;
आप उन्हें समस्त देश के शासक बना देंगे.
सभी पीढ़ियों के लिए मैं आपकी महिमा सजीव रखूंगा;
तब समस्त राष्ट्र सदा-सर्वदा आपका धन्यवाद करेंगे.