स्तोत्र 44:1-12 HCV

स्तोत्र 44:1-12

स्तोत्र 44

संगीत निर्देशक के लिये. कोराह के पुत्रों की रचना. एक मसकील.44:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द

हे परमेश्वर, हमने अपने कानों से सुना है,

पूर्वजों ने उसका उल्लेख किया है,

कि प्राचीन काल में,

हमारे पूर्वजों के समय में

आपने जो कुछ किया है:

अपने भुजबल से आपने जनताओं को निकाल दिया

और उनके स्थान पर हमारे पूर्वजों को बसा दिया;

आपने उन लोगों को कुचल दिया

और हमारे पूर्वजों को समृद्ध बना दिया.

यह अधिकार उन्होंने अपनी तलवार के बल पर नहीं किया,

और न ही यह उनके भुजबल का परिणाम था;

यह परिणाम था आपके दायें हाथ,

उसकी सामर्थ्य तथा

आपके मुख के प्रकाश का, क्योंकि वे आपकी प्रीति के पात्र थे.

मेरे परमेश्वर, आप मेरे राजा हैं,

याकोब की विजय का आदेश दीजिए.

आपके द्वारा ही हम अपने शत्रुओं पर प्रबल हो सकेंगे;

आप ही के महिमामय नाम से हम अपने शत्रुओं को कुचल डालेंगे.

मुझे अपने धनुष पर भरोसा नहीं है,

मेरी तलवार भी मेरी विजय का साधन नहीं है;

हमें अपने शत्रुओं पर विजय आपने ही प्रदान की है,

आपने ही हमारे शत्रुओं को लज्जित किया है.

हम निरंतर परमेश्वर में गर्व करते रहे,

हम सदा-सर्वदा आपकी महिमा का धन्यवाद करते रहेंगे.

किंतु अब आपने हमें लज्जित होने के लिए शोकित छोड़ दिया है;

आप हमारी सेना के साथ भी नहीं चल रहे.

आपके दूर होने के कारण, हमें शत्रुओं को पीठ दिखानी पड़ी.

यहां तक कि हमारे विरोधी हमें लूटकर चले गए.

आपने हमें वध के लिए निर्धारित भेड़ों समान छोड़ दिया है.

आपने हमें अनेक राष्ट्रों में बिखेर दिया है.

आपने अपनी प्रजा को मिट्टी के मोल बेच दिया,

और ऊपर से आपने इसमें लाभ मिलने की भी बात नहीं की.

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