स्तोत्र 40:9-17 HCV

स्तोत्र 40:9-17

विशाल सभा में मैंने आपके धर्ममय शुभ संदेश का प्रचार किया है;

देख लीजिए, याहवेह, आप जानते हैं

कि मैं इस विषय में चुप न रहूंगा.

मैंने अपने परमेश्वर की धार्मिकता को अपने हृदय में ही सीमित नहीं रखा;

मैं आपकी विश्वासयोग्यता तथा आपके द्वारा प्रदान किए गए उद्धार की चर्चा करता रहता हूं.

विशाल सभा के सामने

मैं आपके सत्य एवं आपके करुणा-प्रेम40:10 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं को छुपाता नहीं.

याहवेह, आप अपनी कृपा से मुझे दूर न करिये;

आपका करुणा-प्रेम तथा आपकी सत्यता निरंतर मुझे सुरक्षित रखेंगे.

मैं असंख्य बुराइयों से घिर चुका हूं; मेरे अपराधों ने बढ़कर मुझे दबा दिया है;

परिणामस्वरूप अब मैं देख भी नहीं पा रहा.

ये अपराध संख्या में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं,

मेरा साहस अब टूटा जा रहा है.

याहवेह, कृपा कर मुझे उद्धार प्रदान कीजिए;

याहवेह, तुरंत मेरी सहायता कीजिए.

वे, जो मेरे प्राणों के प्यासे हैं,

लज्जित और निराश किए जाएं;

वे जिनका आनंद मेरी पीड़ा में है,

पीठ दिखाकर भागें तथा अपमानित किए जाएं.

वे सभी, जो मेरी स्थिति को देख, “आहा! आहा!”

कर रहे हैं, अपनी ही लज्जास्पद स्थिति को देख विस्मित हो जाएं.

किंतु वे सभी, जो आपकी खोज करते हैं

हर्षोल्लास में मगन हों;

वे सभी, जिन्हें आपके उद्धार की आकांक्षा है, यही कहें,

“अति महान हैं याहवेह!”

प्रभु, मैं गरीब और ज़रूरतमंद हूं;

इस कारण मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए.

आप ही मेरे सहायक तथा छुड़ानेवाले हैं;

मेरे परमेश्वर, अब विलंब न कीजिए.

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