स्तोत्र 30:8-12 HCV

स्तोत्र 30:8-12

याहवेह, मैंने आपको पुकारा;

मेरे प्रभु, मैंने आपसे कृपा की प्रार्थना की:

“क्या लाभ होगा मेरी मृत्यु से,

मेरे अधोलोक में जाने से?

क्या मिट्टी आपकी स्तुति करेगी?

क्या वह आपकी सच्चाई की साक्ष्य देगी?

याहवेह, मेरी विनती सुनिए, मुझ पर कृपा कीजिए;

याहवेह, मेरी सहायता कीजिए.”

आपने मेरे विलाप को उल्‍लास-नृत्य में बदल दिया;

आपने मेरे शोक-वस्त्र टाट उतारकर मुझे हर्ष का आवरण दे दिया,

कि मेरा हृदय सदा आपका गुणगान करता रहे और कभी चुप न रहे.

याहवेह, मेरे परमेश्वर, मैं सदा-सर्वदा आपके प्रति आभार व्यक्त करता रहूंगा.

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