स्तोत्र 22:1-11
स्तोत्र 22
संगीत निर्देशक के लिये. “सबेरे की हिरणी” धुन पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र.
मेरे परमेश्वर, मेरे परमेश्वर, क्यों आपने मेरा परित्याग कर दिया?
मुझे मुक्त करने में इतना विलंब क्यों हो रहा है?
क्यों मेरे कराहने का स्वर आप सुन नहीं पा रहे?
मेरे परमेश्वर, मैं दिन में पुकारता हूं पर आप उत्तर नहीं देते,
रात्रि में भी मुझे शांति प्राप्त नहीं हो पाती.
जबकि पवित्र हैं आप;
जो इस्राएल के स्तवन पर विराजमान हैं.
हमारे पूर्वजों ने आप पर भरोसा किया;
उन्होंने आप पर भरोसा किया और आपने उनका उद्धार किया.
उन्होंने आपको पुकारा और आपने उनका उद्धार किया;
आप में उनके विश्वास ने उन्हें लज्जित होने न दिया.
अब मैं मनुष्य नहीं, कीड़ा मात्र रह गया हूं,
मनुष्यों के लिए लज्जित, जनसाधारण के लिए अपमानित.
वे सभी, जो मुझे देखते हैं, मेरा उपहास करते हैं;
वे मेरा अपमान करते हुए सिर हिलाते हुए कहते हैं,
“उसने याहवेह में भरोसा किया है,
याहवेह ही उसे मुक्त कराएं.
वही उसे बचाएं,
क्योंकि वह याहवेह में ही मगन रहता है.”
आप ही हैं, जिन्होंने मुझे गर्भ से सुरक्षित निकाला;
जब मैं अपनी माता की गोद में ही था, आपने मुझमें अपने प्रति विश्वास जगाया.
जन्म के समय से ही मुझे आपकी सुरक्षा में छोड़ दिया गया;
आप उस क्षण से मेरे परमेश्वर हैं, जिस क्षण से मैं माता के गर्भ में आया.
प्रभु, मुझसे दूर न रहें,
क्योंकि संकट निकट दिखाई दे रहा है
और मेरा सहायक कोई नहीं.