स्तोत्र 18:1-6
स्तोत्र 18
संगीत निर्देशक के लिये. याहवेह के सेवक दावीद की रचना. दावीद ने यह गीत याहवेह के सामने गाया जब याहवेह ने दावीद को उनके शत्रुओं तथा शाऊल के आक्रमण से बचा लिया था. दावीद ने कहा:
याहवेह, मेरे सामर्थ्य, मैं आपसे प्रेम करता हूं.
याहवेह मेरी चट्टान, मेरा गढ़ और मेरे छुड़ानेवाले हैं;
मेरे परमेश्वर, मेरे लिए चट्टान हैं, जिनमें मैं आसरा लेता हूं,
वह मेरी ढाल और मेरे उद्धार का सींग, वह मेरा गढ़.
मैं दोहाई याहवेह की देता हूं, सिर्फ वही स्तुति के योग्य हैं,
और मैं शत्रुओं से छुटकारा पा लेता हूं.
मृत्यु की लहरों में घिर चुका था;
मुझ पर विध्वंस की तेज धारा का वार हो रहा था.
अधोलोक के तंतुओं ने मुझे उलझा लिया था;
मैं मृत्यु के जाल के आमने-सामने आ गया था.
अपनी वेदना में मैंने याहवेह की दोहाई दी;
मैंने अपने ही परमेश्वर को पुकारा.
अपने मंदिर में उन्होंने मेरी आवाज सुन ली,
उनके कानों में मेरा रोना जा पड़ा.