स्तोत्र 17:13-15 HCV

स्तोत्र 17:13-15

उठिए, याहवेह, उसका सामना कीजिए, उसे नाश कीजिए;

अपनी तलवार के द्वारा दुर्जन से मेरे प्राण बचा लीजिए,

याहवेह, अपने हाथों द्वारा, उन मनुष्यों से, उन सांसारिक मनुष्यों से

जिनका भाग मात्र इसी जीवन में मगन है.

उनका पेट आप अपनी निधि से परिपूर्ण कर देते हैं;

संतान पाकर वे प्रसन्‍न हैं,

और वे अपनी समृद्धि अपनी संतान के लिए छोड़ जाते हैं.

अपनी धार्मिकता के कारण मैं आपके मुख का दर्शन करूंगा;

जब मैं प्रातः आंखें खोलूं, तो आपके स्वरूप का दर्शन मुझे आनंद से तृप्‍त कर देगा.

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