स्तोत्र 140:1-5 HCV

स्तोत्र 140:1-5

स्तोत्र 140

संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र.

याहवेह, दुष्ट पुरुषों से मुझे उद्धार प्रदान कीजिए;

हिंसक पुरुषों से मेरी रक्षा कीजिए,

वे मन ही मन अनर्थ षड़्‍यंत्र रचते रहते हैं

और सदैव युद्ध ही भड़काते रहते हैं.

उन्होंने अपनी जीभ सर्प सी तीखी बना रखी है;

उनके होंठों के नीचे नाग का विष भरा है.

याहवेह, दुष्टों से मेरी रक्षा कीजिए;

मुझे उन हिंसक पुरुषों से सुरक्षा प्रदान कीजिए,

जिन्होंने, मेरे पैरों को उखाड़ने के लिए युक्ति की है.

उन अहंकारियों ने मेरे पैरों के लिए एक फंदा बनाकर छिपा दिया है;

तथा रस्सियों का एक जाल भी बिछा दिया है,

मार्ग के किनारे उन्होंने मेरे ही लिए फंदे लगा रखे हैं.

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