स्तोत्र 131:1-3 HCV

स्तोत्र 131:1-3

स्तोत्र 131

आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना.

याहवेह, मेरा हृदय न तो अहंकार से फूल रहा है,

और न मेरी आंखें घमंड में चढ़ी हुई हैं;

मेरी रुचि न तो असाधारण उपलब्धियों में है,

न चमत्कारों में.

मैंने अपने प्राणों को शांत और चुप कर लिया है,

जैसे माता की गोद में तृप्‍त शिशु;

मेरा प्राण अब ऐसे ही शिशु-समान शांत है.

इस्राएल, याहवेह पर भरोसा रखो

इस समय और सदा-सर्वदा.

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