स्तोत्र 130:1-8 HCV

स्तोत्र 130:1-8

स्तोत्र 130

आराधना के लिए यात्रियों का गीत.

याहवेह, गहराइयों में से मैं आपको पुकार रहा हूं;

हे प्रभु, मेरा स्वर सुन लीजिए,

कृपा के लिए मेरी नम्र विनती की

ओर आपके कान लगे रहें.

याहवेह, यदि आप अपराधों का लेखा रखने लगें,

तो प्रभु, कौन ठहर सकेगा?

किंतु आप क्षमा शील हैं,

तब आप श्रद्धा के योग्य हैं.

मुझे, मेरे प्राणों को, याहवेह की प्रतीक्षा रहती है,

उनके वचन पर मैंने आशा रखी है.

मुझे प्रभु की प्रतीक्षा है

उन रखवालों से भी अधिक, जिन्हें सूर्योदय की प्रतीक्षा रहती है,

वस्तुतः उन रखवालों से कहीं अधिक जिन्हें भोर की प्रतीक्षा रहती है.

इस्राएल, याहवेह पर भरोसा रखो,

क्योंकि जहां याहवेह हैं वहां करुणा-प्रेम भी है

और वही पूरा छुटकारा देनेवाले हैं.

स्वयं वही इस्राएल को,

उनके अपराधों को क्षमा करेंगे.

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