स्तोत्र 13:1-6 HCV

स्तोत्र 13:1-6

स्तोत्र 13

संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र.

कब तक, याहवेह? कब तक आप मुझे भुला रखेंगे, क्या सदा के लिए?

कब तक आप मुझसे अपना मुख छिपाए रहेंगे?

कब तक मैं अपने मन को समझाता रहूं?

कब तक दिन-रात मेरा हृदय वेदना सहता रहेगा?

कब तक मेरे शत्रु मुझ पर प्रबल होते रहेंगे?

याहवेह, मेरे परमेश्वर, मेरी ओर ध्यान दे मुझे उत्तर दीजिए.

मेरी आंखों को ज्योतिर्मय कीजिए, ऐसा न हो कि मैं मृत्यु की नींद में समा जाऊं,

तब तो निःसंदेह मेरे शत्रु यह घोषणा करेंगे, “हमने उसे नाश कर दिया,”

ऐसा न हो कि मेरा लड़खड़ाना मेरे विरोधियों के लिए आनंद का विषय बन जाए.

जहां तक मेरा संबंध है, याहवेह, मुझे आपके करुणा-प्रेम13:5 करुणा-प्रेम ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं पर भरोसा है;

तब मेरा हृदय आपके द्वारा किए उद्धार में मगन होगा.

मैं याहवेह का भजन गाऊंगा,

क्योंकि उन्होंने मुझ पर अनेकानेक उपकार किए हैं.

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