स्तोत्र 125:1-5 HCV

स्तोत्र 125:1-5

स्तोत्र 125

आराधना के लिए यात्रियों का गीत.

जिन्होंने याहवेह पर भरोसा किया है, वे ज़ियोन पर्वत समान हैं,

जिसे हिलाया नहीं जा सकता, जो सदा-सर्वदा स्थायी है.

जिस प्रकार पर्वतों ने येरूशलेम को घेरा हुआ है,

उसी प्रकार याहवेह भी अपनी प्रजा को घेरे हुए हैं

आज भी और सदा-सर्वदा.

धर्मियों को आवंटित भूमि पर

दुष्टों का राजदंड स्थायी न रहेगा,

कहीं ऐसा न हो कि धर्मियों के हाथ

बुराई की ओर बढ़ जाएं.

याहवेह, धर्मियों का कल्याण कीजिए,

उनका, जिनके हृदय निष्ठ हैं.

उन्हें, जो दुष्टता के मार्ग की ओर मुड़ जाते हैं,

याहवेह उन्हें दुष्टों के साथ काट देंगे.

इस्राएल राष्ट्र में शांति व्याप्‍त हो.

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