स्तोत्र 119:153-160
मेरे दुःख पर ध्यान दीजिए और मुझे इससे बचा लीजिए,
क्योंकि आपकी व्यवस्था को मैं भुला नहीं.
मेरे पक्ष का समर्थन करके मेरा उद्धार कीजिए;
अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
कठिन है दुष्टों का उद्धार होना,
क्योंकि उन्हें आपकी विधियों की महानता ही ज्ञात नहीं.
याहवेह, अनुपम है आपकी मनोहरता;
अपने ही नियमों के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
मेरे सतानेवाले तथा शत्रु अनेक हैं,
किंतु मैं आपके अधिनियमों से दूर नहीं हुआ हूं.
विश्वासघाती आपके आदेशों का पालन नहीं करते,
तब मेरी दृष्टि में वे घृणास्पद हैं.
आप ही देख लीजिए: कितने प्रिय हैं मुझे आपके नीति-सिद्धांत;
याहवेह, अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
वस्तुतः सत्य आपके वचन का सार है;
तथा आपके धर्ममय नियम सदा-सर्वदा स्थायी रहते हैं.
ש शीन