स्तोत्र 119:105-112 HCV

स्तोत्र 119:105-112

आपका वचन मेरे पांवों के लिए दीपक,

और मेरे मार्ग के लिए प्रकाश है.

मैंने यह शपथ ली है और यह सुनिश्चित किया है,

कि मैं आपके धर्ममय नियमों का ही पालन करता जाऊंगा.

याहवेह, मेरी पीड़ा असह्य है;

अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.

याहवेह, मेरे मुख से निकले स्वैच्छिक स्तवन वचनों को स्वीकार कीजिए,

और मुझे अपने नियमों की शिक्षा दीजिए.

आपकी व्यवस्था से मैं कभी दूर न होऊंगा,

यद्यपि मैं लगातार अपने जीवन को हथेली पर लिए फिरता हूं.

दुष्टों ने मेरे लिए जाल बिछाया हुआ है,

किंतु मैं आपके उपदेशों से नहीं भटका.

आपके नियमों को मैंने सदा-सर्वदा के लिए निज भाग में प्राप्‍त कर लिया है;

वे ही मेरे हृदय का आनंद हैं.

आपकी विधियों का अंत तक

पालन करने के लिए मेरा हृदय तैयार है.

ס सामेख

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