स्तोत्र 113:1-9 HCV

स्तोत्र 113:1-9

स्तोत्र 113

याहवेह का स्तवन हो.

याहवेह के सेवको, स्तवन करो;

याहवेह की महिमा का स्तवन करो.

आज से सदा-सर्वदा

याहवेह के नाम का स्तवन होता रहे.

उपयुक्त है कि सूर्योदय से सूर्यास्त के क्षण तक,

याहवेह के नाम का स्तवन हो.

याहवेह समस्त राष्ट्रों के ऊपर हैं,

उनका तेज स्वर्ग से भी महान है.

और कौन है याहवेह हमारे परमेश्वर के तुल्य,

जो सर्वोच्च सिंहासन पर विराजमान हैं,

जिन्हें स्वर्ग एवं पृथ्वी को देखने के लिए

झुककर दृष्टिपात करना पड़ता है?

याहवेह ही कंगाल को धूलि से उठाकर बसाते हैं,

वही दरिद्र को राख के ढेर से उठाकर ऊंचा करते हैं.

वही उन्हें प्रधानों के साथ लाकर,

अपनी प्रजा के प्रधानों के साथ विराजमान करते हैं.

वही बांझ स्त्री को बच्चों की माता का आनंद प्रदान करके

परिवार में सम्मान प्रदान करते हैं.

याहवेह का स्तवन हो.

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