स्तोत्र 109:1-20
स्तोत्र 109
संगीत निर्देशक के लिये. दावीद की रचना. एक स्तोत्र.
परमेश्वर, मेरे स्तुति पात्र,
निष्क्रिय और चुप न रहिए.
दुष्ट और झूठे पुरुषों ने मेरी निंदा
करना प्रारंभ कर दिया है;
वे जो कुछ कहकर मेरी निंदा कर रहे हैं, वह सभी झूठ है.
उन्होंने मुझ पर घिनौने शब्दों की बौछार कर दी;
अकारण ही उन्होंने मुझ पर आक्रमण कर दिया है.
उन्होंने मेरी मैत्री के बदले मुझ पर आरोप लगाये,
किंतु मैं प्रार्थना का आदमी109:4 प्रार्थना का आदमी अर्थात् निरंतर प्रार्थना करनेवाला व्यक्ति हूं!
उन्होंने मेरे हित का प्रतिफल बुराई में दिया है,
तथा मेरी मैत्री का प्रतिफल घृणा में.
आप उसका प्रतिरोध करने के लिए किसी दुष्ट पुरुष को ही बसा लीजिए;
उसके दायें पक्ष पर कोई विरोधी खड़ा हो जाए.
जब उस पर न्याय चलाया जाए तब वह दोषी पाया जाए,
उसकी प्रार्थनाएं उसके लिए दंड-आज्ञा हो जाएं.
उसकी आयु कम हो जाए;
उसके पद को कोई अन्य हड़प ले.
उसकी संतान पितृहीन हो जाए
तथा उसकी पत्नी विधवा.
उसकी संतान भटकें और भीख मांगें;
वे अपने उजड़े घर से दूर जाकर भोजन के लिए तरस जाएं.
महाजन उसका सर्वस्व हड़प लें;
उसके परिश्रम की संपूर्ण निधि परदेशी लोग लूट लें.
उसे किसी की भी कृपा प्राप्त न हो
और न कोई उसकी पितृहीन संतान पर करुणा प्रदर्शित करे.
उसका वंश ही मिट जाए,
आगामी पीढ़ी की सूची से उनका नाम मिट जाए.
याहवेह के सामने उसके पूर्वजों का अपराध स्मरण दिलाया जाए;
उसकी माता का पाप कभी क्षमा न किया जाए.
याहवेह के सामने उन सभी के पाप बने रहें,
कि वह उन सबका नाम पृथ्वी पर से ही मिटा दें.
करुणाभाव उसके मन में कभी आया ही नहीं,
वह खोज कर निर्धनों,
दीनों तथा खेदितमनवालों की हत्या करता है.
शाप देना उसे अत्यंत प्रिय है,
वही शाप उस पर आ पड़े.
किसी की हितकामना करने में उसे कोई आनंद प्राप्त नहीं होता—
उत्तम यही होगा कि हित उससे ही दूर-दूर बना रहे.
उसके लिए वस्त्र धारण करने जैसे ही हो गया शाप देना;
जैसा जल शरीर का अंश होता है; वैसे ही हो गया शाप,
हां, जैसे तेल हड्डियों का अंश हो जाता है!
शाप ही उसका वस्त्र बन जाए,
कटिबंध समान, जो सदैव समेटे रहता है.
याहवेह की ओर से मेरे विरोधियों के लिए यही प्रतिफल हो,
उनके लिए, जो मेरी निंदा करते रहते हैं.