स्तोत्र 108:1-5
स्तोत्र 108
एक गीत. दावीद का एक स्तोत्र.
परमेश्वर, मेरा हृदय निश्चिंत है;
मैं संपूर्ण हृदय से संगीत बनाऊंगा, और गाऊंगा.
नेबेल और किन्नोर जागो!
मैं सुबह को जागृत करूंगा.
याहवेह, मैं लोगों के मध्य आपका आभार व्यक्त करूंगा;
राष्ट्रों के मघ्य मैं आपका स्तवन करूंगा.
क्योंकि आपका करुणा-प्रेम आकाश से भी महान है;
आपकी सच्चाई अंतरीक्ष तक जा पहुंचती है.
परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं;
आपकी महिमा समस्त पृथ्वी को तेजोमय करें.