स्तोत्र 106:32-39
मेरिबाह जलाशय के निकट उन्होंने याहवेह के कोप को भड़काया,
उनके कारण मोशेह पर संकट आ पड़ा,
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के आत्मा के विरुद्ध बलवा किया था,
और मोशेह ने बिन सोचे शब्द बोल डाले थे.
याहवेह के आदेश के अनुरूप
उन्होंने उन लोगों की हत्या नहीं की,
परंतु वे अन्य जनताओं से घुल-मिल गए
और उन्होंने उनकी प्रथाएं भी अपना लीं.
उन्होंने उनकी प्रतिमाओं की आराधना की,
जो उनके लिए फंदा बन गईं.
उन्होंने अपने पुत्र-पुत्रियों को प्रेतों
के लिए बलि कर दिया.
उन्होंने निर्दोषों का रक्त बहाया,
अपने ही पुत्रों और पुत्रियों का रक्त,
जिनकी उन्होंने कनान देश की प्रतिमाओं को बलि अर्पित की,
और उनके रक्त से भूमि दूषित हो गई.
अपने कार्यों से उन्होंने स्वयं को भ्रष्ट कर डाला;
उन्होंने अपने ही कार्यों के द्वारा विश्वासघात किया.