स्तोत्र 105:1-11 HCV

स्तोत्र 105:1-11

स्तोत्र 105

याहवेह के प्रति आभार व्यक्त करो, उनको पुकारो;

सभी जनताओं के सामने उनके द्वारा किए कार्यों की घोषणा करो.

उनकी प्रशंसा में गाओ, उनका गुणगान करो;

उनके सभी अद्भुत कार्यों का वर्णन करो.

उनके पवित्र नाम पर गर्व करो;

उनके हृदय, जो याहवेह के खोजी हैं, उल्‍लसित हों.

याहवेह और उनकी सामर्थ्य की खोज करो;

उनकी उपस्थिति के सतत खोजी बने रहो.

उनके द्वारा किए अद्भुत कार्य स्मरण रखो

तथा उनके द्वारा हुईं अद्भुत बातें एवं निर्णय भी,

उनके सेवक अब्राहाम के वंश,

उनके द्वारा चुने हुए याकोब की संतान.

वह याहवेह हैं, हमारे परमेश्वर;

समस्त पृथ्वी पर उनके द्वारा किया गया न्याय स्पष्ट है.

उन्हें अपनी वाचा सदैव स्मरण रहती है,

वह आदेश जो उन्होंने हजार पीढ़ियों को दिया,

वह वाचा, जो उन्होंने अब्राहाम के साथ स्थापित की,

प्रतिज्ञा की वह शपथ, जो उन्होंने यित्सहाक से खाई थी,

जिसकी पुष्टि उन्होंने याकोब से अधिनियम स्वरूप की,

अर्थात् इस्राएल से स्थापित अमर यह वाचा:

“कनान देश तुम्हें मैं प्रदान करूंगा.

यह वह भूखण्ड है, जो तुम निज भाग में प्राप्‍त करोगे.”

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